जैसलमेर । भाजपा के स्थानीय नेताओं के विरोध के चलते सतीश पूनिया की बाबा रामदेव की पदयात्रा को स्थगित करना पड़ा था। हालांकि यात्रा को स्थगित करने का कारण गृह मंत्री अमित शाह का जोधपुर द्वारा बताया गया था ।लेकिन सबको पता है कि भाजपा के पूर्व वरिष्ठ नेताओं के इशारे पर सतीश पूनिया की यात्रा को रोका गया था । अब अमित शाह के जोधपुर दौरे के बाद सतीश पूनिया पोकरण स्थित शक्ति स्थल पर पूजा अर्चना कर ज्वाला माता के दर्शन की और वहां से अकेले ही बाबा रामदेवरा की पदयात्रा के लिए रवाना हो गए। इस दौरान उनके साथ प्रताप पुरी महाराज और स्थानीय पार्टी के पदाधिकारी और कुछ कार्यकर्ता जरूर नजर आए।
सतीश पूनिया की कविता की चंद लाइने बहुत कुछ कह रही है, ” सफर में धूप तो होगी, जो चल सको तो चलो । सभी है भीड़ में, मैं भी निकल सको ,तो चलो । किसी के वास्ते राहें कहां बदलती है, तुम अपने आप को खुद ही बदल सको तो चलो”
दरअसल भाजपा में इन दिनों मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर असली लड़ाई है और इस लड़ाई में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया आमने सामने हैं। बताया जा रहा है कि दो नेताओं की वर्चस्व की लड़ाई के चलते हुए सतीश पूनिया की यात्रा को केंद्रीय नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद स्थगित किया गया। केंद्रीय गृहमत्री अमित शाह के दौरे के बाद अब सारे तामझाम छोड़कर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने अपनी पदयात्रा शुरू कर दी है । माना जा रहा है कि वे यह कह सकते हैं कि यह पदयात्रा पार्टी के बैनर तले नहीं ,व्यक्तिगत आस्था का सवाल है और वे इसे व्यक्तिगत आस्था के आधार पर ही कर रहे हैं। अभी तक पार्टी के पदाधिकारी उनके साथ भी नहीं हो रहे हैं, लेकिन अब हो सकता आने वाले समय में पार्टी की विचारधारा भरोसा करने वाले लोग उनके साथ काफिले के रूप में जुड़ जाएं। एक बार तो उन्होंने पदयात्रा शुरू करके ताल ठोक दी है, कि मैदान में हम भी हैं ।