जयपुर । राजस्थान सरकार के शिक्षा मंत्री मदन लाल दिलावर ने बारां की शिक्षिका हेमलता बैरवा को निलंबित कर बीकानेर मुख्यालय में उपस्थिति दर्ज करने की निर्देश दिए हैं ।आपको बता दें कि एक कार्यक्रम के दौरान स्कूल में किसी भी देवी देवता की पूजा अर्चना करने से मना किया था। इस दौरान मां सरस्वती की पूजा को उन्होंने असावधानी पता दिल कहा था कि संविधान में किसी भी सार्वजनिक स्थल पर यानी स्कूल में या किसी अन्य स्थान पर किसी भी देवता की पूजा करना गलत है। क्योंकि स्कूल में सभी धर्म के मानने वाले लोग हैं ,ऐसे में संविधान में किसी एक धर्म विशेष की पूजा अर्चना नहीं की जा सकती है । इस पर स्थानीय लोगों ने उसका विरोध किया था इसका एक वीडियो वायरल हुआ था और यह वीडियो काफी चर्चा में रहा था।

अब राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने शिक्षिका को निलंबित कर उन्हें बीकानेर मुख्यालय पर उपस्थिति दर्ज करने की निर्देश दिया है। जैसे ही यह आदेश निकाला इसके बाद तमाम सामाजिक संगठन हेमलता बैरवा के समर्थन थे और राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से तुरंत प्रभाव से हेमलता बैरवा को बाहर करने की मांग की है। शिक्षा मंत्री पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री शिक्षा का भगवाकरण करना चाहते हैं जो नहीं चलेगा, क्योंकि जब यह देश संविधान से चल रहा है। तब इस तरह के आदेश शिक्षा मंत्री कैसे दे सकते हैं ? आखिरकार शिक्षा मंत्री को भी नियम और कायदों की पालना करनी होगी। जब मंत्री और सरकार खुद आदेशों की पालना नहीं करेगी तो अधीनस्थ कर्मचारी कैसे आदेशों की पालना करेंगे और कैसे कम होंगे। खासतौर पर एससी, एसटी और ओबीसी के संगठनों में इसको लेकर रोष है। सरकार को ज्ञापन देकर निलंबन वापसी की मांग की । विधानसभा चुनाव में अनुसूचित जनजाति वर्ग में कांग्रेस पार्टी को भी इसी तरह के मुद्दों पर हराकर भारतीय जनता पार्टी की झोली में 69 सीट दी है ।ऐसे में भारतीय जनता पार्टी को भी आरक्षित वर्ग के लोगों के ख्यालों की रक्षा करनी होगी, अन्यथा लोक सभा चुनाव में बीजेपी को इसका नुकसान भुगतना पड़ सकता है।

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