जयपुर। राजस्थान विधानसभा में लाल डायरी के कारण सदन लाल पीला हुआ और विधायकों में लात घूंसे भी चले। यही नहीं राजेंद्र सिंह गुढ़ा को मार्शलों ने टांगा टोली कर सदन से बाहर निकाल दिया। राजेंद्र सिंह गुढ़ा को सदन के मौजूदा सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। इस पूरे घटनाक्रम के बाद राजेंद्र सिंह गुढ़ा का दावा है कि उनके पास जो लाल डायरी थी उसे फाड़ दिया गया। जबकि सदन की वीडियो रिकॉर्डिंग देखी जाए तो पूरा मामला साफ हो जाएगा। डायरी न तो किसी ने छीनी और ना ही किसी ने पन्ने फाडे़। जब वे मीडिया के सामने अपनी बात रख रहे थे, तब मीडिया के लोगों ने जरूर कहा कि आप इस लाल डायरी का राज अब तो खोल दो और जो भी आरोप हो कम से कम एक दो पुख्ता आरोप तो लगा दो । या अपनी डायरी की एक दो बात तो बता दो डायरी में क्या कुछ लिखा हुआ है इसका खुलासा मीडिया के सामने तो कर दो। हो सकता हो सरकार ने आपको सदन में बोलने नहीं दिया हो, सदन से बाहर निकाल दिया गया हो। लेकिन यहां तो मीडिया है सब लाइव दिखा रहे हैं ।ऐसे में आप जो कहेंगे इसका सीधा प्रसारण होगा उसे कोई नहीं रोक पाएगा। ऐसे में अब तो आप जो आरोप लगा रहे हो उनको बता दो ।इस पर गुढ़ा सकपका गए और उन्होंने कहा कि वह अभी नहीं बताएंगे बाद में बताएंगे। जाहिर सी बात है कि गुढ़ा जिस डायरी को हवा में उछाल कर सदन में उसे टेबल कराना चाहते थे। जो सदन का विषय नहीं था अगर सदन में टेबल हो जाती तो फिर सरकार उसका जवाब देना पड़ता। इसलिए विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी ने राजेंद्र सिंह गुढ़ा से चेंबर में आकर मिलने की बात कही थी। अंत में शांति धारीवाल ने कुछ बोलना चाहा तब धारीवाल और गुढ़ा के बीच में जो हाथापाई हुई। उसके बाद कांग्रेस विधायक रफीक खान और दूसरे विधायकों ने गुढ़ा को पकड़ने की कोशिश की । इस दौरान विधायकों में आपस में जमकर हाथापाई हो गई और रोने मार्शल ने राजेंद्र गुड्डा को सदन से बाहर निकाल दिया इसके बावजूद भी उनका डायरी का खुलासा नहीं करना गंभीर मामला है।

डायरी को बताया भ्रम का पुलिंदा

जिस डायरी को राजेंद्र गुढा 3 साल से अपने पास बता रहे हैं यदि वास्तव में उस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के काले कारनामों की जानकारी होती या लेनदेन की जानकारी होती तो अब तक कभी के उस मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जेल में डाल दिए गए होते। और कांग्रेस की सरकार बर्खास्त हो चुकी होती। खुद राजेंद्र गुढा उपमुख्यमंत्री या मुख्यमंत्री बन चुके होते। विपक्ष अपना बना चुकी होती ।जिस विपक्ष ने सरकार बनाने के लिए पूरा खेल रचा हो क्या वह गहलोत के खिलाफ इतने सबूत होने के बाद उन्हें छोड़ती कभी नहीं । कांग्रेस नेताओं का साथ कहना है कि जिस डायरी को लेकर बवाल मचाया जा रहा है उस डायरी में कुछ भी नहीं है, सिर्फ झूठ के सिवा। सिर्फ अशोक गहलोत और कांग्रेस सरकार को बदनाम करने के अलावा उस डायरी में कुछ भी नहीं है। क्योंकि यदि उस डायरी में कुछ होता तो राजेंद्र गुड्डा जैसे मौकापरस मौकापरस्त लोग कभी के अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोलकर उन्हें सलाखों के पीछे भिजवा देते। वहीं सुरक्षा एजेंसियों का भी कहना है कि यदि उन्होंने वास्तव में सबूत दबाए हैं तो उन्हें 10 साल तक की सजा हो सकती है। क्योंकि जिसके पास इस तरह के सबूत हो और वह उनको दबाए रखें तो वह भी अपराध में उतना ही भागीदार होता है जितना प्राप्त करने वाला । लाल डायरी का आरोप लगाकर राजेंद्र सिंह गुढा भले ही कोई वाहवाही लूट रहे हो भावुक होकर जनता का विश्वास लूटने की कोशिश कर रहा हूं लेकिन सुरक्षा एजेंसियां उन पर शिकंजा कस सकती है ।

