नई दिल्ली । उत्तराखंड और गोवा में आज मतदान हो रहा है और मतदान के रुझान को देखते हुए और इससे पूर्व चुनाव प्रचार के दौरान जिस तरह का माहौल देखा गया उससे साफ है कि दो प्रदेश भारतीय जनता पार्टी से जा रहे हैं और कांग्रेस पार्टी की सरकार बनती नजर आ रही है। उत्तराखंड में हरीश रावत के प्रति गहरी प्रतिबद्धता नजर आई और यहां हरीश रावत अपने दम पर कांग्रेस पार्टी की सरकार ला रहे हैं। हालांकि कांग्रेस पार्टी के तमाम नेता प्रचार प्रसार में जुटे हुए हैं। लेकिन माना जा रहा है कि स्थानीय लोगों में हरीश रावत के प्रति सिंपैथी थी और इस सहानुभूति की लहर वोटो में भी कन्वर्ट होते हुए देखा जा रहा है । लोगों का कहना है कि पिछली बार भी लोगों ने हरीश रावत को ही वोट दिए थे और उन्हें मुख्यमंत्री चुना था। लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के विधायकों को छोड़कर बीजेपी की सरकार बना ली। ऐसे में हरीश रावत को उम्र के इस आखिरी पड़ाव में एक बार और उत्तराखंड की सेवा का अवसर देना चाहिए। राजनीतिक रणनीतिकारों का कहना है कि हालांकि आखिरी 3 महीने में उत्तराखंड सरकार ने जोरदार काम किए और धामी ने अलग पहचान बनाई ।लेकिन धामी के प्रति लोगों में खास सहानुभूति नहीं देखने को मिल रही है। ऐसे में कहा जा सकता है कि उत्तराखंड में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिलने जा रहा है। इन चुनावों में लोगों ने पीएम मोदी और अमित शाह की भी नहीं सुनी और इनकी भी चमक फीकी पड़ती नजर आ रही है। उत्तराखंड में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिलने जा रहा है वहीं भारतीय जनता पार्टी दूसरे नंबर पर रहने वाली है आप पार्टी का भी खाता खुल सकता है सिर्फ वोट कटा साबित हो सकते हैं।

गोवा में भी नहीं चला मंदिर मस्जिद

गोवा में भी इस बार कांग्रेस पार्टी की फतेह होने जा रही है। कांग्रेस पार्टी को गोवा में बीजेपी की अपेक्षा अधिक सीटें मिलेगी और इसका सीधा सा कारण है कि गोवा में हिंदू मुस्लिम मंदिर मस्जिद का राज बिल्कुल भी नहीं चला। गोवा की 40 फ़ीसदी आबादी ईसाई है और वहां पर लोग जातिवादी और धार्मिक कट्टरता पर ज्यादा भरोसा नहीं करते हैं । बीजेपी के लोगों ने चुनाव में वहां पर पुराने मंदिरों को वापस बनाने ,राम मंदिर समेत कई मुद्दे उठाने की कोशिश की, जिससे बीजेपी का मूल वोट बैंक भी बीजेपी से कट गया । माना जा रहा है कि यहां पर कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिलने वाला है। गोवा में 75 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ है । जो सत्ता विरोधी लहर के तौर पर देखा जा सकता है । यहां कांग्रेस को दो तिहाई बहुमत मिलने जा रहा है । राजनीतिक जानकारों का कहना है कि जब 75 फीसदी से ज्यादा मतदान हो तो जाहिर सी बात है कि लोगों की नाराजगी सरकार के खिलाफ होती है। टीएमसी ने पहले ही घुटने टेक दिए थे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यहां एक 2 सीट जीत जाए तो बड़ी बात है। आप पार्टी पर भी लोगों ने ज्यादा फोकस नहीं किया। कांग्रेस ने ज्यादातर नए चेहरे चुनाव मैदान में उतारे हैं और कांग्रेस पार्टी पर गोवा के लोगों का पुराना भरोसा भी है ।इसलिए यहां पर मतदान कांग्रेस के पक्ष में माना जा रहा है ।बीजेपी में मनोहर पारिकर के बेटे का टिकट काटना भी उनके लिए घाटे का सौदा साबित हुआ। 40 फिसदी टिकट उन्होंने कांग्रेस के रिजेक्टेड और भ्रष्ट नेताओं को दिए। जिससे भी लोगों में नाराजगी थी । ऐसे में सीधी टक्कर बीजेपी और कांग्रेस के बीच है लेकिन इसमें जीत कांग्रेस को मिलते दिख रही है। गोवा में भी कमोबेश यही हालत है यहां भी बीजेपी के लच्छेदार भाषण नहीं चले और लोगों का चुनाव से पूर्व ही स्पष्ट रुझान सामने आने से बीजेपी ने भी ज्यादा फोकस नहीं किया।

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