महेश जोशी समेत आठ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

जयपुर। मंदिर परिसर में अवैध होटल बनाने और मंदिर के पास ही पिछले कई सालों से परिवार सहित रह रहे रामप्रसाद मीणा और उसके परिवार को परेशान करने के बाद रामप्रसाद मीणा के सुसाइड करने के 3 दिन बाद भी परिजनों ने शव नहीं उठाया । परिजन अब मंत्री महेश जोशी की गिरफ्तारी की मांग पर अड़ गए हैं। सबसे खास बात है कि शव उसी ट्रांसपोर्ट कंपनी के ऑफिस में रखा गया है जहां पर मृतक रामप्रसाद ने सुसाइड किया था। लेकिन लोगों का कहना है कि सरकार को मंदिर परिसर में बने इस विशाल होटल के निर्माण में शामिल तमाम उन निगम, जेडीए के अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए जिनकी शह से इस होटल का निर्माण हुआ। मामला जयपुर की चांदी की टकसाल स्थित राजामल तालाब स्थित 260 वर्ष पुराने गिरधारी जी के मंदिर का है। जहां मंदिर परिसर में मंदिर के पुजारी और उसके परिवार ने नियमों को ताक पर रखकर हेरिटेज बिल्डिंग में आलीशान होटल का निर्माण करवा दिया। कीस होटल के निर्माण में मंत्री महेश जोशी और निगम अधिकारियों की मिलीभगत है निगम अधिकारी नील कमल मीणा का कहना है कि उन्हें जोशी का दबाव था लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि क्या अधिकारी मंत्रियों और विधायकों के दबाव में काम करते हैं तो फिर नियम कायदों का क्या मतलब है? अगर अधिकारी मंत्रियों नेताओं की दबाव में काम करते हैं तो इससे साफ है कि फिर नियम कायदे कोई वक नहीं रखते हैं। जाहिर सी बात है कि इतने बड़े होटल के निर्माण में किसी मंत्री या विधायक के फोन से ही काम नहीं कर सकता क्योंकि निगम अधिकारी कितने इमानदार है सब जानते हैं और कितनी खाई वाली किसी से छुपा हुआ नहीं है । लेकिन पैसा खाकर अधिकारी कर्मचारी पैसा खा कर अब पूरा मामला पूरा मामला महेश जोशी पर डालना चाहते हैं और कहीं ना कहीं इस मामले में खुद के बचाव के लिए दे महेश जोशी को बलि का बकरा बना रहे हैं विरोधी पार्टी के लोग दिनेश जोशी को टारगेट कर रहे हैं और जिस तरह से मृतक का बयान सुनने पर सब बातें कि वह 8 लोगों का नाम ले रहा है और उसमें एक महेश जोशी भी है लेकिन यह भी ठीक पास सही बात है वीडियो दो तीन बार में बनाया हुआ है जाहिर सी बात है कि इस पूरे खेल में कोई और भी शामिल है जिसमें रामप्रसाद मीणा को मरने के लिए मजबूर किया तो जिसने वीडियो बनाया जिसमें गाला उन पर भी एक्शन होना चाहिए हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए और इस इलाके में निगम के अधिकारी हैं उन पर तो मुकदमे दर्ज होना ही चाहिए क्योंकि बगैर उनकी सके यह काम नहीं हो सकता। अधिकारियों के पक्ष में दूसरी पार्टियों के नेता आकर महेश जोशी को टारगेट करके उन्हें आरोपी बनाना चाहते हैं इसीलिए हम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है महेश जोशी के खिलाफ जांच होनी चाहिए एफ आई आर उनका का नाम है लेकिन निगम के अधिकारियों को भी क्लीनचिट नहीं दी जा सकती।

