राजधानी में पहली बार इतनी संख्या में जुटा क्षत्रिय समाज

महिला शक्ति ने भी लिया बड़ी संख्या में भाग

क्षत्रिय समाज ने दिया बड़ा राजनीतिक सामाजिक संदेश

बगैर राजनीतिक मकसद के एकजुट हुआ क्षत्रिय समाज

जयपुर। जयपुर में आयोजित श्री क्षत्रिय युवक संघ के हीरक जयंती कार्यक्रम में देश भर के बड़ी संख्या में क्षत्रिय समाज के लोग एकत्रित हुए। बिना किसी राजनीतिक मकसद के पहली बार इतनी बड़ी संख्या में राजधानी में एक ही झंडे के नीचे राजपूत समाज का एकत्रित होना चर्चा का विषय बना हुआ है । हालांकि इस सम्मेलन का मकसद राजनीतिक नहीं था, लेकिन इसने सभी को राजनीतिक और सामाजिक संदेश जरूर दे दिया है, जिसके अलग अलग मायने निकाले जाएंगे।

भवानी निकेतन के आस पास केसरिया ही केसरिया

कार्यक्रम स्थल भवानी निकेतन के आसपास कई किलोमीटर तक सड़कों पर केसरिया पहने छत्रिय समाज के युवा, बुजुर्ग ,महिलाएं नजर आई । कार्यक्रम में राजस्थान के साथ-साथ उत्तर प्रदेश ,हरियाणा, मध्य प्रदेश ,गुजरात के अलावा दक्षिण भारत के कुछ राज्यों से लोग शामिल हुए। संगठन के प्रमुख के तौर पर लक्ष्मण सिंह बेंयकाबास और संरक्षक भगवान सिंह रोलसाहबसर के सानिध्य में युवाओं ने व्यवस्थाओं को ढंग से निभाया । कार्यक्रम में आने वाले सभी लोग दंग रह गए। प्रताप फाउंडेशन के वरिष्ठ स्वयंसेवक महावीर सिंह सरवडी ने संघ का आरंभ से लेकर अब तक के कार्यों पर प्रकाश डाला । चाहे भूस्वामी आंदोलन हो ,चौपासनी का मुद्दा हो ,आरक्षण का विषय हो, सामाजिक चेतना हो ,या अन्य विषय ,क्षत्रिय युवक संघ की कार्य शैली की विशेषता के चलते ही अन्य समाजों के लोग भी बड़े हृदय से जुडते हैं।

नेताओं ने किया सम्बोधित

संगठन को कांग्रेस के नेता धर्मेंद्र राठौड ने सम्बोधित करते हुए कहा कि संघ की हमेशा सार्थक भूमिका रही है। सरकार भले कोई सी पार्टी की रही हो, लेकिन संघ के प्रतिनिधि हमेशा सामाजिक हित की बात बड़े ही प्रभावी तरीके से रखते हैं ।।गुजरात सरकार में मंत्री रहे भूपेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि तन सिंह जी ने जो सपना देखा था वह आज विशाल वृक्ष के रूप में समाज को छाया दे रहा है।

राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह ने कहा कि जो दलित , कमजोर को बचाने के लिए लड़ने की ताकत रखता है वही क्षत्रिय कहलाता है। हम राम और श्री कृष्ण के सिद्धांत पर चलने वाले हैं। हमेशा गरीब और पीड़ित की मदद करते हैं। क्षत्रिय युवक संघ कि देन है कि हिंदू ,मुस्लिम ,सिख ,ईसाई सभी एक मंच पर हैं ,और जब हिंदुस्तान को जरूरत पड़ेगी वह गर्दन कटाने को भी तैयार है। ये संगठन जाति और धर्म से ऊपर उठकर मानव मात्र की बात करता है। उन्होंने भारत सरकार को भी ईडब्ल्यूएस में 8लाख के राइडर को खत्म करने की मांग उठाई।

वहीं विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता सिंह राठौड़ ने कहा कि क्षत्रिय वह जो सुरक्षा का भाव देता है । वह का नहीं जिससे भय हो। उन्होंने कहा कि जब दुनिया में रक्त क्रांतियां हो रही थी तब राजपूतों ने लोकतंत्र के लिए अपनी रियासत कालीन जमीनें दान कर दी। आजादी के लिए आंदोलन किया राजस्थान में पहला अहिंसक आंदोलन भूस्वामी आंदोलन तन सिंह जी के नेतृत्व में किया गया। इस आंदोलन ने समाज को एक नई दिशा दी। क्षत्रिय युवक संघ युवाओं में संस्कार देने का प्रयास करता है । शाखाओं के माध्यम से व्यक्तित्व निर्माण का काम करता है । आर्थिक आधार पर आरक्षण का यदि कोई जनक है तो क्षत्रिय युवक संघ की है।

