विज्ञापन शाखा में भी भ्रष्टाचार

पहले भी उठ चुका है मामला

जेडीए में दो जोन उपायुक्तों को लगाते ही मचा हड़कंप

जयपुर। जयपुर विकास प्राधिकरण में कई अधिकारी- कर्मचारी सालों से जमे है। जिन्हें कई बार नए जेडीसी हटाने की कोशिश करते हैं लेकिन उनकी पहुंच इतनी तगड़ी है कि वे कैसे न कैसे एप्रोच लगाकर फिर उसी सीट पर जम जाते है। हालांकि कई बार मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि जो अधिकारी- कर्मचारी लंबे समय से किसी सीट पर जमा हुआ है तो उसका तबादला कर देना चाहिए। लेकिन जब कोई अधिकारी इसकी पालना करता है तो मंत्री से लेकर विधायक और कलेक्टर से लेकर सीएस तक के फोन घनघना उठते है। ऐसी स्थिति में भ्रष्ट अधिकारी फिर से वहीं पोस्टिंग करा लेते है।

बताया जा रहा है कि कल रात जेडीए प्रशासन ने दो उपायुक्तों के तबादले कर दिये। दो उपायुक्तों के तबादले करने के साथ ही जेडीए में हड़कंप मच गया। ऊपर से लेकर नीचे तक फोन घनघना उठे। ट्रांसफर करने वाले  अधिकारी  को भी तलब कर लिया गया। मंत्री से लेकर सचिव तक के फोन आने से जेडीसी भी समझ गए । यहां किसी को छेड़ना ठीक नहीं है। यहां सबके सब जमे हुए है। सूत्रों का कहना है की जोन 5 में रामरतन शर्मा को उपायुक्त  लगाने की सिफारिश की थी। बताया जा रहा है कि रामरतन शर्मा को जोन 5 में लगाने की सिफारिश क्षेत्रीय विधायक और मंत्री ने की थी। लेकिन जेडीसी के आदेश निकालते ही मच गया बवाल। इसी तरह से जोन 11 में  फिर से राष्ट्रदीप यादव को लगाने के आदेश जारी किए थे लेकिन इन आदेशों के साथ ही जेडीए में बरसों से जमे अधिकारियों की तन गई आंखें। यादव को जोन में लगाने के लिए जेडीए अध्यक्ष और  यूडीएच मंत्री के यहां से आए थे आदेश।  जेडीए अध्यक्ष ने मंत्री और विधायक की सिफारिश से ही किया था जेडीए में फेरबदल। लेकिन जेडीए में जमे दूसरे अधिकारियों को जेडीसी का ये फरमान नहीं आया रास। लेकिन इस बार नए जेडीए अध्यक्ष भी आएं है तगड़ी सिफारिश से। अपने काम के लिए जाने जाते हैं जोगाराम। जोगाराम की है सीधे सीएमआर तक पहुंच। सीएमओ  में वर्षों से जमे मुख्यमंत्री के नजदीके है जोगाराम विश्वसनीय। ऐसे में जेडीए अध्यक्ष को मन मर्जी से काम करने का मिलेगा मौका। फिलहाल तो जेडीए अध्यक्ष ने मामूली फेरबदल करने का किया था प्रयास । इससे लगाया उन्होंने यहां जमे अधिकारी- कर्मचारियों की एकता और शक्ति का अंदाजा। अब जेडीए अध्यक्ष करेंगे मजबूत तरीके से काम। जिससे भ्रष्टाचारियों को जाना होगा जेडीए से बाहर। नए लोगों को मिलेगा मौका। जेडीए में विज्ञापन शाखा में भी है जमकर भ्रष्टाचार। विज्ञापन शाखा में लगे  कर्मचारी अधिकारी करते है जेडीसी के आदेशों की अनदेखी। जो विज्ञापन शाखा में लगे कर्मचारी देते है उन्हें ही विज्ञापन जो देते हैं 50 फीसदी तक कमीशन। जेडीए में पहले भी उठ चुका है ये मामला। लेकिन फिर भी नहीं हुई थी दोषियों पर कार्रवाई। जिससे अधिकारी- कर्मचारियो ंके हौसले है बुलंद। 

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