मुंबई। महाराष्ट्र में शिवसेना, राकपा, कांग्रेस की गठबंधन सरकार संकट में है यहां। शिवसेना के बागी मंत्री एकनाथ शिंदे ने 49 शिवसेना और निर्दलीय विधायकों के साथ का एक फोटो शेयर किया है। वहीं मुख्यमंत्री उद्दव ठाकरे ने रात में मुख्यमंत्री कार्यालय खाली कर मातोश्री में रहने आ गए है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि उनके लिए मुख्यमंत्री या शिवसेना प्रमुख का पद बड़ा नहीं है। वे सब छोड़ने को तैयार है लेकिन एकनाथ शिंदे और अन्य नाराज विधायक आकर बात तो करें। शिवसेना नेता संजय राऊत ने भी साफ तौर पर कहा कि बात तो मुंबई आने पर ही होगी। एकनाथ शिंदे जैसा कहेंगे वैसा सब करेंगे लेकिन एक बार मुंबई तो आए उसके बाद ही नाराजगी पर बात की जाएगी।

शिवसेना गठबंधन से बाहर आने को तैयार

संजय राऊत का तो यहां तक कहना है कि शिवसेना गठबंधन से बाहर निकलने को भी तैयार है बशर्ते एकनाथ शिंदे और अन्य विधायकों को मातोश्री आकर अपनी बात कहनी होगी। बात तो मातोश्री में ही होगी।

भाजपा में बैठकों का दौर शुरु

शिवसेना में आई दरार के पीछे भाजपा ही बताई जा रही है। माना जा रहा है कि सारा खेल पर्दे के पीछे भाजपा ही खेल रही है। अब भाजपा भी इस फूट का फायदा उठाने को आतुर नजर आ रही है। भाजपा में बैठकों का दौर शुरु हो चुका है। माना जा रहा है कि भाजपा गठबंधन एक बार फिर शिवसेना के साथ मिलकर सरकरा बना सकता है। लेकिन ये जितना आसान समझ रहे है उतना आसान भी नहीं है। हो सकता है भाजपा का फिर से सरकार बनाने का सपना फिर से सपना ही रह जाए। इसलिए भाजपा नेता अभी तक खुलकर कोई बयान भी नहीं दे रहे।

एकनाथ शिंदे के समर्थन में जगह-जगह पोस्टर भी लग गए है। शिवसैनिक शुभकामनाएं दे रहे हैं और कह रहे हैं कि वे आगे बढ़े। शिवसैनिक उनके साथ हैं। दरअसल उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने के बाद उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के विधायकों से दूरियां बना ली थी । वे कार्यकर्ताओं से भी मिलते थे ।शिवसैनिकों और विधायकों से नहीं मिलने के कारण ही विधायकों में उनके खिलाफ नाराजगी बढ़ती गई और उसका नतीजा है कि आज शिवसेना के विधायको ने बगावत कर दी।
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