अमेरिका ।फिलाडेल्फिया । राजस्थानी दुनिया में किसी भी शहर में रहे वह अपनी संस्कृति और तीज त्योहारों को नहीं भूलते हैं । संयुक्त राज्य अमेरिका के फिलाडेल्फिया शहर में रहने वाले राजस्थानियों ने गणगौर का पर्व हर्षो उल्लास के साथ मनाया ।
इस वर्ष गणगौर उत्सव भारतीय मंदिर, फिलाडेल्फिया में मनाया गया। गौर और ईसर जी की इको-फ्रेंडली लकड़ी की मूर्तियां जोधपुर से फ़िलेडेल्फ़िया के भारतीय टेम्पल में पहुंचीं। राजस्थान के स्थानीय शिल्प कौशल को बढ़ावा देने और राज्य की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए, जोधपुर के शिल्पकार, प्रह्लाद कुमावत द्वारा बनाई गई हस्तनिर्मित मूर्तियों को भारतीय मंदिर में पहुँचाया गया है। मूर्तियों को बनाने के माध्यम के रूप में लकड़ी का उपयोग पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान के प्रति प्रत प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

दिन की शुरुआत महिलाओं द्वारा पारंपरिक गौर-ईसर पूजा अनुष्ठान से हुई और मूर्तियों को अपने कंधों पर ले जाने और पारंपरिक लोक गीतों पर गाने और नृत्य करने के साथ शुरू हुई, पालकी में झाँकी निकाली गई, डोल-ताशों की धूनों पर श्रोता और श्रद्धालुओं की भीड़ झूम उठी, तत्पश्चात् सभागार में पारंपरिक लोक नृत्यों में अतिथियों और श्रोताओं का मन मोह लिया कार्यक्रम का संचालन उमेश ताम्बी और तरंग सोनी ने बख़ूबी से किया। कोई भी राजस्थानी कार्यक्रम दाल-बाटी-चूरमा और गट्टे की सब्जी जैसे शानदार स्वादिष्ट पारंपरिक खाद्य पदार्थों के बिना पूरा नहीं होता है।
इस वर्ष, गणगौर अतिरिक्त विशेष है क्योंकि समुदाय राज्य के गठन के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में राजस्थान दिवस भी मनाएगा। युवा पीढ़ी ने राज्य की हीरक जयंती के अवसर पर राजस्थान की महिमा पर अपना शोध तैयार किया और पोस्टर प्रसेंटेशन किया जो अत्यंत सराहनीय प्रयास है।

इसलिए मानते गणगौर

गणगौर राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है जो वसंत, फसल और वैवाहिक जीवन के उपलक्ष्य मे मनाया जाता है। यह हर्षोल्लास का त्यौहार राजस्थानी महिलाओं के लिए अत्यधिक महत्व और श्रद्धा रखता है जो सौभाग्य के प्रतीक ईसरजी (भगवान शिव) और मां गौरी (माता पार्वती) की पूजा करके इस शुभ दिन को बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाती हैं। फसल उत्सव, जो सर्दियों की समाप्ति और वसंत की शुरुआत का प्रतीक है, न केवल भारत में, बल्कि अमेरिका सहित कई पश्चिमी देशों में भी प्रसिद्ध है, जहां इसे बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।

इनका योगदान सराहनीय
संयुक्त राज्य अमेरिका के फिलाडेल्फिया क्षेत्र में भारतीय टेम्पल में पिछले 16 वर्षों से अधिक समय से गणगौर का त्योहार मना रहे है। राजस्थान के मूल निवासी नंद और शशि तोडी, डॉ. रवि और कुसुम मुरारका, उमेश और वंदना ताम्बी, मुकेश मोदी (फिल्म निर्माता और निर्देशक, न्यूयॉर्क) और कई स्थानीय गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। राजस्थान के त्योहार को मनाने में हमेशा ही योगदान सराहनीय रहा है । गणगौर का पर्व जिस तरह से फिलाडेल्फिया में अपनी छाप छोड़ रहा है और पहचान बना रहा है ।यह सब प्रवासी राजस्थानियों के सहयोग और समर्पण का ही प्रतीक है। गणगौर की पारंपरिक सवारी देखकर ऐसा लगता है कि हम किसी राजस्थान के ही शहर में खड़े हैं। साथ ही राजस्थानी समुदाय के सदस्य यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं कि गणगौर की भावना हजारों भारतीय अमेरिकियों के मन और दिलों में जीवित रहे। अमेरिका के स्थानीय लोगों और प्रवासी राजस्थानियों के मन में गणगौर और राजस्थानी रीति रिवाज के प्रति संबंध रिकॉर्ड ट्रिगर्ड रिगार्ड रहे रहे युवा पीढ़ी और नई पीढ़ी इन संस्कारों को जाने और समझे इसके लिए इस तरह के प्रमुख का मनाया जाना बेहद ही जरूरी है।

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