सीबीआई, इनकम टैक्स और ईडी ने विपक्ष को तमाशा बना दिया

क्या लोकतंत्र में किसी की बेइज्जति करने पर आपको हक है

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ईडी की कार्रवाई को लेकर एक बार फिर मीडिया से बात करते हुए एक सवाल के जवाब में कहा कि पहले ईडी को यह बताना चाहिए वह किसके दबाव में काम कर रहे हैं । जब 2015 में ईडी के जो जॉइंट डायरेक्टर थे , जो आईओ थे ,ऑफिसर थे उन्होंने सोनिया जी के बारे में राहुल जी के बारे में जो केस था उसे बंद करने कर दिया था। तमाम अरगुमेंटस देकर, उसके बाद मैं क्या कारण रहे होंगे इस केस को पुनः खोलकर मैं 2015 की बात बता रहा हूं , आपको जब केस क्लोज हो चुका, इसके बाद में केस को फिर से खोला गया है। टारगेट करके इस प्रकार की हरकत से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में बहुत आक्रोश है। देशभर में लोगों में आक्रोश है । क्योंकि 8साल से ये ही तमाशा हो रहा है । ईडी का, सीबीआई का,इंकमटैक्स का तमाशा देखते देखते लोग थक गए हैं। आप पूछ लीजिए किसी से मुंबई में ,कोलकाता में ,चेन्नई में ,दिल्ली में वह आपको बताएंगे हालात क्या है देश के अंदर पर सब लोग घबराए हुए हैं ।लोकतंत्र में घबराहट होना अच्छी बात है क्या ? क्या लोकतंत्र में लोग अपने दिल की बात नहीं कह सकते, जुबान पर नहीं ला सकते यह अच्छी बात है क्या? लोकतंत्र के क्या मायने यही है कि आप खुलकर अपनी बात करो ,वह नहीं हो पा रहा है देश के तो अंदर की पूरे देश मे सबके मुंह पर ऐसी स्थिति कर कि बोलेंगे तो देशद्रोही हो जाएंगे हम लोग, जेल जाएंगे, कई पत्रकार जेलों में बैठे हुए हैं, साहित्यकार बैठे हुए है, आपको हमको तो मालूम ही नहीं है पूरे देश में गांव – गांव में हिंदू मुसलमान हो गया है। रामनवमी का जुलूस हो, चाहे वह पार्टी की नमाज हो, आपके सोशल मीडिया में आप देख रहे हो कि 400-500 लोग मामूली बात है। देश में तनाव हो गया।

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