जयपुर। राजधानी जयपुर हो या फिर जोधपुर, बाड़मेर हो या फिर जैसलमेर, श्रीगंगानगर – हनुमानगढ़ जिले की तो बात ही क्या है। पूरे राजस्थान में शराब के ठेकों के बाहर रात्रि 8 बजे बाद धड़ल्ले से शराब की बिक्री होती है। जयपुर की सड़कों पर स्थित किसी भी शराब के ठेके के बाहर आप रात 8 बजे बाद जाओ बाहर शराबठेके के दो – चार कर्मचारी बैठे मिल जाएंगे जो आपको जिस ब्रांड की चाहो उसी ब्रांड की शराब ठेके से उपलब्ध करा देंगे। बस आपको इसके लिए चुकाना है 20 प्रतिशत अधिक। कई शराब ठेके के बाहर तो कर्मचारी ब्ल्यू ट्रूथ लेकर ग्राहक से बात कर पैसा लेते है। जब तक वो पैसा वापस देते है तब तक दूसरा कर्मचारी शराब का ब्रांड लेकर हाजिर हो जाता है। कई ठेकों के बाहर आस- पास खड़े होकर शराब ठेकों के कर्मचारी ये धंधा खूब कर रहे है। राजधानी जयपुर के साथ – साथ हाईवे पर भी शराब के ठकों पर, होटलों , ढाबों पर शराब आसानी से मिल जाती है।

गुर्जर की थड़ी पर सड़क पर मिलती है शराब

गुर्जर की थड़ी के चौराहे के आस- पास यदि आपने गलती से रात 8 बजे बाद अपने वाहन को रोक लिया तो पास खड़े युवा दौड़ कर आएंगे पूछेंगे भाई साहब क्या चाहिए। बीयर- शराब कौनसे ब्रांड की। कई बार आदमी असहज हो जाता है। आखिर ये क्या है। परिवार के साथ जा रहा हो तो और भी बुरा लगता है। कम से कम पुलिस को इस तरह से बिक रही शराब पर तो नियंत्रण लगाना चाहिए।

महारानी गार्डन रोड़ , वैशाली नगर, झोटवाड़ा, चार नंबर डिस्पेंसरी,

मान्यावास रोड़ स्थित महारानी गार्डन रोड़ से लोगों का अपने घरों पर जाना दूभर हो जाता है। रात 8 बजे बाद शराब खरीदने वाले और बेचने वाले वाहनों को खड़ा कर धड़ल्ले से शराब बेचते नजर आएंगे। ठेके के बाहर ही ठेकेदार के दर्जनों आदमी खड़े इस काम को बखूबी करते है। लेकिन कोई पकड़- धकड़ नहीं होती। ऐसा ही नजारा चार नंबर डिस्पेंसरी के पास स्थित ठेकों के बाहर भी नजर आता है। वैशाली और झोटवाड़ा में भी ये आम बात है। अधिकांश शराब के ठेकों पर इस तरह से धड़ल्ले से शराब बिकती है लेकिन कार्रवाई नहीं के बराबर हो रही है। सरकार को चाहिए की ये समय बढ़ाकर रात्रि 9 बजे तक कर दिया जाए जिससे कम से कम लोगों को ब्लैक में तो नहीं खरीदनी पड़े।

सात नबंर बस स्टैंड, राजापार्क, गांधी नगर , ट्रांसपोर्ट नगर , घाट की गुणी, झालाना डूंगरी

दरअसर शराब विक्रेताओं में डर खत्म हो गया। राजधानी जयपुर के जगतपुरा स्थित सात नंबर बस स्टैंड, जगतपुरा बस स्टैंड, गांंधी नगर मोड़, जनता स्टोर, झालाना डूंगरी, घाट की गुणी , सीकर रोड़, टोंक रोड़, अजमेर रोड़, आगरा रोड़ किसी भी इलाके में चले जाओ शराब के ठेके के बंद होने के बाद वहां पर शराब की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। शराब ठेकेदार कहते है ये शराब हमारे आदमी नहीं बेच रहे तो आखिर कौन बेच रहे है। उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है, पुलिस उन पर कार्रवाई करनी चाहिए। लेकिन इसमें आबकारी विभाग और स्थानीय पुलिस की भी मिलीभगत सामने आई है। जिसके चलते शराब का कारोबार सरकार के रात 8 बजे बाद भी धड़ल्ले से हो रहा है। जिससे अपराधों में भी बढ़ोतरी हो रही है। पुलिस को कम से कम इस पर शिकंजा कसना चाहिए।

फोन पर डिलिवरी

आजकल फोन पर भी शराब की डिलिवरी होने लगी है। इस बात का खुलासा चार दिन पूर्व जयपुर में पकड़े गए शराब तस्कर से ही चला है। पुलिस जांच में तस्कर ने इस बात को भी स्वीकार किया कि वो मंहगे ब्रांड की शराब के रैफर , ढ़क्कन और बोतलें खरीदकर खुद घर पर ही शराब बनाकर सप्लाइ करता था। ऐसे जयपुर शहर में बहुत से तस्कर है जो शराब की बिक्री फोन पर करते है। फोन पर शराब की सप्लाई कई शराब ठेकेदार भी कर रहे है। बताया जा रहा है कि ठेकेदारों के जितनी लागत ठेके लेने में लगी है वो निकल नहीं रही ऐसे में ठेके संचालकों ने शराब बेचने के कई तरीके ढुंढ लिए है। लेकिन इस तरह से घर- घर शराब की सप्लाई होने से समाज पर विपरीत असर पड़ रहा है। पुलिस को कम से कम नियम विरुद्द हो रहे इस धंधे और बदमाशों पर तो कार्रवाई करनी चाहिए। जिससे कम से कम लोगों को थोड़ी तो राहत मिले।

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