डॉ. पीयूष त्रिवेदी

हाल ही में स्वास्थ्य सतर्कता में, विशेषज्ञों ने अत्यधिक मात्रा में विटामिन डी का सेवन करने के संभावित खतरों को लेकर चेतावनी दी है, हड्डियों से लेकर गुर्दे के संबंध में जोखिम की बात की है। विटामिन डी को बोन हेल्थ को बनाए रखने और कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करने के लिए आवश्यक है, लेकिन इसकी अधिक मात्रा का सेवन हड्डियों और गुर्दे पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। अध्ययनों ने दिखाया है कि जो व्यक्ति अत्यधिक विटामिन डी सेवन करते हैं, उन्हें हड्डियों में दर्द और असहजता महसूस हो सकती है, क्योंकि अधिक मात्रा में विटामिन हड्डियों के खनिजों के संतुलन को विकराल कर सकता है, जिससे अस्थिमज्जा समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।

इसके अलावा, अत्यधिक विटामिन डी का दीर्घकालिक सेवन गुर्दे के स्वास्थ्य के लिए भी एक महत्वपूर्ण खतरा पैदा कर सकता है। गुर्दे शरीर में विटामिन डी के स्तर को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अत्यधिक विटामिन डी गुर्दों की फ़िल्टरिंग क्षमता को अतिक्रमित कर सकता है, जो गुर्दे के पथरी, प्रतिबंधित गुर्दे कार्य, या गंभीर मामलों में गुर्दे के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। स्वास्थ्य पेशेवरों ने विटामिन डी के सप्लीमेंट के साथ उपयोग में सावधानी और चिकित्सा मार्गदर्शन की महत्वता को जोर दिया है। किसी भी सप्लीमेंटेशन शुरू करने से पहले हेल्थकेयर प्रोवाइडर से परामर्श लेना महत्वपूर्ण है, ताकि विटामिन डी के संप्लीमेंटेशन का सुरक्षित और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। इसके अतिरिक्त, व्यक्तियों को विटामिन डी के सेवन में सतर्क रहना चाहिए, खासकर सप्लीमेंट्स लेते समय, क्योंकि अत्यधिक सेवन शारीरिक स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डाल सकता है।

विटामिन डी शरीर जे लिए अत्यधिक जरुरी होता हैं, परन्तु इसकी ओवरडोज से भी लेने के देने पड़ सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे-

बॉडी में विटामिन डी का लेवल ज्यादा होने से भी कई परेशानियां खड़ी हो सकती हैं। इनमें पाचन क्रिया भी एक है। इसकी ओवरडोज आपको कमजोर बना सकती है, ऐसे में उल्टी ज्यादा आती है और खाना पच नहीं पाता है। अगर आपको भी ज्यादातर मतली का जी रहता है, तो डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए।

शरीर में ज्यादा विटामिन डी हो जाने से हाइपरविटामिनोसिस डी की समस्या पैदा हो सकती है। हालांकि ये रेयर केसेज में होता है, लेकिन इसको नजरअंदाज करना बड़ी भूल हो सकती है। इस स्थिति में खून के अंदर कैल्शियम जमा होने लगता है, जो आपकी हार्ट हेल्थ और ब्लड सर्कुलेशन के लिए नुकसानदायक होता है।

विटामिन डी की अधिकता से बोन डेंसिटी कम हो सकती है। ऐसे में फ्रैक्चर या ऑस्टियोपोरोसिस जैसी तकलीफें आम हो जाती हैं। इसकी ओवरडोज होने पर आपकी हड्डियां पतली और खोखली होकर हल्की-फुल्की चोट में भी टूट सकती हैं। इसलिए इससे जुड़े सप्लीमेंट्स लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।

डा पीयूष त्रिवेदी,9828011871

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