जयपुर । राज्यसभा चुनाव के बीच राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने एक बड़ा सवाल पार्टी के सामने खड़ा कर दिया है। दरअसल कांग्रेस पार्टी मुख्यालय में राज्यसभा चुनाव को लेकर आज विधायकों की बैठक थी। विधायकों की बैठक के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर इशारों इशारों में तंज कसा । पायलट बोले हम लोगों को मानना पड़ेगा कि हमारे पास एक बार सिर्फ 56 और एक बार 21 विधायक रह गए थे । ऐसा क्या कारण है कि हम राजस्थान में सरकार रिपीट नहीं कर पाते ? हमारी सरकार जब दूसरे प्रदेशों में रिपीट हो सकती है तो राजस्थान में क्यों नहीं ? दिल्ली में सरकार रिपीट हुई, असम में, आंध्रा में रिपीट हो चुकी है तो आखिरकार राजस्थान में ऐसे कौन से कारण रहे कि हमारी सरकार रिपीट नहीं हो पाती है। हमें कम से कम इन कारणों पर चर्चा करनी चाहिए।

मोदी जी आने से पहले भी सरकार रिपीट नहीं हुई

पायलट ने कहा कि यह जो माहौल बना है मोदी जी के आने के बाद कांग्रेस सरकार रिपीट नहीं हुई। इससे पहले भी हम सरकार रिपीट नहीं कर पा रहे थे। इन कारणों पर भी हमको चर्चा करनी होगी। हम सब कार्यशाला में संकल्प लें, कैसे एकजुटता से चुनाव लड़ा जाए जिससे कांग्रेस पार्टी की सरकार रिपीट हो सके।

पायलट के बयान से बवाल

सचिन पायलट के बयान से एक बार फिर से राजस्थान की राजनीति में हलचल तेज हो सकती है। क्योंकि 1 दिन पहले ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पायलट खेमें की बगावत को याद करते हुए कहा था कि हमारे 19 साथी हमसे बगावत करके, गुमराह होकर गए थे। आज वह भी हमारे साथ है। आज पायलट में गहलोत की मौजूदगी में ही यह बोलकर की राजस्थान में क्यों नहीं सरकार रिपीट होती है । गहलोत को ही कटघरे में खड़ा करने का काम कर दिया । जाहिर सी बात है कि 1998 के चुनाव में 156 सीट जीतकर सत्ता में आई कांग्रेस पार्टी, चुनाव में 56 सीटों पर सिमट गई, फिर से कांग्रेस पार्टी जब सत्ता में आई तो 98 से 21 सीटों पर सिमट गई। अब क्या गारंटी है कि कांग्रेस पार्टी 108 से 120 पर पहुंच जाएगी। इसलिए कांग्रेस पार्टी के नेताओं को इस पर मंथन करना चाहिए कि आखिरकार हम सरकार क्यों नहीं रिपीट कर पाते। उन कारणों को दूर करके एकजुटता से चुनाव लड़ना होगा।

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