जयपुर। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे का कहना है कि उनकी अपने सहयोगियों के निधन पर संवेदना व्यक्त करने के कार्यक्रम को मीडिया के कुछ लोग राजनीतिक यात्रा बता कर भ्रम फैला रहे है। जबकि ये अपनों शोक व्यक्त करने का कार्यक्रम है, राजीनीतिक यात्रा नहीं है। वो तो कोरोनाकाल चल बसे अपनों को श्रद्दा सुमन अर्पित करने और भगवान के दर्शन करने आई है। राजे चित्तौड़गढ़ के मंडफिया कस्बे में भगवान श्री सांवलिया जी मंदिर प्रांगण में बोल रही थी।

मोदी जी के नारा- सबका साथ सबका विकास के साथ आगे बढ़ना है

उन्होंने कहा कि लोगों का यही प्यार , आशीर्वाद और यही साथ ही हमारी सब्र की बड़ी दौलत है। इसके बिना हम अधूरे हैं। मेरी माता राजमाता साहब ने भी मुझे यही सिखाया है। 36 कौमों को साथ लेकर आगे बढ़ोगे तो कभी कोई दिक्कत नहीं होगी। हर राह आसान हो जाएगी। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का भी नारा है । सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास।

राजे ने कहा कि चार दिनों का ये मेरा कार्यक्रम राजनीतिक नहीं है। मेरी बहु 10 महीनों से बीमार थी। सांवलिया सेठ के आशीर्वाद से अब उसके स्वास्थ्य में सुधार है। जब उनका स्वास्थ्य खराब होने के कारण सहयोगियों के निधन पर कोरोना काल में संवेदना व्यक्त करने नहीं आ सकी थी , इसलिए अब आई हूं। उन्होंने कहा जिन- जिन लोगों का स्वर्गवास हुआ है उनके घर – घर जाकर श्रद्दाजंलि दूंगी। इस दौरान रास्ते में जो भी धार्मिक स्थल आएंगे वहां दर्शन भी करुंगी।

राजनीति पर नहीं धर्मनीति पर चलती हूं

राजे ने कहा कि वे शुरु से राजनीति में नहीं धर्म में विश्वास करती है। कांग्रेस के लोग आरोप भी लगाते है कि ये तो भगवान भरोसे चलती है। हां में स्वीकार करती हूं कि मैं भगवान भरोसे चलती हूं। मैं शुरु से ही राजनीति में नहीं धर्म में विश्वास करती हूं।

125 मंदिरों का करवाया विकास

राजे ने कहा जब हमारी सरकार थी तब 550 करोड़ की लागत से प्रदेश के 125 मंदिरों का विकास तथा 110 करोड़ की लागत से 50 देवी- देवताओं और महापुरुषों के पेनोरमा तैयार कराय गए। चित्तौड़गढ़ में ही संत शिरोमणी दास, भगवान परशुराम, झाला- मन्ना, गौरा- बादल सहित कई महापुरुषों के पेनोरमा बनवाए

कन्हैया लाल को पहनाई पिता की पगड़ी

राजे लसाड़िया पहुंची। यहां पर स्वर्गीय विधायक गौतम मीणा के चित्र पर पुष्पाजंलि अर्पित की। उनके परिजनों से बात चीत की और उन्हें सां त्संवना दी। उनके बड़े बेटे प्रधान कन्हैया लाल मीणा को उनके पिता की पगड़ी बंधवाई। बताया जा रहा है कि यहां कन्हैया लाल मीणा ने तय किया था कि उन्होंने प्रण किया था कि उन्हें पगड़ी राजे ही बंधवाएगी। इसलिए आज उऩका प्रण पूरा हो गया है।

जीतमल खांट को अर्पित किए श्रद्दासुमन

बांसवाड़ा के अर्धुना गांव में पूर्व विधायक जीतमल खांट के गांव पहुंची। यहा उन्होने पूर्व मंत्री स्व. जीतमल खांट को श्रद्दाजंलि अर्पित की। उनके परिजनों को ढांढस बंधाया।

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