जयपुर। लंगोट का सच्चा और जूबान का पक्का इनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। बुजूर्ग भी इस बात को अपने बच्चों को हमेशा समझाते रहते है। जिसने बुजूर्गों की सीख पर काम किया वो हमेशा बच गया। जिसने थोड़ी सी भी गड़बड़ी की वो इस मामले में फंस गया। इन दिनों इस तरह का चलन आ गया है कि लोग अफसरों और नेताओं से काम निकालने के लिए महिलाओं का दुरुपयोग करने लगे है। जोधपुर पुलिस की जांच में इस बात का खुलासा हो गया है कि आरोपी युवक नीतिन शर्मा उर्फ अक्षत शर्मा और दीपाली लड़कियों का इस्तेमाल नेताओँ और अधिकारियों से फाइल पास कराने के लिए करते थे। ये दूसरी बात है कि राजस्व मंत्री राम लाल जाट की किस्मत अच्छी थी जो बच गए वरना तो उनका क्या होता ये कोई नहीं जानता

अलग- अलग तरीके से बनाते है शिकार

भीलवाड़़ा में पकड़ में आए गिरोह के लोगों ने बताया कि वे कभी सामाजिक संस्था के पदाधिकारी बनकर तो कभी मीडिया प्रतिनिधि बनकर नेताओं और अफसरों के पास काम लेकर जाते है। काम सीधे रास्ते से हो जाए तो ठीक वरना मॅाडल्स का इस्तेमाल उन्हें रिझाने और फंसाने में करने से भी नहीं चूकते थे। इस खुलासे के बाद से लंगोट के ढिले नेताओं और अफसरों के पसीने छूट रहे है। उन्हें लग रहा है कि उन्होंने अब तक कौन -कौन सी गलती की है। राजस्थान में एक पूर्व दबंग एमएलए तो ऐसे कई नेताओं और अफसरों को अपने फार्म हाउस और मंहगे होटलों में बुलाकर उनका वीडियो बनाता था और फिर कई सालों तक अपनी मर्जी के कई काम निकालता था। उनका तो काम ही यही था क्योंकि उनके शिकंजे में कई पुलिस अधिकारी, आईएएस अधिकारी , कई विधायक फंस चुके थे। लंबे समय तक उन्होंने अपने इसी चक्र का प्रयोग किया। राजस्थान के पूरे मजे लिए। नेताओं और अफसरों को खूब इसी जाल का शिकार बनाकर मोटे काम निकाले। आज भी उनके पास कई नेताओं और अफसरों की सीढि़यां , और पैन ड्राइव में तस्वीरें और वीडियो मौजूद है।

नेता – अफसर कैसे बचे

नेताओँ और अफसरों का सार्वजनिक जीवन है तो उन्हें मिलना भी सार्वजनिक तौर पर ही चाहिए। आजकल नेता और अफसरों ने तो पत्रकारों से भी इसलिए दूरी बना ली है कि न जाने कौन कब कौनसी बात रिकार्ड करके वायरल कर दे। सभी नेता और अफसर मीडियाकर्मियों के फोन तक चैंबर से बाहर रखवाने लग गए। लेकिन हकीकत में रामलाल जाट को भी फाइल पास कराने के लिए पहुंचे अक्षत और दीपाली मीडियाकर्मी बनकर पहुंचे थे। उऩ्होंने भी सर्किट हाऊस में मिलने बुला लिया। लेकिन जब फाइल देखी तो उन्होंने काम करने से इंकार कर दिया। यदि थोड़े से भी राम लाल जाट गच्चा खा जाते तो उनका राजनीतिक कैरियर चौपट हो सकता था। वे एक बार पूर्व में भी इस तरह के मामले में बड़ा नुकसान उठा चुके है। इसलिए राम लाल जाट बच निकले। लेकिन नेताओं और अफसरों का कहना है कि आखिर कैसे पहचान करें की कौन असली और कौन नकली है। जाहिर सी बात है की इसमें सावधानी अफसरों और नेताओँ को बरतनी पड़ेगी। वरना तो लंगोट थोड़ी की ढिली रखने में शान-औ शौकत और रुतबा सबकुछ चला जाएगा। कौन कब किस वेश में आपको मुर्गा बना जाएगा पता भी नहीं लगेगा। इस तरह का काम करने वाले सभी जगह और अलग- अलग वेश में घूम रहे है। सावधान रहे अपने चरित्र के पक्के रहे । फिर इस तरह के लोग कुछ भी नहीं बिगाड़ सकते। अफसरशाही में भी कई अफसरों को इस तरह के लोगों ने खूब मूर्गा बना रखा है। जो फोन बजने के साथ ही जी सर , जी सर करते खड़े हो जाते है और करोड़ों के काम बस अपनी फोटो और वीडियों वायरल होने से रोकने के लिए कर देते है। इसलिए इस तरह के मामले हर रोज दर्ज हो रहे है।कुछ सामने आ जाते है कुछ का राज कभी नहीं खुलता है।

पहले भी इस तरह के मामले आ चुके है सामने

पहले भी रिश्वत लेते नेताओँ और अफसरों की फोटूएं और वीडिया वायरल होने के बाद नेताओं- अफसरों को अपने पद से जाना पड़ा था। अब रिश्वत के साथ – साथ खूबसूरत महिलाओं ,मॅाडल्स का उपयोग भी जमकर हो रहा है। कई लोग मॅाडल्स के माध्यम से ही इस तरह के अफसरों और नेताओं को अपना शिकार बनाते है। अगला नंबर किसी का भी हो सकता है इसलिए इस तरह के लोगों से सावधान रहे।

राजनीतिक साजिशें भी

विरोधी पार्टी के नेता भी अपने सामने वाले नेता जी और अफसरों के बारे में पूरी जानकारी रखते है। जैसे ही पता चलता है कि विरोधी लंगोट का ढिला है तो उसे फंसाने के लिए वे भी खूबसूरत मॅाडल्स का ही इस्तेमाल करते है। क्योंकि जो इस तरह के लोग होते है वे इस तरह के जाल में फंस जाते है।

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