जयपुर। राजस्थान के सियासी जंग से बड़ी खबर है कि अभी अशोक गहलोत ही राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। दिल्ली के एपीसोड के बाद राजनीति के गलियारों में इस बात की चर्चा थी की अब गहलोत की गद्दी गई। जिस तरह से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली दरबार में सोनिया गांधी से माफी मांगी । पूरे प्रकरण के लिए खुद को जिम्मेदार ठहराया उसके बाद से लग रहा था कि अब गहलोत की गद्दी कभी भी जा सकती है। लेकिन सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद जिस तरह से उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर मल्लिकार्जून खड़गे के नाम पर जी-23 के नेताओँ को राजी किया। आनंद शर्मा , मनीष तिवारी भी प्रस्तावक बने। करीब तीन दर्जन नेता खड़गे के प्रस्तावक बने। इससे साफ है कि गहलोत की पावली अभी दिल्ली दरबार में कम नहीं हुई है। मुख्यमंत्री इसके साथ ही दिल्ली में पूरे दिन सक्रिय रहे। उन्होंने खड़गे का नामांकन भी कराया। कहा कि अब कांग्रेस को एक अनुभवी , कर्मठ अध्यक्ष मिलने वाला है। इस दौरान भी उनका आत्मविश्वास कहीं कम नहीं था। गहलोत आज रात जयपुर लौटेंगे और शनिवार को बीकानेर, श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिले में आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेंगे। इसके साथ ही उनका रविवार और आगे के कार्यक्रम भी बन गए है। जाहिर सी बात है कि जिस तरह से केसी वेणूगोपाल ने बयान दिया था कि मुख्यमंत्री का फैसला एक दो- दिन में होगा। उसके बाद सबको लग रहा था कि अब गहलोत का जाना तय हो गया।
माकन का वीडियो वायरल
जिस तरह का प्रभारी अजय माकन का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को निपटाने का एक वीडियो वायरल हो रहा है उस वीडियो से साबित हो गया कि कहीं न कहीं अजय माकन गहलोत को हटाने की साजिश का हिस्सा थे। ये वीडियो भी सोनिया गांधी तक पहुंचा दिया गया। इस वीडियो में अजय माकन कुछ नेताओं से मुलाकात कर रहे है और कह रहे है कि गहलोत ओवर स्मार्ट बन रहे थे अब हो गया न काम …… इस वीडियो ने भी कहीं न कहीं सबूत का काम किया।
सचिन को करना पड़ेगा इंतजार
सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनने के लिए कुछ समय के लिए इंतजार करना पड़ेगा, या फिर कांग्रेस के बी प्लान का इंतजार करना पड़ेगा। हालांकि अभी जिस बेसब्री से इंतजार हो रहा था उस रफ्तार से पायलट से सीएम की कुर्सी दूर होती नजर आ रही है। पार्टी उन्हें प्रदेश अध्यक्ष या फिर केंद्र स्तर पर किसी बड़े पद पर भी आसीन कर सकती है। लेकिन जब तक अजय माकन वाले एपिसोड का अंत नहीं हो जाता है तब तक सचिन को इंतजार करना पड़ेगा। हो सकता है एक बार फिर से दिल्ली से कोई अन्य प्रभारी आए और वो विधायकों से रायशुमारी करे उसके बाद कोई निर्णय तब तक भी सचिन को इंतजार करने के अलावा कुछ भी नहीं है।