जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की मंत्रणा के बाद उम्मीद जगी है कि जिस तरह से कांग्रेस में एक के बाद एक विधायकों की फूट जग जाहिर हो रही है। उससे साफ है कि विधायक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कामकाज से खुश नहीं है और जब विधायक सरकार के कामकाज से खुश नहीं है, तो ऐसे में उनकी नाराजगी व्यक्त करने का एक बड़ा अवसर है, जब विधायक अपनी अंतरात्मा की आवाज पर निर्दलीय राज्यसभा उम्मीदवार जो मीडिया पर्सन भी है, राजस्थान के भी हैं, सुभाष चंद्रा को अपना वोट दे।

विधायकों को नाराजगी जाहिर करने का सबसे बड़ा मंच

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां का कहना है कि इसीलिए हमने सबसे अपील भी की है कि वे अपनी अंतरात्मा की आवाज पर सुभाष चंद्रा जी को वोट दें। सतीश पूनियां ने कहा कि हमारी कई निर्दलीय और कांग्रेस के विधायकों से भी बातचीत चल रही है। उन्होंने भी भरोसा दिलाया है कि वे राज्यसभा चुनाव में सुभाष चंद्रा जी को वोट देंगे। उनके साथ है आज राजस्थान के चुनाव प्रभारी केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर जी ने भी बैठक ली है। राजस्थान के प्रभारी अरुण सिंह जी भी बैठक में मौजूद रहे, संगठन महामंत्री चंद्रशेखर भी मौजूद रहे। उम्मीद की जानी चाहिए कि भारतीय जनता पार्टी को दोनों सीटों पर जीत मिलेगी ।

कांग्रेस की खिंचतान का मिलेगा फायदा

वहीं कांग्रेस पार्टी मैं आपसी खींचतान बहुत जबरदस्त है। उनकी 2 सीट जीतना भी मुश्किल हो रहा है । कांग्रेस की बाड़ेबंदी में भी विधायकों की कोई खास रुचि नहीं है। अभी भी 23 विधायक बाराबंदी से बाहर है । ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि कांग्रेस की इस फूट का फायदा भाजपा को मिलता हुआ नजर आ रहा है। हम तो चाहते हैं कि विधायक मुख्यमंत्री से वादाखिलाफी का बदला लें और भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा जी को वोट दें।

बसपा विधायक भी है नाराज

पूनियां बोले मैं बसपा विधायकों से भी अपील करुंगा कि वे कम से कम बहन जी की पार्टी से चुनाव जीतकर आए उनकी अपील पर निर्दलीय सुभाष चंद्रा को वोट दे। वैसे भी मुख्यमंत्री जी ने आपसे वादा खिलाफी की है। इसके बावजूद भी बसपा विधायकों का कांग्रेस से चिपके रहने का कोई मतलब नजर नहीं आ रहा। हम तो उनसे आग्रह करेंगे यही आखिरी समय है जब वे बहन जी के कहने पर ही सही अपना हिसाब – किताब तो पूरा कर ले।

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