जयपुर । राजस्थान में 4 सीटों के लिए हो रहे राज्यसभा चुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में घमासान मचा है ।जहां कांग्रेस पार्टी ने एसीबी में हॉर्स ट्रेडिंग की संभावनाओं की शिकायत दर्ज कराई थी। उसके बाद अब भारतीय जनता पार्टी ने भी हॉर्स ट्रेडिंग को लेकर ईडी में शिकायत दर्ज कराई है।

भाजपा की ईडी के निदेशक को भेजी गई शिकायत के अनुसार राजस्थान में राज्यसभा चुनाव में विधायकों की खरीद-फरोख्त की संभावना जताई गई है। राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक डॉ महेश जोशी ने बीजेपी की शिकायत को हास्यास्पद बताया है । महेश जोशी ने कहा कि राजस्थान की 4 सीटें पर चुनाव हो रहे हैं । कांग्रेस के पास संख्या बल के आधार पर 3 सीट जीतने के लिए पर्याप्त बहुमत है। 123 के मुकाबले 126 विधायकों का समर्थन हासिल है।

बीजेपी के पास बहुमत नहीं था, फिर भी उतारा दूसरा उम्मीदवार

जोशी बोले बीजेपी के पास बहुमत नहीं था इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने विधायकों की खरीद-फरोख्त करने की संभावनाओं के चलते ही मीडिया जगत के बड़े व्यवसाई सुभाष चंद्रा को चुनाव मैदान में उतारा है । सुभाष चंद्रा को चुनाव मैदान में उतारने के पीछे बीजेपी की मंशा पर्दे के पीछे रहकर कॉन्ग्रेस ,निर्दलीय और अन्य दूसरी पार्टियों के विधायकों को तोड़ना ही है । लेकिन बीजेपी अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हुई और उसने उल्टी शिकायत कांग्रेस पार्टी के खिलाफही दी कर दी। जबकि सबको पता है कि कांग्रेस पार्टी के पास बहुमत है और 3 सीट जीत रही है ।बीजेपी के पास एक सीट का बहुमत है वह एक सीट जीत रही है। जोशी कहना है कि दूसरी सीट पर बीजेपी ने एक उद्यमी को निर्दलीय खड़ा किया है ,जिससे कि विधायकों की खरीद-फरोख्त की जा सके। लेकिन यह अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होंगे ।राजस्थान के विधायक बिकने वाले नहीं है । ऐसा खुद सुभाष चंद्रा की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी उनकी हताशा से साफ नजर आया है। सुभाष चंद्र ने बताया कि उन्होंने विधायकों से संपर्क साधने की कोशिश की लेकिन आरएलपी को छोड़कर किसी भी विधायक ने समर्थन देने की बात नहीं कही । उनके बयानों से भी यह बात स्पष्ट हो रही है कि उनके पास संख्या बल पर्याप्त नहीं था, इसके बावजूद वे चुनाव मैदान में धनबल के आधार पर उतर गए ,जिन्हें करारी हार का सामना करना पड़ेगा । भारतीय जनता पार्टी खुद पर्दे के पीछे रहकर सुभाष चंद्रा के माध्यम से चुनाव जीतने का कुत्सित प्रयास कर रही थी। लेकिन उनकी रणनीति फेल हो गई । जो खुद पैसों के दम पर विधायकों को खरीदना चाह रहे थे। कांग्रेस के विधायकों को तोड़ना चाह रहे थे वही ईडी को शिकायत करें ,इससे शर्मनाक बात कोई हो नहीं सकती है।

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