जयपुर। वोट हमारे राज तुम्हारा नहीं चलेगा। ये नारे तो आपने सुने होंगे लेकिन कांग्रेस के किशनपोल विधानसभा के विधायक अमीन कागजी ने इस बात का अहसास भी अच्छी तरह से करा दिया। दरअसल मंत्री कई बार बगैर स्थानीय जनप्रतिनिधियों से बात करे ही सरकारी कारिंदों के ट्रांसफर कर देते है। ऐसा ही कुछ चिकित्सा विभाग में हुआ। चिकित्सा मंत्री ने भी किशनपोल विधानसभा में सेवाएं दे रहे चार मुस्लिम डॅाक्टरों के तबादले कर दिए।

चार मुस्लिम डॅाक्टरों के तबादलों से भड़के कागजी

एक साथ मुस्लिम बहुल इलाके से चार मुस्लिम डॅाक्टरों के तबादले से स्थानीय विधायक तमतमा गए। क्योंकि स्थानीय लोगों ने विधायक का घर पर घेराव कर लिया। एक साथ चार डॅाक्टरों के तबादले वो भी कांग्रेस सरकार में ऐसे कैसे चलेगा। विधायक ने मंत्री परसादी लाल मीणा से बात की तो मंत्री ने ठंडे छिंटे दे दिए। अगली सूची में तबादले कर देंगे। लेकिन जब दूसरी सूची निकली तो उसमें उन डॅाक्टरों के नाम नहीं थे अपितू जिन डॅाक्टरों के तबादले किए थे उनके तबादले रद्द कर दिए। लेकिन उस सूची में किशनपोल इलाके का एक भी डॅाक्टर नहीं था। बस फिर क्या था अमीन कागजी सीधे पहुंचे मंत्री जी के बंगले पर। मंत्री जी से आग्रह किया कि चारों डॅाक्टरों को वापस लगाया जाए। लेकिन जब मामला लेन- देन का हो तो आखिर कैसे हो इतना जल्दी। मंत्री जी ने थोड़ी ना- नुकर की तो विधायक महोदय का पारा चढ़ गया। वहीं मौके पर अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए। कहा मंत्री जी ऐसा नहीं चलेगा। जिन लोगों के वोटों से हम चुनाव जीतकर आए है। जिनके दम पर सरकार बनी है और आप मंत्री बने उनके काम तो करने ही पड़ेगे। यदि हम वोटरों की बात नहीं मानेंगे तो फिर हमें वोट कौन देगा। कौन हमारी बात सुनेगा। आपको चारों डॅाक्टरों के तबादले रद्द करने ही पड़ेंगे।

समर्थकों के साथ धऱने पर बैठे कागजी

ये कहते हुए अमीन कागजी भी धरने पर बैठ गए। कागजी बोले लोग इलाके में घुसने नहीं देंगे। मुस्लिम बहुल इलाका है इलाके से 4 मुस्लिम डॅाक्टरों के तबादले लोगों में आक्रोश है। जनता को क्या मूंह दिखाऊंगा। कांग्रेस सरकार में भी हमारे आदमियों के तबादले। बीजेपी सरकार से तो उम्मीद ही नहीं की जा सकती। कम से कम कांग्रेस सरकार में तो हमारे लोगों के काम होने ही चाहिए। बोले डेढ़ – दो साल से जो डॅाक्टर आए थे, उन चार मुस्लिम डॅाक्टरों के तबादले कर दिए। जबकि लोग भी उनके काम से खुश है। इस बात को लेकर लोगों में भारी आक्रोश था। लोगों का कहना था कि जहां मुस्लिमों का बाहुल्य है। यहां के स्थानीय डॅाक्टर अच्छा काम कर रहे थे इसके बावजूद भी मंत्री जी ने इनके तबादले कर दिए। इसका मैने विरोध जताया है।

तबादले करने पड़े रद्द

आखिरकार मंत्री को चारों डॅाक्टरों के तबादले रद्द करने पड़े। इसके बाद ही विधायक अपने समर्थकों के साथ मंत्री जी के घर रवाना हुए। जब विधायक ने समर्थकों से कहा की चारों डॅाक्टरों के तबादले रद्द कर दिए है तो समर्थक अमीन कागजी जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। लेकिन कहीं न कहीं ये सीख भी दे गए कि मंत्री स्थानीय विधायक से बड़ा नहीं होता है। मंत्री को तबादलों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सुननी ही पड़ेगी। वरना तो विरोध करने में भी देर नहीं लगेगी।

तबादलों में पैसों के लेन- देन का आरोप

लेकिन उनका क्या होगा जिन्होंने पैसा देकर तबादला कराया था। चर्चा इस बात की चल पड़ी की आखिर उनका क्या होगा जिन्होंने किशनपोल इलाके में पोस्टिंग के लिए मोटा पैसा दिया था। अब या तो दलालों को वो पैसा वापस करना पड़ेगा या फिर उन्हें कहीं न कहीं डेपूटेशन पर लगाना पड़ेगा। तबादले रद्द करने के साथ ही ट्रांसफरों में पैसों के लेन- देन की बात भी सामने आने लगी। लेकिन क्या वे डॅाक्टर सामने आएंगे जिन्होंने तबादलों के पैसे दिए थे। या फिर ये सिर्फ हव्वा खड़ा किया जा रहा है। क्योंकि यदि पैसों का लेन- देन होता तो फिर इस तरह से तबादले रद्द नहीं होते। लेकिन लोगों को सवाल उठाने का मौका तो मिल ही गया । क्या अचानक चिकित्सा विभाग में इतना बड़ा तबादला उद्योग कैसे खुल गया। आखिर मंत्री के नाम से कौन लेन- देन कर रहा है। जो डॅाक्टरों और चिकित्सा स्टाफ के बारे में बगैर फीडबैक के कैसे तबादले कर रहा है। जबकि डॅा्क्टरों की वैसे ही भारी कमी है। लेकिन आज के एपिसोड से साफ हो गया कि आपके विधायक में दम है तो एक मिनिट में मंत्री काम करना पड़ेगा। यदि विधायक ढ़ीला है या पैसे के लेन- देन में उलझा हुआ है तो वो डॅाक्टर तो क्या किसी चपरासी का भी तबादला नहीं करा सकता। लेकिन कागजी के काम से इलाके के लोगों में अच्छा संदेश गया। कागजी ने तो कम से कम अपने वोट बैंक को तो पुख्ता कर लिया।

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