जयपुर । राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति ,ओबीसी एवं अल्पसंख्यक महासंघ का प्रांतीय अधिवेशन शुक्रवार को राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र दुर्गापुर स्थित ऑडिटोरियम में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्ग के विधायक शामिल हुए। जिन्होंने कहा कि वह इन वर्गों के हक की लड़ाई पार्टी लाइन से ऊपर उठकर लड़ेंगे । सम्मेलन की अध्यक्षता महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं चेयरमेन ओबीसी आयोग दिल्ली सरकार जगदीश यादव ने की।

समारोह के मुख्य वक्ता पूर्व मंत्री एवं विधायक दौसा मुरारी लाल मीणा ने उद्बोधन में कहा कि राजस्थान में कृषि मंडियो के भुखण्डो, दुकानों के आवंटन में एससी/एसटी का क्रमशः 16 व 12 प्रतिशत आरक्षण काग्रेस सरकार के मंत्री रहते हुए हमने लागु करवाया एवं समाज की समरसता व एकजुटता का आह्वान किया व किसानो की मांगे मानने की केन्द्र से अपील की।

आदर्श नगर विधायक रफीक खांन ने अपने उद्बोधन में कहा कि जिस प्रकार सरकारी विभागों, विधायिका, संसद, निकायो आदि में आरक्षण व्यवस्था लागु है, उसी प्रकार सत्ता की भागीदारी में सभी आरक्षित वर्गों को उसी अनुपात में हिस्सेदारी सुनिश्चित हो।

टोडाभीम विधायक घनश्याम महर ने अपने उद्बोधन में कहा कि समाजहित में राजनेताओं को पार्टी हितो से उपर उठकर हक अधिकारों की रक्षा करनी होगी।

महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं चेयरमेन ओबीसी आयोग दिल्ली सरकार जगदीश यादव ने उद्बोधन में कहा कि मंडल आयोग ने हमें अपने हक अधिकार दिए जिनकी पालना करना हमारा प्रमुख उद्देश्य होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में यादव को मुख्यमंत्री बनाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मजबूरी हो गई क्योंकि जिस तरह से लगातार जाति का जनगणना की मांग उठ रही थी उससे यह जरूरी हो गया था ।मुख्यमंत्री बनाने पर मजबुर होना पड़ा साथ ही युवाओ से सामाजिक कार्यों में भागीदारी निभानी का आह्वान किया।

महासंघ की राष्ट्रीय सेक्रेटरी जनरल ने उद्बोधन में कहा कि राजस्थान मे एसटी एससी ओबीसी की एकता एवं हक अधिकारो की रक्षा के लिए राजस्थान इकाई ने भर्तीयों मे बेकलॉग भरवाकर परिणाम हासिल किए है।

प्रदेशाध्यक्ष राजस्थान जाट महासभा एवं भारतीय किसान युनियन राजाराम मील ने उद्योधन मे कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकारो को किसानो के अधिकारों की रक्षा करनी होगी एवं वर्तमान मे चल रही एमएसपी की मांग को मानना होगा।

महासंघ प्रदेशाध्यक्ष राजपाल मीणा ने उद्बोधन में कहा कि राजस्थान में भर्तीयो मे आरक्षण नियमों की अवहेलना रोकनी होगी एवं पदोन्नतीयो मे हो रही धांधली को रोकना होगा एवं रोस्टर के अनुसार पदोन्नतीया व भर्तीया करने की मांग के साथ मंच से 16 सुत्रीय मांग पत्र पढा एवं जनप्रतिनिधियों को दिया।

ईआरसीपी आंदोलन की प्रमुख एवं समाजसेविका राजेश्वरी मीणा ने उद्बोधन मे कहा कि ईआरसीपी परियोजना 50 प्रतिशत वाटर डिपेंडिबिलीटी पर राष्ट्रीय परियोजना की मांग की अन्यथा पूर्वी राजस्थान का यह भागीरथी आंदोलन और संघर्ष सड़क पर जारी रहेगा।

रैगर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.एल नवल ने उद्बोधन में कहा कि आरक्षित वर्गों का कोटा आज भी अपूर्ण है, जो षडयंत्रपूर्वक हमे वंचित रखा जा रहा है।

महासंघ मिडिया प्रभारी सुख लाल टाटू ने बताया कि प्रांतीय सम्मेलन को अन्य वक्ताओं भागचंद मीणा जनजाति संयुक्त संस्थान बेरोजगार युवाओं के प्रतिनिधि मनोज मीणा रमेश स्वामी, पूर्व छात्र नेता हरिमोहन मीणा डां. राजेन्द्र बसंल राधेश्याम भगत हेमंत यादव राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष जगदीश पावटा मंजू जैफ प्रवीण जसरापुर प्रदेशाध्यक्ष पंचायत शिक्षक एवं विधालय सहायक संघ खुशीराम गुर्जर डां. मुनेश ब्याडवल रिषि मीणा आदि ने अपने विचार रखें ।

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