सदन में लहराते ही लाल डायरी को बीजेपी ने मुद्दा बनाया

जिस लाल डायरी के राज 3 साल से दवाई रखने की बात राजेंद्र सिंह कर रहे हो उनके लाल डाय को हवा हवा में लहराने के बाद 1 घंटे में भारतीय जनता पार्टी मैं एक लाल डायरी का पोस्टर जारी कर दिया और फिर चुनावी मुद्दा बनाने की बात कह दी। तो आप सोच सकते हैं यदि इस लाल डायरी में वाकई में राज होते तो क्या भारतीय जनता पार्टी अब तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को छोड़ देती वह अबसे पहले ही बड़ी मुहिम चला चुकी होती और कांग्रेस सरकार को बर्खास्त कर चुकी होती कांग्रेस सरकार का तख्तापलट कर चुकी होती और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जेल का रास्ता दिखा चुकी होती। लेकिन उन्हें भी पता है इस लाल डायरी में कुछ नहीं है ।इसलिए उन्होंने सिर्फ डायरी का एक पोस्टर जारी किया है इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के काले कारनामों का हिसाब किताब है वो काले कारनामे क्या है कौन से हैं ,कितने अरबों का हिसाब किताब है किस-किस से क्या लेनदेन हुआ है इसकी जानकारी किसी को कुछ नहीं है। बस आरोप है ,आरोप लगाने के लिए है इसलिए कांग्रेस नेताओं का कहना है यदि कुछ है तो सार्वजनिक किया जाए । इसको जनता के सामने लाया जाए जिससे लोगों को इसकी हकीकत पता लग सके क्योंकि यह सिर्फ यह सिर्फ और सिर्फ सरकार की छवि खराब करने के लिए खराब करने के लिए छोड़ा जा रहा है अच्छी तरह समझती है जिसे जनता जनार्दन भी अच्छी तरह समझती है

गुढ़ा 3 साल से खामोश क्यों थे

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि डायरी में 500 करोड रुपए के अवैध लेन-देन का हिसाब बता रहे हैं तो यह सब जनता के सामने लाने की उनकी जिम्मेदारी थी और वे इतना ही ईमानदार और सच्चे थे तो अब तक इसे जनता के सामने क्यों नहीं लाए? केंद्रीय जांच एजेंसियों से क्यों नहीं जांच करवाई? अपने छापे के दौरान सीज के लिए फ्लैट से कोई सबूत निकाल कर ले जाए तो उसे 3 साल दबाकर रखे तो उसे भी सजा मिलती है। दूसरी तरफ वरिष्ठ अधिवक्ता पीके जैन का कहना है कि सबूतों को छुपाना दबाना भी अपराध है और उसमें 10 साल तक की सजा हो सकती है। पहले बोले डायरी जला दी, फिर डायरी लेकर सदन में पहुंचे ,जब मीडिया ने कहा कि डायरी के आरोप सार्वजनिक किया जाए तो उन्होंने मना कर दिया। अब कहा की डायरी का दूसरा पाठ उनके पास है। सच क्या है यह जनता के सामने आना चाहिए ।वरिष्ठ अधिवक्ता एके जैन का कहना है कि जांच एजेंसियों की जांच में प्रक्रिया में अहम साक्ष्य सबूत छुपाए तो आईपीसी की धारा 201 के तहत अपराध है और इसमें 10 साल की सजा का प्रावधान है। भाजपा नेताओं ने कहा कि डायरी रफीक खान से जप्त कर सीबीआई से जांच कराई जानी चाहिए । जिससे डायरी की हकीकत सामने आ सके । कांग्रेस नेताओं का कहना है कि दरअसल इस डायरी में कुछ नहीं है बस भाजपा विपक्ष में रहते हुए तो कुछ कर नहीं पाए। सरकार के खिलाफ ठोस कोई आरोप लगा नहीं पाई। ऐसे में उसे इस तरह की झूठी डायरी का ही सहारा है, जिसको मुद्दा बनाकर वह चुनाव की नैया पार करना चाहती है, लेकिन जनता जनार्दन है वह सब जानती है, हिसाब किताब जनता ही करती है।

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