जयपुर ।जनता के हर मुद्दे को अपने तरीके से उठाना और उसे अंजाम तक पहुंचाने के लिए जी जान लगाने वाले राज्यसभा सांसद भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉक्टर किरोडी लाल मीणा इस बार फंसते हुए नजर आ रहे हैं। दरअसल डॉक्टर किरोडी लाल मीणा ने पिछले आठ 10 दिन से पुलवामा के 3 शहीदों की वीरांगनाओं को लेकर धरना प्रदर्शन किया और वह तीनों की मांगों को लेकर सड़क पर बैठे, मुख्यमंत्री आवास पर धरना दिया, सिविल लाइंस फाटक गए सचिन पायलट के घर भी गए और गिरफ्तार भी हुए। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस से हुई धक्का-मुक्की के दौरान अस्पताल भी जाना पड़ा और अभी अस्पताल में भर्ती है।

दरअसल डॉक्टर किरोडी लाल मीणा शहीद जीत राम गुर्जर शहीद हेमराज मीणा और शहीद रोहिताश लांबा की विधवाओं की मांगों को लेकर आंदोलनरत है । उन्होंने शहीद जीत राम गुर्जर की पत्नी सुंदरी देवी के देवर को नौकरी देने की मांग की है ,वहीं मंजू जाट के देवर के लिए नौकरी मांग रहे हैं, तो शहीद हेमराज मीणा की पत्नी अपने पति की शहादत पर तीसरी मूर्ति सरकारी स्कूल में लगाने की मांग पर अड़ी हुई है और डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा इन्हीं मांगों को लेकर इन दिनों चर्चा में और सुर्खियों पर।

मुख्यमंत्री गहलोत किरोड़ी और भाजपा पर लगाया वीरांगनाओं के नाम पर राजनीति करने का आरोप

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि प्रदेश में वीरांगनाओं के लिए देश में सबसे शानदार पैकेज है और इन तीनों वीरांगनाओं को भी वह पैकेज सरकार की तरफ से दिया जा चुका है शहीद जीत राम गुर्जर को ₹5000000 और अन्य सुविधाएं दी जा चुकी है उनके बच्चों को नौकरी दी जा रही है शहीद हेमराज मीणा पत्नी को भी ₹5000000 और अन्य पैकेज दिया जा चुका है दो मूर्तियां उनकी दो अलग-अलग सरकारी स्कूलों में लगाई जा चुकी है लेकिन अब उनकी पत्नी तीसरी मूर्ति लगाने की मांग पर अड़ी हुई है जो सरासर गलत है । इसी तरह से मंजू जाट को भी शहीद का पूरा पैकेज दिया जा चुका है ।उनके बच्चों के लिए नौकरी प्रस्तावित है । लेकिन वह अपने देवर को नौकरी देना चाहती है और देवर के ही उनके पूरा पहनने की बात चर्चा में है । सुंदरी गुजर तो अपने पति की शहादत के 6 महीने बाद ही अपने देवर के नाते चली गई है और देवर के दो बच्चे भी हो चुके हैं ऐसे में अब वह अपने बच्चों के लिए नहीं अब देवर को नौकरी गिराना चाहती है डॉ किरोड़ी लाल मीणा इन्हीं मांगों का समर्थन कर रहे हैं। जबकि यह संभव नहीं है। क्योंकि सरकारे किसी भी शहीद के बच्चों या उनकी वीरांगना को ही नौकरी दे सकती है । लेकिन डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा इस मांग पर अड़े में है कि सरकार को उनक उनके देवर को नौकरी देनी चाहिए ।

सरकार इस पर दो टूक है और साफ कहना है कि ऐसा नहीं हो सकता है प्रदेश की करीब दो दर्जन से ज्यादा विराम विराम ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से जयपुर में मुलाकात की और उन्होंने कहा कि इस मामले में राजस्थान सरकार के द्वारा बनाए गए नियम कायदे बिल्कुल ठीक है और जो शहीद होता है उसकी पत्नी या उसके बच्चों को ही नौकरी का हक होना चाहिए जो पूर्व में मिल रहा है बस यही है क्योंकि यदि यही नौकरी देवरिया किसी अन्य परिजनों को दी जाएगी तो फिर उस शहीद की पत्नी और उनके बच्चों का भविष्य ठीक नहीं रहेगा उनके साथ किसी भी तरह का व्यवहार फसने का डर रहेगा भविष्य में उनके हकों की रक्षा नहीं हो सकती इसलिए उन्होंने भी करार दिया शहीदों को दिए जाने वाले पैकेज में भी शहीद की पत्नी और उनके बच्चों के लिए ही नौकरी का प्रावधान है पेंशन का प्रावधान है नहीं है ऐसे में राजस्थान सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह जसोल का भी कहना है कि ऐसा कोई नियम नहीं है जिससे कि परिजनों को नौकरी दी जाए राजस्थान में बड़ी संख्या में शहीद वीरांगनाओं की संख्या है। ऐसे में यदि सभी ने परिजनों के लिए नौकरी मांग ली और जब उनके खुद के बच्चे वाली होंगे तब वह संवैधानिक रूप से नौकरी मांगेंगे ।तब सरकार के सामने विकट स्थिति खड़ी हो सकती है। यह भावनाओं का खेल नहीं है यह बच्चों के जीवन का सवाल है ।ऐसे में नेताओं को इस तरह की बेहूदा मांगे नहीं उठानी चाहिए , जिससे परिवार टूटने की संभावनाएं ज्यादा होती है।

