दौसा । जिले का सरकारी जिला अस्पताल अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ रहा है। सबसे खास बात है कि अस्पताल में सफाई व्यवस्था भगवान भरोसे है । सरकार की ओर से हर साल सफाई व्यवस्था का टेंडर दिया जाता है और सफाई व्यवस्था जिस या कंपनी या फर्म दिया गया वह प्रॉपर तरीके से काम नहीं कर रही है इसके चलते अस्पताल में सफाई व्यवस्था खराब हुई है। लेकिन जब आप दौसा अस्पताल में जाएंगे तो मुख्य द्वार से लेकर वार्डों तक में सफाई व्यवस्था नाम की चीज नजर नहीं आएगी। जगह-जगह गंदगी और गुटके के पिक के छिटे नजर आएंगे। अस्पताल परिसर में आवारा कुत्तों का जमघट लगा रहता है लोग परेशान रहते हैं। यहां तक की महिला वार्ड में भी सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है । जगह-जगह गंदगी के देर और किसी तरह से साफ सफाई नहीं होने से यहां जच्चा बच्चा दोनों को संक्रमण फैलने का खतरा है। लेकिन ऐसा लगता है अस्पताल के हालात को देखकर यहां इस पर कोई नजर रखने वाला नहीं है। अस्पताल में सफाई व्यवस्था के नाम पर बजट उठाया जा रहा है लेकिन दिन में काम से कम 8- 10 बार जो सफाई होनी चाहिए वह एक दो बार भी नहीं होती है ।ऐसी स्थिति में यहां का जिला प्रशासन का जो प्रबंध है, वह इसके लिए जिम्मेदार है कि जिस फार्म को यहां की सफाई व्यवस्था का जिम्मेदार दी गई है उस काम ले और यदि काम नहीं कर रही है तो उसका टेंडर निरस्त करें या दूसरे लोगों को संविदा पर लगाकर सफाई व्यवस्था को सुचारू करें।

पूरे अस्पताल परिसर के हालत देखी जाए तो डॉक्टर से लेकर वार्डों और ऑपरेशन थिएटर के आसपास की साफ सफाई नहीं होती है। पूरे अस्पताल परिसर को भी देखने पर ऐसा लगता है कि यह खैराती अस्पताल है। जबकि सरकार की तरफ से अस्पतालों में सफाई व्यवस्था के लिए अलग से बजट आवंटित किया जाता है और उस बजट को पूरा उठाया भी जा रहा है और सरकार को चूना लगाया जा रहा है । लेकिन जो जिम्मेदार है वह व्यक्ति इस पर ध्यान नहीं देने से यह समस्या लगातार बढ़ती जा रही है।

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