जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव की सबसे चर्चित विधानसभा सिविल लाइंस से एक बार फिर कांग्रेस के प्रताप सिंह खाचरियावास और भाजपा की और से अरुण चतुर्वेदी के बीच ही मुख्य मुकाबला होने की चर्चा है और दोनों ही इस कड़ी में तैयारियां कर रहे हैं। हालांकि सिविल लाइंस विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के कई नेता चुनाव लड़ने को आतुर दिख रहे हैं और वे लगातार प्रयास भी कर रहे हैं ।इनमें ज्योति किरण शुक्ला, सुमन शर्मा राघव शर्मा शशि शर्मा मधु शर्मा अशोक लाहोटी, हिमांशु शर्मा एक दर्जन नाम विधायक बनने की लड़ाई में शामिल है ।लेकिन इन सब में अरुण चतुर्वेदी का नाम सबसे मजबूत है । फिर वे पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं ।यहां से विधायक और मंत्री भी रह चुके हैं और पिछले 5 साल से भी हैं। ऐसी स्थिति में उनका टिकट कटना मुश्किल है और पार्टी उन्हें ही सिविल लाइंस से टिकट देगी। पिछले 5 साल से लगातार विधानसभा इलाके में सक्रिय रहे हैं और सरकार को बार-बार घेरने का प्रयास करते हैं । धरना प्रदर्शन भी करते रहे हैं उनको खुद कोई भरोसा है की पार्टी पर विश्वास करेगी ।एक बार फिर चुनाव में वह यहां से कांग्रेस को हराने का प्रयास करेंगे।

वही सिविल लाइन से प्रताप सिंह खाचरियावास के अलावा राजकुमार शर्मा ,विजय शंकर तिवारी सहित करीब एक दर्जन लोग टिकट की दावेदारी कर रहे हैं । लेकिन कांग्रेस पार्टी मौजूदा विधायक और मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास पर ही सबसे मजबूत दावेदार है। जो भी नाम सामने आ रहे हैं उनमें प्रताप सिंह खाचरियावास से ज्यादा मजबूत कोई भी नाम नहीं है । प्रताप सिंह खाचरियावास मंत्री रहते हुए भी अपने इलाके में लगातार सक्रिय रहते हैं। लोगों से सीधा जुड़ाव है। लोगों के सुख दुख में भागीदार रहते हैं । उनके पास कार्यकर्ताओं की लंबी चौड़ी फौज है और जो लगातार पिछले 5 साल से इलाके में सक्रिय रहे हैं । मंत्री रहने के बावजूद उन्होंने कभी भी कार्यकर्ताओं से दूरी नहीं बनाई । इसलिए प्रताप सिंह मानकर चल रहे है की टिकट उन्हें ही मिलेगा। वे चुनाव जीतने के दिन से ही अगले चुनाव की तैयारी में जुट जाते हैं । ऐसे में सिविल लाइंस इलाके के लोग भी मानकर चलते हैं कि आने वाले विधानसभा चुनाव में भी यहां मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच होगा । भाजपा से जहां अरुण चतुर्वेदी और कांग्रेस के प्रत्याशी प्रताप सिंह खाचरियावास आमने सामने होंगे। दोनों के अपने-अपने प्लस माइनस है ।भाजपा नेताओं का कहना है कि अरुण चतुर्वेदी 5 साल तक कार्यकर्ताओं से दूर रहे ।इलाके में कम आते हैं । इलाके के लोग मर रहे है ,जी रहे हैं उन्हें कोई मतलब नहीं है । अब चुनाव से पहले सक्रिय हुए हैं ।

प्रताप सिंह खाचरियावास मंत्री रहते हुए हृदय से कार्यकर्ताओं के साथ खड़े रहते हैं। प्रताप सिंह खाचरियावास संघर्षशील नेता की है ।उनका हर कार्यकर्ता के लिए लड़ना करना लोगों को पसंद आता है ।ऐसे में पिछले लंबे समय से उन्होंने भाजपा से जुड़े हुए लोगों को भी कांग्रेस पार्टी में जोड़ने का काम किया है, तो इस बार मुकाबला दोनों के बीच होगा ।बाजी कौन मारता है ये आने वाला समय बताएगा ।लेकिन दोनों पुराने प्रतिद्वंदी भी हैं, पुराने दोस्त भी हैं। ऐसे में सिविल लाइन से मुकाबला देखने लायक होगा।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published.