भीलवाड़ा। अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण जी ने भीलवाड़ा में आयोजित एक समारोह में देश के प्रतिष्ठित व्यंग्यकार, कवि, पत्रकार एवं राजस्थान के मुख्यमंत्री के विशेषाधिकारी फारूक आफरीदी को उनकी अणुव्रत के प्रति अपनी सेवाओं और साहित्यिक योगदान के लिए वर्ष-2020 का ‘‘राष्ट्रीय अणुव्रत लेखक पुरस्कार‘‘ प्रदान किया। आचार्य महाश्रमण जी ने अणुव्रत और जीवन विज्ञान विषय पर अपना प्रवचन देते हुए कहा की लेखक की शब्द शक्ति से अंर्तात्मा का मूल भाव हजारों लोगों तक पहुंचता है। लेखक में निर्भीकता से विचार व्यक्त करने का सामर्थ्य होता है। लेखक को पुरस्कार मिलने से उसका दायित्व और बढ़ जाता है और अन्य लोगों को आदर्श जीवन की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने आशा जताई कि लेखक अणुव्रत के विचार को अधिक से अधिक अंकुरित करने का प्रयास करेंगे।
फारूक आफरीदी ने अपने उद्बोधन में कहा कि वे इस पुरस्कार के लिए अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी और अणुव्रत लेखक मंच के कृतज्ञ हैं। आफरीदी ने कहा कि आचार्य महाश्रमण जी ने अणुव्रत को जीवन के हर क्षेत्र से जोड़कर इसे व्यापकता दी है। अणुव्रत आन्दोलन नैतिक मूल्यों का जीवन्त दस्तावेज है। हर इंसान में इन गुणों का समावेश आवश्यक है। इस आन्दोलन से सभी को जुड़ना चाहिए चाहे वह किसी धर्म, सम्प्रदाय या विचार का क्यों न हो।
आफरीदी को यह सम्मान उनके अणुव्रत विचार और साहित्यिक लेखन के लिए दिया गया है। इससे पूर्व में यह सम्मान राजेद्र शंकर भट्ट, श्यामसिंह ‘शशि‘, नरेन्द्र शर्मा ‘कुसुम‘, मूलचंद सेठिया, आनन्द प्रकाश त्रिपाठी आदि लब्धप्रतिष्ठ साहित्यकारों और विभूतियों को मिल चुका है।
प्रारंभ में अणुव्रत विश्व भारती के अध्यक्ष संचय जैन ने सभी का स्वागत किया और ललित गर्ग ने कार्यक्रम का संचालन किया।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published.