जयपुर। राजधानी जयपुर के रामगंज थाना पुलिस ने किराए पर टैक्सी ले जाने के बहाने टैक्सी ड्राइवर का अपहरण कर लूट करने और हत्या करने की वारदात का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने अपहरण लूट और हत्या करने वाले दो शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में नईमुद्दीन और फरहान उर्फ फरदीन है। दोनों आरोपी जयपुर के ही रहने वाले हैं और वर्तमान में जवाहर नगर इलाके में रहते हैं। आरोपियों ने 23 अगस्त को खेमचंद नाम के एक टैक्सी ड्राइवर की गाड़ी बुक की थी। टैक्सी बुक कर आरोपी से लखनऊ लेकर गए। लेकिन जयपुर के कानोता इलाके में बदमाशों ने टैक्सी ड्राइवर की गला घोटकर उसकी हत्या कर दी। हत्या करने के बाद बदमाश टैक्सी लूटकर और मृतक खेमचंद की लाश को 48 घंटे तक गाड़ी में रख कर घूमते रहे। इस दौरान बदमाशों ने झालावाड़ के अकलेरा में कालीसिंध नदी में लाश को फेंक दिया। हालांकि खेमचंद की हत्या की जानकारी किसी को भी नहीं मिल पाई। जब खेमचंद के पिता ने फोन किया तो नंबर बंद आया। नंबर बंद आने पर पिता ने रामगंज थाने में मामला दर्ज कराया। मामला दर्ज कराए जाने के बाद पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल की तो पूरा माजरा अपहरण और लूट से जुड़ा हुआ निकला। इस दौरान पुलिस ने बदमाशों की तलाश में टोंक कोटा बारा झालावाड़ समेत कई जिलों में अपनी टीम में दौड़ाई। इस दौरान पुलिस ने टोंक पुलिस के साथ संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए सीसीटीवी और तकनीकी टीम की मदद से दोनों बदमाशों को दबोच लिया। पुलिस ने जब दोनों बदमाशों से पूछताछ की तो उन्होंने टैक्सी ड्राइवर की हत्या किया जाना कबूल कर लिया। बदमाशों की निशानदेही पर पुलिस ने मृतक खेमचंद के शव को भी बरामद कर लिया। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने टैक्सी लूटने के मकसद से हत्या किया जाना कबूला है। फिलहाल पुलिस ने लूटी गई कार को भी जब तक करते हुए शव को बरामद कर लिया है और दोनों शख़्स से पूछताछ में जुट गई है। पुलिस को इस पूरे मामले के खुलासे में मृतक के बेटे को आरोपियों के फोन नंबर देने से हो सका। मृतक के बेटे ने जब उसे फोन किया था तब उसने कहा था कि ये दोनों सही नहीं लग रहे हैं। इस बीच मृतक ने दोनों के फोन नंबर लेकर परिजनों को दे दिए। जब वे वापस लौट रहे थे तब उन्होंने ड्राइवर की हत्या कर दी। मृतक के बेटे का फोन आने पर कह दिया कि वे पैसे और गाड़ी लेकर जा चुके है। लेकिन जब वे रात तक घर नहीं पहुंचे तो पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया गया। जहां आरोपियों से फोन पर बातचीत करने में पुलिस को संदेह हुआ। ज्यादा जांच- पड़ताल की और पुलिसलिया रुआब दिखाया तो आरोपियों ने सच – सच उगल दिया। इसके बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर पूरे मामले का खुलासा कर दिया।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published.