संघ प्रमुख ने किया सफाईकर्मचारियों के साथ भोजन
आभार प्रकटीकरण कार्यक्रम में झलका क्षत्रिय युवक संघ का प्रेम

ब्रह्मभोज से भी बड़ा बताया
जयपुर। किसी भी व्यक्ति के साथ भेदभाव ईश्वर की संतान के साथ भेदभाव है। 22 दिसम्बर को क्षत्रिय युवक संघ के हीरक जयंती कार्यक्रम में दिए गए संदेश को संगठन ने मूर्त करके भी दिखाया है। इस आयोजन से प्रत्यक्ष जुड़े लोगों के आभार प्रकटीकरण कार्यक्रम में संगठन के संरक्षक भगवानसिंह रोलसाहबसर ने सफा​ईकर्मियों का सम्मान किया। यही नहीं संघप्रमुख लक्ष्मणसिंह बेण्यांकाबास समेत वरिष्ठ स्वयंसेवकों ने साथ बैठाकर सप्रेम भोजन भी किया। यह प्रयास क्षत्रिय युवक संघ के मानवीय दर्शन को सत्यापित कर गया है। सफाई व्यवस्था में एक माह तक सहयोग करने वाले लोगों को संरक्षक रोलसाहबसर ने संघ साहित्य भेंट किया।


इस कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए संरक्षक रोलसाहबसर ने कहा कि ईश्वरीय आदेश पर हुए इस विराट आयोजन में सभी का सहयोग सराहनीय रहा। उन्होंने कहा कि सफाई कार्य में जुटे रहे लोगों ने एक माह तक उसी तरह से काम किया, जिस तरह से परिवार में करते हैं। ऐसे में ये लोग हमारे परिवार के ही हैं और इनका सम्मान करते हुए हमें हृदय से हर्ष हो रहा है। उन्होंने भवानी निकेतन समिति का भी आभार जताया। कार्यक्रम में आने वाले और प्रत्यक्ष—अप्रत्यक्ष सहयोग करने लोगों का आभार जताया गया। आयोजन में निमित्त बने सभी लोगों के साथ सहभोज का आयोजन किया गया।

ब्रह्मभोज से बड़ी कोशिश
संरक्षक भगवानसिंह रोलसाहबसर ने कहा कि मैं रोज देखता था कि सफाई कर्मचारी बड़े मनोयोग से इस कार्यक्रम में जुटे रहे। इनका सहयोग मैं कैसे भुला सकता था। मैं चाहता था कि ये हमारे साथ बैठें और भोजन करें। आत्मीयता के साथ यह अनुभव करें कि हम सब भगवान की संतान हैं। हम सब भाई बहिन है। मैं इनको धन्यवाद देता हूं और कृतज्ञता प्रकट करता हूं।
जिस तरह से विशिष्ट आयोजनों में ब्रह्मभोज से शुरूआत होती है। इसी तरह से हम इस आभार प्रकटीकरण की शुरूआत सफाईकर्मियों के साथ भोजन से कर रहे हैं।
सफाई निरीक्षक भगत दर्शन डागर, जमादार सूरजमल, कमल सारसल, मायादेवी, ओमप्रकाश, दिनेश, रिड़मल वाल्मीकि, सुरेन्द्र वाल्मीकि, कमल वाल्मीकि के साथ संघप्रमुख लक्ष्मणसिंह बेण्यांकाबास सहित क्षत्रिय युवक संघ के स्वयंसेवकों ने भोजन किया। इस अवसर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री गजेन्द्रसिंह खिंवसर ने कहा कि क्षत्रिय युवक संघ के हीरक जयंती समारोह जैसा विराट, वैभवशाली और अनुशासित आयोजन अभी तक नहीं देखा। प्रताप फाउण्डेशन के संयोजक महावीरसिंह सरवड़ी, पूर्व सांसद गोपालसिंह ईडवा, भवानी निकेतन के संरक्षक जालमसिंह, अध्यक्ष शिवपालसिंह नांगल, विक्रमसिंह मूंडरू, महाराव शेखा संस्थान के सचिव सम्पतसिंह धमोरा आदि बड़ी संख्या में समाजबंधु एकत्र रहे।

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