राहुल कि इससे ज्यादा तोहीन नहीं हो सकती

राज्य सरकार का सूचना तंत्र भी विफल किरोड़ी संदेश देने में सफल

अलवर । कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा पर है । अलवर में 2 दिन पहले उनकी दौसा से अलवर जाने के रास्ते में राजगढ़ कस्बे में सुरेर की ढाणी में पंडाल बनाया गया था। इस पंडाल में राहुल गांधी और भारत जोड़ो यात्रा से जुड़े हुए यात्रियों को नाश्ता करना था । लेकिन अचानक इस पंडाल में भाजपा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा पहुंच गए और धरना दे दिया। उनके धरने के 1 घंटे बाद आसपास के गांवों के लोग भी पहुंच गए और उनके साथ धरने पर बैठ गए । प्रशासन के हाथ पांव फूल गए ,प्रशासन ने संदेश दिया कि यदि डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा को जबरन उठाने का का प्रयास किया गया तो मामला बिगड़ सकता है। डॉक्टर किरोड़ लाल मीणा ने कहा कि वे सिर्फ राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे और सात लोगों के प्रतिनिधिमंडल के साथ मिलेंगे । इस पर प्रशासनिक अमले ने मुख्यमंत्री तक बात पहुंचाई और मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी से बात कर डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा और राहुल गांधी की मुलाकात फिक्स कर दी। निर्धारित समय पर राहुल गांधी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह, जिला कलेक्टर और तमाम लोग डॉक्टर किरोडी लाल मीणा का इंतजार करते रहे। राहुल गांधी से बातचीत करने डॉक्टर किरोडी लाल मीणा तो नहीं पहुंचे, लेकिन उन्होंने 7 लोगों का प्रतिनिधिमंडल भेज दिया जो इन मांगों से जुड़े हुए थे।

राहुल गांधी और अशोक गहलोत ने डॉक्टर किरोडी लाल मीणा की वरिष्ठता को देखते हुए ही मिलने का समय दिया था। यदि उन्हें इस बात का पता होता कि डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा खुद मुलाकात नहीं कर अन्य लोगों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के लिए भेजेंगे, तो शायद राहुल गांधी यह समय नहीं देते। फिर यह मुलाकात जिला कलेक्टर या मंत्री स्तर पर ही होती। लेकिन फिर भी राहुल गांधी का बड़प्पन है कि उन्होंने डॉ किरोड़ी लाल मीणा के द्वारा भेजे गए 7 लोगों के प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाकात कर उन्हें गंभीरता से सुना। प्रतिनिधिमंडल में बेरोजगारों से जुडे गोविंद मीणा, सीएचसी की तरफ से पूजा बावरिया, मंदिर माफी की जमीनों के मामले को लेकर शिव शंकर बल्याि जोशी, ईआरसीपी ,के मुददे पर देवाराम गुर्जर, किसान कर्ज माफी को लेकर रूपसिंह सूरतपुरा और शराब ठेकेदारों की मांग को लेकर पंकज धनकड़ ,महिला अत्याचारों के मामले को लेकर शंभू कुईवाल ने मुलाकात की।

राहुल गांधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात करने वाले यह सातों लोग एसे हैं ,जिन्होंने शायद पहली बार इस तरह की बातचीत में हिस्सा लिया होगा। आज से पहले न तो इनको मीडिया के लोग इन्हें जानते हैं ,और ना ही कभी इन्होंने किसी संगठन का बड़े स्तर पर प्रतिनिधित्व करा होगा। , लेकिन यह डॉक्टर किरोडी लाल मीणा की ताकत ही है जिसके आगे सरकार और प्रशासन को झुकना पड़ा । किरोड़ी ने वार्ता के लिए जिनके नाम तय करके भेजें, सरकार ने उन्हीं से मुलाकात की। , लेकिन इस वार्ता को स्तरीय वार्ता नहीं कह सकते। यह किसी भी तरह से संतोषजनक भी नहीं कही जा सकती। हर बातचीत का एक कद होता है ,लेकिन यहां डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा ने तमाम मर्यादा तोड़ दी। कहीं न कहीं यह सरकार के प्रशासनिक अमले की भी बड़ी चूक है। जब प्रतिनिधिमंडल में खुद डॉक्टर किरोडी लाल मीणा नहीं आ रहे थे ,तो उन्हें वार्ता रद्द कर देनी चाहिए थी । या फिर वार्ता जिला कलक्टर स्तर पर ही निपटा देनी चाहिए थी । लेकिन वार्ता के माध्यम से राहुल गांधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी कहीं न कहीं एक मैसेज देना चाहते थे कि वे आम आवाम से मिलने निकले हैं ,आम आवाम की सरकार है ,इसीलिए वह विरोधी दल के नेता के कहने पर उनके भेजे हुए प्रतिनिधिमंडल से भी मिल रहे हैं। उनकी बात गंभीरता से सुन रहे। जबकि उनकी बात को उनकी पार्टी कभी, गंभीरता से नहीं लेती है । लेकिन कहीं न कहीं सरकार और प्रशासनिक अमले की भी यही सोच रही होगी कि राहुल गांधी से डॉक्टर किरोडी लाल मीणा की मुलाकात होगी, तो उसका पूरे देश में एक अलग मैसेज जाएगा, कि हम विरोधियों को भी गले लगाते हैं ।उनकी भी बात ध्यान से सुनते हैं। यह यात्रा केवल कांग्रेसियों के लिए नहीं है, बल्कि भारत जोड़ने के लिए है। जिसमें सभी को तवज्जो दिया जाना, कांग्रेस का काम है ।

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