सवा महीने से गायब है हिमांशु

माता-पिता का रो रो कर बुरा हाल

पुलिस ने किया टीम का गठन , लेकिन नहीं लगा सुराग

जयपुर । शहर के गांधी नगर थाना इलाके के झालाना डूंगरी के दयानंद नगर से 17 जून की शाम 7:30 बजे घर से लापता हुए नाबालिक हिमांशु को ढूंढने में पुलिस विफल ही रही। एनआरआई पिता श्यामलाल को बेटे के गुम होने की जानकारी मिलने के बाद वे सारा काम छोड़कर कन्या से भारत लौट आए । उसके बाद से लगातार पुलिस थाने से लेकर पुलिस आयुक्त उपायुक्त के चक्कर काट रहे हैं। हिमांशु की मां सरोज देवी का रो रो कर बुरा हाल है। छोटे भाई की भी स्थिति यही है। सरोज ने स्थानीय लोगों के सहयोग से मिलकर गांधीनगर थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया था। पुलिस भी बार-बार यह भरोसा दिला रही है कि वह हिमांशु को ढूंढने का प्रयास कर रही है। हिमांशु के पिता श्यामलाल ने बताया कि वह और उसकी पत्नी और रिश्तेदार हिमांशु की तलाश में दिल्ली ,मुंबई और चंडीगढ़ तक जाकर आ गए ।लेकिन बेटे के बारे में कोई सुराग नहीं लगा। इस दौरान उन्होंने पुलिस के बड़े अधिकारियों से भी कई बार मुलाकात की। पुलिस के अधिकारियों ने भी उन्हें भरोसा दिलाया कि बच्चों को ढूंढने का काम पुलिस भी कर रही है ,जैसी मिलेगा आपको सूचित कर देंगे।

तलाश के नाम मिल रहा है कोरा आश्वासन

पिता श्यामलाल का कहना है कि न तो आज तक उस उस बच्चे का कोई फोन घर पर आया। न किसी ने घर पर फोन किया। न उसके यार दोस्तों के पास कोई फोन आया ।लेकिन गायब होने के बाद 28 जून को उसका इंस्टाग्राम चंडीगढ़ और अमृतसर में जरूर ऑन हुआ। लेकिन उसके पास फोन नंबर नहीं है, फोन नहीं है तो आखिरकार यह स्टाग्राम किसने ऑन किया? पुलिस ने इसके बारे में कोई तफ्तीश नहीं की । जबकि पुलिस का साइबर क्राइम सेल इस बारे में पता कर सकता था कि आखिरकार हिमांशु का इंस्टाग्राम अकाउंट किस फोन नंबर से ऑन हुआ, और किस नेटवर्क पर कौन हुआ, और उसको हैंडल कौन कर रहा है। अगर पुलिस इसे गंभीरता से लेती और इंस्टाग्राम अकाउंट के बारे में तफ्तीश करती, जानकारी जुटाती तो हिमांशु मिल सकता था। लेकिन कहीं ना कहीं पुलिस भी इस मामले में ढिलाई बरत रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि यही बच्चा किसी बड़े आदमी का होता या किसी बड़े नेता का होता तो, पुलिस महकमा कभी का इसके बारे में पता लगा सकता था ।लेकिन एक गरीब आदमी के बच्चे के बारे में पुलिस को कोई चिंता नहीं है ।हालांकि टीम भी गठित कर रखी है । लेकिन वह टीम क्या काम कर रही है कोई नहीं जानता । लेकिन हिमांशु के माता पिता अपने लाडले बेटे की तलाश में जगह-जगह भटकने को मजबूर है ।नेताओं और अफसरों के भी चक्कर लगा रहे हैं लेकिन बेटा है कि न जाने कहां चला गया मिल नहीं रहा आखिरकार 16 वर्षीय बेटे को खोने का दर्द मां-बाप से ज्यादा कोई नहीं समझ सकता।

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