जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अगर बीमार नहीं होते, तो प्रदेश में कभी का मंत्रिमंडल विस्तार , संगठन का विस्तार और बोर्डों में नियुक्तियां हो चुकी होती। ये कहना है राजस्थान के प्रभारी अजय माकन का। अजय माकन ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राजस्थान में क्या होना है किसको क्या जिम्मेदारी देनी है सब तय हो चुका था। लेकिन अचानक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तबीयत बिगड़ गई। गहलोत जी को अटैक आने के बाद से वे बैडरेस्ट पर है वरना तो प्रदेश में कभी का मंत्रिमंडल विस्तार हो जाता है।

माकन बोले की यहां सब-कुछ तय था। मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भी सब तय था। यदि गहलोत जी का स्वास्थ्य खराब नहीं होता तो सबकुछ हो चुका होता। अब उनके पूरी तरह से स्वस्थ्य होने का इंतजार कर रहे है। अब तो गहलोत विरोधी भी इस बात के लिए प्रार्थना कर रहे होंगे कि गहलोत जी जल्द स्वस्थ्य हो तो हमें कुर्सी मिले। लेकिन माकन के इस बयान से साफ है कि राजस्थान की राजनीति में जिस बदलाव की चर्चा थी वो कहीं न कहीं सिरे चढ़ने से किसी न किसी बहाने रुक रही है। वरना तो पार्टी आलाकमान और प्रदेश प्रभारी सब तय करके बैठे हुए हैं। अब देखना ये है कि गहलोत कब तक पूरी तरह से फिट होते है और कब अजय माकन का बयान सच होता है। हालांकि ये तो तय है कि जो नेताओँ ने मंत्रि बनने, पार्टी में समायोजित होने और बोर्ड और आयोगों में अध्यक्ष बनने का सपना देख रहे थे उन्हें गहलोत जी के स्वस्थ होने का इंतजार तो करना ही पड़ेगा।

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