जयपुर ।राजस्थान सरकार द्वारा राज्य की भर्तियों में भूतपूर्व सैनिकों को श्रेणीवार आरक्षण का लाभ देने पर विचार किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखण्ड, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश तथा कर्नाटक सहित देश के अधिकांश राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों की भर्तियों में भूतपूर्व सैनिकों को मिल रहे आरक्षण के नियमों का अध्ययन कराया गया। इनमें ऐसे बड़े राज्यों, जिनमें भूतपूर्व सैनिकों को भर्तियों में 5 प्रतिशत से अधिक आरक्षण दिया जा रहा है, के बारे में विस्तृत जानकारी ली गई। साथ ही विभिन्न राज्यों के भर्ती आयोगों एवं चयन बोर्ड्स की भर्ती विज्ञप्तियों का भी अध्ययन किया गया। उदाहरण के तौर पर भारत सरकार की भर्तियों, दिल्ली पुलिस, महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग, पश्चिम बंगाल लोक सेवा आयोग, उत्तराखंड भर्ती आयोग तथा पंजाब पुलिस भर्ती की विज्ञप्तियों में भूतपूर्व सैनिकों का आरक्षण श्रेणीवार निर्धारित कर ही विज्ञप्तियां जारी की जाती है।
इस संबंध में मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत एवं मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा द्वारा विभिन्न सैनिक संगठनों, भूतपूर्व सैनिकों के प्रतिनिधिमंडल एवं सैनिक कल्याण विभाग के निदेशक से भी विस्तृत चर्चा की गई। महाधिवक्ता के साथ बैठक में उन्होंने भी भूतपूर्व सैनिकों का आरक्षण क्षैतिज (हॉरिजॉन्टल) कम्पार्टमेंट वाइज करने को विधिक रूप से उचित माना।
अब ऐसा किये जाने पर अन्य आरक्षित श्रेणी के भूतपूर्व सैनिकों को भी समग्र रूप से सीधी भर्तियों में आनुपातिक प्रतिनिधित्व मिल सकेगा। साथ ही पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पदों में से पिछड़ा वर्ग के सामान्य अभ्यर्थियों (भूतपूर्व सैनिकों के अलावा) के लिए भी सम्यक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सकेगा।

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