भाजपा ने किया प्रदेश भर में धरना प्रदर्शन

डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा की गिरफ्तारी और स्वास्थ्य बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराने के साथ पुलिस कर्मी द्वारा की गई अभद्रता के विरोध में भाजपा ने प्रदेश भर में धरने प्रदर्शन किए और जयपुर में प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर बड़ा प्रदर्शन किया गया इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने तीन पुलिस की बसों को तोड़फोड़ दिया वही बैरिकेड तोड़ दिए और प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सतीश पूनिया ने कई साथियों के साथ गिरफ्तार सबसे खास बात है कि प्रदेश मुख्यालय पर आयोजित धरना प्रदर्शन के दौरान डॉ सतीश पूनिया के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई और इस दौरान किरोड़ी लाल मीणा समर्थकों ने सतीश पूनिया के खिलाफ नारेबाजी कर कॉल कर माया वही सतीश पूनिया समर्थकों ने दी पुनिया के समर्थन में नारेबाजी की इसे साफ हो गया कि भाजपा इस मुद्दे पर एकजुट नहीं है और भाजपा में कहीं इस मुद्दे पर दो पार नजर आ रही है भाजपा की कई वरिष्ठ नेताओं ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा यह मांगे ही गलत है दरअसल जब भाजपा की सरकार आएगी तब उन्हें इस बात को ज्यादा फेस करना पड़ेगा किसी भी राजनीतिक दल या नेता को इस तरह की बेहूदा मांगों का समर्थन करने से पहले सरकार के नियम का भी अध्ययन करना चाहिए हर मांग का समर्थन करना या हर मुद्दे को हवा देना या देने से पहले उस पर विचार करना भी जरूरी है भारतीय जनता पार्टी सत्ताधारी पार्टी रही है सबसे बड़ी प्रमुख विपक्षी पार्टी है आने वाली सरकार भारतीय जनता पार्टी की बनने वाली है ऐसी स्थिति में भाजपा को इस तरह की मांगों का समर्थन नहीं करना चाहिए जो उसके लिए आने वाले समय में सल्फास बन जाए।

पहली बार है कि जब डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा खुद की बात पर खुद ही फंस गए हैं उनके समर्थक भी आप परेशान से हो गए हैं क्योंकि आए दिन किसी न किसी मुद्दे पर दिन में तीन बार दिन में 5 बार किसी ने किसी मुद्दे पर वह कहीं भी कुछ भी कर सकते हैं उनके बारे में कोई कुछ तय नहीं कर सकता। लेकिन जब एक बार उन्होंने बीड़ा उठा लिया तब उससे पीछे भी नहीं हट सकते उनका कहना है कि पूर्व में भी इस तरह से नियमों में संशोधन किया गया है तो आप नियम में संशोधन करने से क्या फर्क पड़ जाएगा लेकिन बात यहां अड़ी की हो रही है जब सरकार भी झुकने को तैयार नहीं है और डॉक्टर किरोडी लाल मीणा वापसी को राजी नहीं है।

विरोध के लिए विरोध

मीडिया का एक तबका डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा का समर्थन कर रहा है क्योंकि उसे अशोक गहलोत का विरोध करना है विरोध विरोध के लिए हो रहा है कुछ लोगों का साफ कहना है कि इस विरोध को जनसमर्थन इसीलिए नहीं मिल रहा है कि उनकी मांगे ही गैर वाजिब है नए उचित नहीं है यदि यही मांगे न्यायोचित होती तो सब लोग इसका समर्थन करते और आम जनता भी इनके समर्थन में खड़ी हो जाती लेकिन अब सबको लग रहा है कि यह विरोध सिर्फ विरोध के लिए हो रहा है इसका वीरांगनाओं से कोई लेना देना नहीं है वीरांगनाएं भी मौजूदा समय में सिर्फ भावनाओं में बह रही है उन्हें भी अपने बच्चे फिलहाल नजर नहीं आ रहे, जो कुछ समय बाद नजर आएंगे उन्हें अपनी गलती का एहसास होगा।

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