भूंगरा। पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के गोद लेने के बाद जोधपुर ज़िले के भूँगरा गाँव गैस पीड़ितों को राहत मिलना शुरू हो गया है।लोगों के रहने के लिए वहाँ बड़े-बड़े आवासीय कंटेनर पहुँच गए हैं,जिनमें बेड और कुर्सियों के अलावा बाथरूम भी अटैच है।लोगों में भोजन सामग्री के पैकेट भी वितरित किए जा रहें है।और क्या-क्या मदद की जानी चाहिए इसका सर्वे भी राजे द्वारा बनाई गई कमेटी पूर्व विधायक बाबू सिंह राठौड़ के नेतृत्व में करने लगी है।अब भूँगरा गाँव की तस्वीर बदलने लगी है।
यहाँ गौरतलब है कि 3 दिन पहले राजे भूँगरा गाँव पहुँची तो वहाँ गैस त्रासदी में हुई बर्बादी का दृश्य देख कर बेहद आहत थी।
वहाँ हुई तबाही की तस्वीर ने उनकी आँखों को भिगो दिया था।वहाँ बिखरा हुआ सुहाग का सामान,खून से सनी दीवारें,शुभ विवाह लिखा वो दूल्हे का घर जो काजल की कोठरी बन चुका था को देख कर उन्होंने कहा था कि अपनों के अलविदा होने से मैं आहत ही नहीं,गहरी चिंता में हूँ कि इन परिवारों को अब कैसे सम्बल दिया जाये,इनकी तकलीफ़ कैसे बाटी जाए ? उन्होंने शुक्रवार को भी सहयोग में जुटे कार्यकर्ताओं से बातचीत कर यही कहा है कि यह पीड़ितों को गले लगाने को समय है।अपनों को खोने का जो दर्द जो इन्हें मिला है,उसे कम करने की जरूरत है।इनका हाथ पकड़ कर इनका सहारा बनने की जरूरत है।इनके लिए इंतज़ाम में कोई कमी न रहनी चाहिए। उन्होंने एक बार फिर से पीड़ित परिवारों को भरोसा दिलाया कि मैं हूँ ना।राजे ने कहा पीड़ित परिवारों को जो ज़ख़्म मिलें है उनकी भरपाई तो नहीं की जा सकती,लेकिन उनके साथ खड़े रहकर हम उनके घाव तो कम कर ही सकते हैं।