जयपुर। राजस्थान की 4 राज्यसभा सीटों के लिए हुए मतदान के बाद हुई मतगणना में परिणाम आ गए है। मतगणना के अनुसार कांग्रेस के मुकूल वासनिक को 42 , रणदीप सूरजेवाला को 43 और प्रमोद तिवारी को 41 वोट मिले है। तीनों ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। वहीं बीजेपी के घनश्याम तिवाड़ी ने भी जीत दर्ज की है। तिवाड़ी को 43 वोट मिले। लेकिन निर्दलीय सुभाष चंद्रा को बीजेपी और आरएलपी के समर्थन के बावजूद 30 वोट ही मिले है। कांग्रेस के 126 वोट माने जा रहे थे लेकिन बीजेपी में क्रास वोटिंग का लाभ कांग्रेस को मिला। वहीं बीजेपी के 71 और 3 आरएलपी के वोट माने जा रहे थे।

मतगणना में हुई देरी

हरियाणा और महाराष्ट्र को लेकर बीजेपी सुप्रीम कोर्ट में चली गई जिसके चलते सभी चारों राज्यों में राज्यसभा चुनावों में हुए मतदान की मतगणना पर रोक लगा दी गई। करीब एक घंटे बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राजस्थान राज्यसभा की चारों सीटों पर मतगणना हुई।

गहलोत की रणनीति

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहले दिन से ही इस बात को कहते आ रहे है कि इस बार उम्मीद से ज्यादा वोट मिलेगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की रणनीति का परिणाम है कि चौथे उम्मीदवार की घोषणा के साथ कांग्रेस , कांग्रेस समर्थित निर्दलीयों , सहयोगी पार्टियों के विधायकों की बाड़ेबंदी की। सचिन पायलट गुट को भी पूरी तरह साथ रखा। मुख्यमंत्री गहलोत ने उदयपुर से लौटने के बाद भी कहा था कि आप चिंता नहीं करे सब हमारे साथ हम तीनों सीटें जीतने जा रहे है।मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस के विधायकों को साधने के साथ- साथ बसपा , माकपा, बीटीपी , आरएलडी और निर्दलीय विधायकों को साधा वहीं गहलोत गुट से जुड़े विधायक भी पायलट के साथ नजर आए। गहलोत ने राज्य की तीनों सीटें जीतकर पार्टी आलाकमान और पूरी पार्टी को ये मैसेज दे दिया है कि गहलोत वाकई में राजनीति के चाणक्य है।

गहलोत- पायलट साथ- साथ

राज्यसभा चुनावों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट साथ- साथ नजर आए। सचिन पायलट ने पहले दिन से ही संयमित भाषा का उपयोग किया। उनके समर्थक विधायकों ने भी जूबान पर काबू रखा। सबने मिलकर कांग्रेस के सभी उम्मीदवारों को जिताने का लक्ष्य तय किया। गहलोत और पायलट उदयपुर भी रहे। दोनों के बयानों से कहीं भी कांग्रेस के विधायकों में पहले दिन से ही कोई बिखराव नजर नहीं आया। इसका फायदा ये रहा की कांग्रेस पार्टी के सभी विधायक एकजूट रहे।

घनश्याम तिवाड़ी जीते

बीजेपी के घनश्याम तिवाड़ी ने जीत दर्ज की ली है। तिवाड़ी को 43 वोट मिले। वहीं दो दिन से चल रही बीजेपी की मॅाक ड्रिल वोटिंग के बावजूद भी बीजेपी में क्रास वोटिंग हो गई और सुभाष चंद्रा को 30 वोटों पर ही संतोष करना पड़ा। हालांकि मतदान के आखिरी तक बीजेपी नेता इस बात का दावा करते रहे की कुछ चमत्कार होगा। कांग्रेस की फूट का लाभ सुभाष चंद्रा को मिलेगा। पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि हम हमारी स्टेटजी में कामयाब रहे। हमने सरकार को घूटना के बल ला दिया।

सुभाष चंद्रा लौटे दिल्ली

खास बात है कि मतगणना से पूर्व ही निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा दिल्ली लौट गए है। चंद्रा ने कहा कि कई लोगों ने सुबह ही उन्हें फोन कर बताया था कि वे मदद करने की स्थिति में नहीं है। मतदान के दौरान भी स्थिति स्पष्ट हो गई थी इसलिए सुभाष चंद्रा मतगणना स्थल विधानसभा से सीधे दिल्ली के लिए रवाना हो गए। दिल्ली पहुंचकर भी उन्होंने राजस्थान के उन तमाम विधायकों का आभार जताया जिन्होंने उन पर भरोसा जताया। सुभाष चंद्रा को बीजेपी और आरएलपी के पूरे वोट नहीं मिले। उन्हें मात्र 30 वोट पर संतोष करना पड़ा।

शोभारानी कुशवाहा बोली हां मैने जानबूझकर दिया कांग्रेस को वोट

भाजपा विधायक शोभारानी कुशवाह बोली हां मैने जानबूझकर कांग्रेस को वोट दिया है। मेरे से कोई गलती नहीं हुई। बीजेपी के बड़े नेताओं को पता है मैने क्यों कांग्रेस को वोट दिया है। पार्टी को तय करना है की वो क्या एक्शन लेती है। लेकिन ये साफ है कि मैने बगैर किसी दबाव के कांग्रेस को वोट दिया है।

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