जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार में राजस्व मंत्री रहे हरीश चौधरी को पंजाब का प्रभारी बनाए जाने के कारण मंत्री पद छोड़ना पड़ा था। पंजाब में चौधरी को उम्मीद थी कि कांग्रेस पार्टी की सरकार बनेगी और पार्टी उन्हें कोई बड़े पद पर नवाजेगी । लेकिन हरीश चौधरी पंजाब में कोई खास नहीं कर सके और पंजाब में कांग्रेस पार्टी की करारी हार हुई। आम आदमी पार्टी की सरकार बन गई और कांग्रेस पार्टी सरकार से बाहर हो गई। हरीश चौधरी पर पंजाब कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी को हराने टिकटो में धांधली करने और पार्टी की दुर्गति के लिए जिम्मेदार बताया था ।लेकिन उस समय राहुल गांधी ने उनकी एक नहीं सुनी और सारी पावर हरीश चौधरी को सौंप दी। जब उन्हें पंजाब का प्रभारी बनाया गया तो वह राजस्थान को पूरी तरह भूल गए थे। डेढ़ महीने तक उन्होंने मंत्री पद तक नहीं संभाला । आखिरकार एक व्यक्ति एक पद के कांग्रेस पार्टी के अभियान के चलते उन्हें पद से हटा दिया गया और बाड़मेर के ही हेमाराम चौधरी को मंत्री बनाया गया। अब तो पंजाब में पार्टी की करारी हार हुई। इसलिए उन्हें खास तवज्जो मिल रही है। ऐसे में अब हरीश चौधरी को ओबीसी वर्ग के वोट बैंक की याद आ रही है ।उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार में रोस्टर प्रणाली में ओबीसी वर्ग का ख्याल नहीं रखा जा रहा है ।जबकि इस विषय को लेकर लगातार एससी, एसटी के लोग आंदोलनरत है ।कभी भी हरीश चौधरी ने उनकी मांगों का समर्थन नहीं किया। लेकिन क्योंकि अब पद पर नहीं है तो ऐसे में ओबीसी आरक्षण को मोहरा बना लिया और अब उसकी लड़ाई लड़ने की बात करें जनता सब समझती है साहेब।

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