फाइल फ़ोटो

निरंजन परिहार

जयपुर। राजस्थान की राजनीति में 10 अक्टूबर का दिन बहुत हलचल भरा रहा। जयपुर में बैठे सबी राजनेताओं व अफसरशाही की निगाहें दिल्ली की ओर ही रही, क्योंकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली में आलाकमान से मुलाकात कर रहे थे। दिल्ली में राहुल गांधी के आवास पर प्रियंका गांधी की अशोक गहलोत से लंबी मीटिंग चली तो वहीं राजस्थान की राजधानी जयपुर में कई तरह के राजनीतिक कयास लगते रहे। दरअसल प्रियंका गांधी राजस्थान की राजनीति में मुख्यमंत्री गहलोत व सचिन पायलट के बीच सुलह का फार्मुला लेकर आईं थीं, लेकिन इस मीटिंग में मंत्रिमंडल विस्तार, राजनीतिक नियुक्तियों और राज्य की राजनीतिक स्थिति को लेकर चर्चा हुई। वैसे, इस मुद्दे पर आखरी फैसला सोनिया गांधी लेंगी, जिसमें राहुल गांधी की भी भूमिका रहेगी।

माना जा रहा है कि प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री गहलोत और सचिन पायलट के खेमों को साधने के लिए किसी सर्वमान्य फॉर्म्युले पर पहुंचने के लिए चर्चा की। उल्लेखनी है कि पार्टी से बगावत करने व सरकार पलटने की कोशिश के आरोप में सन 2020 के जून महीने में सचिन पाय़लट को प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष एवं उप मुख्यमंत्री दोनों ही पदों से बर्खास्त कर दिया गया था। तब से लेकर अब तक पायलट सत्ता व संगठन से बाहर ही हैं। प्रियंका गांधी से बातचीत होने के अलावा इस बैठक में मुख्यमंत्री गहलोत की पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल और अजय माकन के साथ भी लंबी बाचतीच हुई बताते हैं।

गहलोत की कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक से कुछ घंटे पहले उप मुख्यमंत्री पद से पिछले साल बर्खास्त किए गए सचिन पायलट की वेणुगोपाल के साथ बैठक हुई। इस बैठक में पायलट ने सरकार में कार्यकर्ताओं को भागीदारी मिलने पर काम जल्द होने की मांग की। इसीलिए जयपुर में देर रात तक मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर नेता ओं मे उत्सुकता रही। जल्द ही इस मामले पर आखिरी फैसला होने की उम्मीद है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और मुख्यमंत्री गहलोत के बीच बैठक के बाद कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी अजय माकन ने कहा कि हमने राजस्थान के राजनीतिक हालात पर विस्तार से चर्चा की। सिर्फ मंत्रिमंडल की ही नहीं, 2023 में हम लोग कैसे जीतकर वापस आएंगे, इस बारे में भी चर्चा हुई।

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