अरविंद कुमार जोशी

सुमेरपुर 24 अप्रैल राजस्थान विधानसभा आम चुनाव को लेकर भावी प्रत्याशी अभी से तैयारियों में जुट गए है भाजपा का गढ़ माने जाने वाली सुमेरपुर विधानसभा सीट पर इस बार कांग्रेस की नजर है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में भाजपा के गढ़ वाली सीटों को हथियाने के लिए अभी से तैयारियां शुरु कर दी है।लेकिन एक बार भाजपा और एक बार कांग्रेस वाली कहावत सही होती है या नही यह चुनाव परिणाम के बाद ही पता चल सकेगा।सुमेरपुर विधानसभा क्षेत्र पाली जिले का सबसे बड़ा क्षेत्र है। इसमें सुमेरपुर पंचायत समिति की 30 ग्राम पंचायतों के अलावा पाली व रानी पंचायत समिति की भी दर्जनों ग्राम पंचायतें शामिल है। सुमेरपुर विधानसभा क्षेत्र में सुमेरपुर और तखतगढ़ नगरपालिका क्षेत्र शामिल है। सुमेरपुर विधानसभा क्षेत्र से अब तक केवल कांग्रेस से बीना काक मंत्री रह चुकी है जबकि भाजपा के मदन राठौड़ उप सचेतक रह चुके है। हर बार होने वाले चुनाव में मतदाता अपनी जाति के प्रत्याशी को मत देना पसंद करता है लेकिन एससी मतदाता भी खासी संख्या में है। हालांकि क्षेत्र में कई समस्याएं ऐसी है जो आज तक उसी अवस्था में है। वर्तमान गहलोत सरकार जहा अपनी कल्याणकारी योजनाओं व नि:शुल्क बिजली के अलावा लोक लुुभावनी घोषणाओं को आधार मानकर एक बार फिर सत्ता मिलने की आस लगाए बैठी है। वही भाजपा इस बार थोथी घोषणाएं और पेपर लीक मामला, बलात्कार, हत्या, लूट जैसे मामले उछालकर जीत पक्की करना चाहती है।

10 साल से हार रही है कांग्रेस

वर्तमान में पूरे पाली जिले में कांग्रेस के एक भी जीता हुआ प्रत्यासी नहीं है। क्योंकि कांग्रेस ३३ गुट बाजी के कारण कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ता है। वहीं कांग्रेस के कहीं स्थानीय नेता बताते हैं कि सुमेरपुर विधानसभा क्षेत्र में पिछले 10 साल से कांग्रेस हार का मुंह देखना पड़ा है। स्थानीय नेता एवं कार्यकर्ता बताते हैं कि कांग्रेस हार का कारण पैराशूट प्रत्यासी है। आला कमान स्थानीय नेता को अंधे की करती है और पैराशूट प्रत्याशी मैदान में उतारती है इस कारण कांग्रेस को हार मुंह देखना पड़ता है।

अब तक ये रहे विधायक वर्ष विधायक पार्टी 1-1962 अणदाराम कांग्रेस,2-1967 फूलचंद बाफना स्वराज पार्टी 3-1972 सज्जनसिंह कांग्रेस ,4-1977 विज्ञान मोदी जनता दल 5-1980 गोकुलचंद शर्मा कांग्रेस 6-1985 बीना काक कांग्रेस 7-1990 गुलाबसिंह राजपुरोहित भाजपा 8 -1993- बीनाकाक कांग्रेस 9-1998 बीना काक कांग्रेस 10-2003 मदन राठौड़ भाजपा 11-2008 बीना काक कांग्रेस ,12-2013 मदन राठौड़ भाजपा 13-2018 जोराराम कुमावत भाजपा बड़ी जीत हुई थी।

स्थानीय प्रत्याशी की उठ रही है मांग भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने वर्ष 2018 में हुए आम चुनाव की तरह ही इस बार भी स्थानीय प्रत्याशी की मांग आलाकमान तक पहुंचानी शुरु कर दी है। गत विधानसभा चुनाव के समय कार्यकर्ताओं की भावनाओं को नजरअंदाज करते हुए कांग्रेस पेराशूट प्रत्याशी बताते हुए कार्यकर्ताओं ने दूरी
बना दी। जिससे हार का सामना करना पड़ा।

भाजपा में भी उठी स्थानीय की मांग

जबकि भाजपा ने स्थानीय प्रत्याशी पर जोर देते हुए सुमेरपुर पालिकाध्यक्ष जोराराम कुमावत को प्रत्याशी बनाया और जीत हासिल की। विधानसभा चुनाव से पूर्व नेता अभी से दौरे करने लगे है। कांग्रेस जहा हाथ से हाथ जोडो अभियान के माध्यम से मतदाताओं तक पहुुंचकर कांग्रेस सरकार की योजनाओं का बखान करने लगे है। वही भाजपा बूथ स्थर पर अपनी पकड़ मजबूत बनाने के लिए बैठके व कार्यशाला आयोजित करने पर जोर दे रही है।

भाजपा-कांग्रेस ने इन नेताओं ने नाम चर्चा में सुमेरपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के भावी प्रत्याशी के रुप में पूर्व प्रधान वह जिला परिषद सदस्य हरिशंकर मेवाड़ा, शिशुपालसिंह निम्बाडा,अंबादेवी रावल पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष तखतगढ,गजेन्द्रसिंह राणावत, जगदीश राजपुरोहित, भूराराम सीरवी,महेश परिहार, सुमेरसिंह मनवार, नेपालसिंह पावा, बीना काक, रंजू रामावत, महावीरसिंह सुकरलाई, और जयनारायण सीपा का नाम चर्चा में है।

वही भाजपा की ओर से वर्तमान विधायक जोराराम कुमावत, पूर्व विधायक मदन राठौड़, महावीरप्रसाद
राजपुरोहित, वर्तमान में जिलाध्यक्ष भाजपा मंशाराम परमार, लालाराम माली,ललित रांकावत तखतगढ नगर पालिका अध्यक्ष, अनोपसिंह राठौड़, वर्तमान में प्रधान उर्मिलाकंवर,महेन्द्र माली, दीपक भाटी,करणसिंह नेतरा,के नाम चर्चा में चल रहा है। इसके अलावा कई और नाम पर चर्चा चल रही है। सुमेरपुर सीट पर लगातार बारिश प्रत्याशियों की नजर रहती हैं। क्या इस बार भी सुमेरपुर विधानसभा क्षेत्र की सीट पर बारी प्रत्यासी की नजर दिखाई देरी है क्या यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

इसके अलावा आम आदमी पार्टी समेत अन्य पार्टियां भी सुमेरपुर विधानसभा क्षेत्र से अपने प्रत्यासी मैदान में आएंगे। क्योंकि इस बार आम आदमी पार्टी राजस्थान में पूरे 200 विधानसभा क्षेत्र में अपने उम्मीदवार खड़ा करने का ऐलान कर रही है। क्या आम आदमी पार्टी भाजपा कांग्रेस की गणित बिगाड़े की क्या यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

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