महेश जोशी का कहना है कि कुछ दिनों पूर्व उन्हें इस बात की शिकायत मिली थी कि मंदिर परिसर में कोई दूसरा व्यक्ति निर्माण करवा रहा है। क्योंकि मंदिर प्राचीन था लोगों की धार्मिक आस्था जुड़ी हुई है इसीलिए अधिकारियों से पूरे मामले की जानकारी जुटाकर विवाद का निपटारा करने के निर्देश दिए थे। जो सामान्य प्रक्रिया है मेरा मृतक रामप्रसाद मीणा किसी से कोई व्यक्तिगत जान पहचान नहीं है। ना कभी मुलाकात हुई है। मैं उस परिवार को जानता नहीं हूं । लेकिन यदि मंदिर के पुजारी की शिकायत कर काम रुक जाता नहीं जांच के आदेश नहीं देता तो मंदिर का पुजारी भी सुसाइड कर लेता तब क्या होता? ऐसी स्थिति में शिकायत पर ही प्रशासन इस पूरे मामले की जांच कर रहा था इसी बीच रामप्रसाद में आत्महत्या कर ली। मेरी रामप्रसाद और उनके परिजनों से पूरी सहानुभूति है । इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और जो भी दोषी उनके खिलाफ एक्शन होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मौत से पहले तीन-चार वीडियो कौन बनाता है ?सच्चाई ठीक से पता करना चाहिए? मुकदमा दर्ज कराना हर किसी का अधिकार है मैं चाहता हूं सच्चाई सामने आए

मृतक के परिजनों का आरोप है कि मैं जोशी सहित कई लोगों ने उन्हें मकान बनाने से रोका। जमीन के सभी डॉक्यूमेंट होने के बावजूद उसके घर के बाहर गार्ड लगा दिए ।ताकि काम नहीं करा सके। रामप्रसाद की दादी शनिवार को महेश जोशी से मिली लेकिन कोई मदद नहीं की। उससे परेशान होकर रामप्रसाद ने सुसाइड कर लिया। उनके परिजनों का आरोप है कि महेश जोशी के दबाव में ही नगर निगम के कर्मचारियों ने अवैध होटल के निर्माण को रोका नहीं । उसे पूरा होने दिया तो सरकार को चाहिए कि नगर निगम के अधिकारियों- कर्मचारियों पर एक्शन होना चाहिए। जिनकी सहमति से इस होटल का निर्माण हुआ और उन्हीं निगम कर्मियों की वजह से रामप्रसाद को सुसाइड करना पड़ा। गिरधारी जी के मंदिर के देवेंद्र शर्मा ,ललित शर्मा ,होटल के मालिक लाल चंद देवनानी और जोशी पर परिजनों ने आरोप लगाया है। वहीं कैबिनेट मंत्री महेश जोशी समेत आठ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मुकदमा मृतक रामप्रसाद मीणा के भाई महावीर मीणा की तरफ से दर्ज कराई गई है । महावीर का कहना है कि आरोपियों ने मुझे जातिसूचक गालियां दी। कहा तुम्हारा मंदिर के पास रहने का कोई अधिकार नहीं है। जबकि हमने इस जमीन का पट्टा 2017 में नगर निगम से लिया हुआ है। इसके बावजूद हमारी जमीन पर मकान का निर्माण करने पर रोका जा रहा है। घर के बाहर गार्ड तक बैठा दिया। नगर निगम के अधिकारी भी साफ तौर पर महेश जोशी का नाम ले रहे हैं कि इस पूरे निर्माण कार्य में महेश जोशी के दबाव के चलते ही यह होटल का काम भी चल रहा था और मृतक के मकान का निर्माण भी रुका हुआ था। मृतक के परिजनों का और आसपास के लोगों का कहना था कि होटल के निर्माण में मंत्री महेश जोशी का पूरा आशीर्वाद था। जिसके चलते निगम कर्मचारी इस तरफ देखते भी नहीं थे और होटल मालिक और अन्य लोगों ने निगम के आला अधिकारियों को और बड़े अफसरों को भी सेट किया हुआ था। आखिरकार इन सब पर भी कार्रवाई होनी चाहिए जिससे यह होटल का निर्माण हुआ ।क्योंकि एक हेरीटेज मंदिर में कोई भी व्यक्ति कैसे होटल का निर्माण कर सकता है ? होटल भी छोटा मोटा नहीं था रॉयल शरैटन का निर्माण हो रहा था, इसमें निगम अधिकारी भी कम दोषी नहीं है ,उन तमाम लोगों पर भी एफ आई आर दर्ज होनी चाहिए।

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