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री राजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि उनके प्रभाव के विपरीत समय में समाज में चरित्र निर्माण और संस्कारों के निर्माण के लिए काम करें क्षत्रिय युवक संघ है। जिसकी स्तुति करने की जानी चाहिए। शेखावत ने कहा कि पूर्वजों के प्रेरक, गुणों ,त्याग, बलिदान, तेज, शौर्य ,धैर्य तथा धर्म की रक्षा स्वभाव को धारण करना चाहिए । ऐसे ही गुणों को धारण करने वाले लोगों को नमन भी करता है। यह गुण डीएनए के माध्यम से पीढ़ी दर पीढ़ी स्थानांतरित होते हैं। संघ प्रमुख लक्ष्मण सिंह ने कहा कि संस्थापक तन सिंह द्वारा प्रारंभ की गई संस्कार के बारे में बताते हुए कहा कि तन सिंह राम ,कृष्ण और पांडवों के जो वंशज थे उनके शुभ गुणों को जागृत करने की कोशिश की । तन सिंह जी ने वैज्ञानिक प्रणाली को अपनाया । इसे ही क्षत्रिय युवक संघ के नाम से जाना जाता है। ईश्वर के अवतारों की तरह ही उन्होंने बिना किसी साधनों की यह ईश्वरीय कार्य किया । क्षत्रिय पुरुष को उच्चतम मानव को महामानव और राजपूत को क्षत्रिय बनाने की कार्यशाला है ।क्षत्रिय युवक संघ किसी व्यक्ति को नष्ट करने का प्रयास नहीं करता।

भारतीय संविधान सर्वोपरि सभी सम्मान करें

इस मौके पर क्षत्रिय युवक संघ के संरक्षक भगवान सिंह

रोलसाहबसर ने कहा कि ईश्वर कृपा सभी पर बरसे, बात राजपूतों की नहीं है । तन सिंह जी की जो पीड़ा हुई थी वह प्राणी मात्र के कल्याण के लिए हुआ करती थी। उन्होंने कहा कि मुझे संघ का संरक्षक होने का दायित्व दिया है। लेकिन हमारा संरक्षक ईश्वर है ,वह हमारा सबका पालक और नियामक है। वही इस संघ को चलाएगा । यह मेरा भरा हुआ विशाल प्रांगण ऐसे लग रहा है जैसे किसी सागर में केसरिया लहरा रहा है । उन्होंने कहा कि भारत एक संविधान से चलता है उसका कभी भी उल्लंघन नहीं करें। हमारे भीतर पवित्रता उत्पन्न करने के लिए श्रेष्ठ उत्पन्न करने के लिए श्रेष्ठ कर्म की आवश्यकता है । हम ईश्वर की बनाई हुई चीजों से प्रभावित हो जाते हैं, जबकि हमें ईश्वर की ओर जाना है। इसका नाम है हमें खुद करना चाहिए । यह माहौल परमेश्वर ने बनाया है। जिससे आप सभी लोग यहां पहुंचे। उन्होंने ईश्वर्य भाव से क्रम में रहने की शिक्षा दी।

सामाजिक समरसता का संदेश

इस आयोजन में अन्य समाजों के लोग और प्रतिनिधि भी शामिल हुए । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने संदेश भेजें। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, जयपुर के सांसद रामचरण बौहरा ,राजसमंद के सांसद दिया कुमारी, मंत्री महेश जोशी, सुखराम विश्नोई,पूर्व मंत्री पुष्पेंद्र सिंह राणावत ,पूर्व मंत्री गजेंद्र सिंह खिवसर, चित्तौड़गढ़ के विधायक चंद्रभान सिंह आक्या, इंदौर कुमारी, प्रदेश सरकार के मंत्री भंवर सिंह भाटी ,छगन सिंह राजपुरोहित ,पूर्व विधायक राजपाल सिंह शेखावत , हनुमान सिंह राठौर, विधानसभा के उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह , पूरी महाराज, गोरखनाथ महाराज ,पूर्व विधायक मानवेंद्र सिंह जसोल ,विश्व हिंदू परिषद के नरपत सिंह शेखावत, विधायक रूपाराम मुरावतिया ,विधायक पदमाराम मेघवाल ,पूर्व विधायक मानसिंह किनसरिया, मसूदा के विधायक सुरेश रावत, रतनगढ़ के विधायक अभिनेश महर्षी, पूर्व विधायक रणवीर सिंह गुढ़ा ,पूर्व विधायक रणधीर सिंह भिडर, सुखदेव सिंह गोगामेडी, जैतारण के विधायक अविनाश गहलोत , पूर्व विधायक मूल सिंह शेखावत ,देवी सिंह शेखावत ,के विधायक बिश्नोई ,गुजरात सरकार के मंत्री, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विधायक, पूर्व विधायक, मंत्री,, संत्र समाज के लोग मौजूद रहे।

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