जयपुर। डॉ किरोड़ी लाल मीणा का आंदोलन करने का अलग ही अंदाज है वह कब क्या कर दें किसी को कानों कान तक खबर नहीं होती है। वह आंदोलनकारियों का साथ देते समय किसी भी हद तक जा सकते हैं और डॉक्टर मीणा की यह अदा लोगों को पसंद है । वे अपने आवास से सीएम आवास का घेराव कब कर दे यह कोई नहीं जानता? खुफिया एजेंसी के लोग तो कभी पकड़ ही नहीं पाते। मीडिया के लोग भी उनके साथ घूमते रहते हैं उन्हें भी इस बात का अंदाजा नहीं होता कि अगला कदम क्या उठाएंगे! लेकिन उनकी यह होशियारी अब उनके लिए ही सिरदर्द बन गई है। अब से पूर्व में कई बार सिविल लाइंस में बिना बताए धरना प्रदर्शन कर चुके हैं। कई बार अचानक धावा बोल चुके हैं। एक बार तो डेड बॉडी को लेकर ही सिविल लाइन फाटक पर धरना दिया था । कुछ दिनों पूर्व सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र गुड्डा के घर पर धरना दे दिया था। जिसकी पुलिस को जानकारी नहीं थी ऐसे बहुत सारे उदाहरण है। किरोडी लाल मीणा ने हमेशा पुलिस के खुफिया तंत्र को धत्ता बताते हुए सिविल लाइंस मैं जहां चाहा वहीं पर अपना झंडा गाड़ दिया। लेकिन पिछले कुछ दिनों से पुलिस भी सतर्क हो गई है और अब उनके पीछे लगी रहती है। वे जहां भी जाते हैं पुलिस वाले तरह से सतर्क हो जाते हैं। बैरिकेड लगा दी जाती हैं। कुछ दिनों पूर्व भी उन्हें रोक लिया गया था और उन्होंने इस बात का विरोध जताया था कि वह सांसद है आखिरकार उन्हें सिविल लाइंस में जाने से क्यों रोका जा रहा है ।
मंत्री विश्वेंद्र सिंह से मिलने जाते समय पुलिस ने रोका
आज भी कुछ ऐसा ही हुआ जब अपने दोस्त और और दौसा जिले के प्रभारी विश्वेंद्र सिंह जी के घर गए तो पुलिस ने घेर लिया। बेरीकेडेट्स लगा दिए । पुलिस को यह पता नहीं था कि आप कहां जा रहे हैं क्यों जा रहे हैं । किससे मिलने जा रहे हैं और क्या करेंगे । सिविल लाइंस पहुंचे तो बड़ी जद्दोजहद के बाद उन्होंने पर्यटन मंत्री से मुलाकात की। दौसा की पेयजल समस्या को लेकर चर्चा की । इसके बाद क्योंकि पुलिस को यह अंदाजा ही नहीं है कि उनका अगला कदम क्या होगा! अब इस बात से डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा को भी परेशानी होने लगी है । जब पुलिस वाले नहीं रोकते थे तो वे कहते थे कि आपका खुफिया तंत्र फेल है। अब जब रोकते हैं तो उन्हें लगता है मेरेको को टॉर्चर किया जा रहा है। लेकिन ऐसा नहीं है इसका कारण वह खुद भी है खुद की कार्यशैली भी है। जिसके चलते पुलिस को इस तरह का रुख अख्तियार करना पड़ा है । अगर वह भी दूसरे नेताओं की तरह पूर्व निर्धारित कार्यक्रम पुलिस के अफसरों को दें तो पुलिस के अफसर भी उन्हें एस्कॉर्ट करते हुए संबंधित मंत्री और मुख्यमंत्री से मिलाने का काम करें ।
पुलिस रोककर बताए
इसके बाद उन्होंने नाराजगी जताई और कहा कि पुलिस का रवैया ठीक नहीं है। इसके बाद वे विश्वेंद्र सिंह जी के साथ बैठकर घर से रवाना हुए। डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने एक बयान जारी कर कहा कि पुलिस की कार्यशैली से आहत है और अब वे पुलिस को खुला चैलेंज भी देते हैं वे कहीं भी जाएंगे रोक सको तो रोक लो। वे एक सांसद है, जिम्मेदार नागरिक है। ऐसी स्थिति में पुलिस उन्हें कहीं भी आने जाने से नहीं रोक सकती ।पुलिस अधिकारियों का कहना है उनको पुलिस कभी नहीं रोकती है ,लेकिन वे कब क्या कर बैठे इसका डर लगा रहता है। इसलिए पुलिस सतर्क रह रही है।पुलिस अलर्ट रहने लगी है तो इससे इन्हें परेशानी होने लगी है। क्योंकि क्योंकि डॉक्टर किरोडी लाल मीणा के कारण कई बार खुफिया तंत्र के लोगों को भी डांट पड़ चुकी है और पुलिस के लोगों को भी डांट पड़ चुकी है । इसीलिए पुलिस सतर्कता के कारण वे जब भी मैं कहीं भी रवाना होते हैं ,तो पुलिस उनके साथ लग जाती है जिसका अब उनको बुरा लगने लगा है।