गहलोत सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

गहलोत सरकार में था संस्थागत भ्रष्टाचार- सोनी

ज्यादा कार्रवाई की तो संसाधन काम किया- सोनी

कैबिनेट मंत्रियों से भी पावरफुल थे मध्यस्थ- सोनी

जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीकी रहे और सबसे विश्वसनीय पुलिस अधिकारी रहे बीएल सोनी ने भी आखिरकार आज भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। बीएल सोनी जयपुर के पहले पुलिस कमिश्नर थे और अपने कार्यकाल के अंतिम समय में हुए एसीबी के डीजी थे। भारतीय जनता पार्टी मुख्यालय में सदस्यता अभियान के संयोजक अरुण चतुर्वेदी नारायण पंचारिया मीडिया प्रमुख प्रमोद शर्मा ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई । इस दौरान बीएल सोनी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार में भ्रष्टाचार चरण पर था और यह भ्रष्टाचार संस्थागत था। किसी भी संस्थान में कोई भी काम बिना किसी मध्यस्थ के नहीं होता था।

सोनी ने कहा कि उनके एसीबी में रहते हुए सबसे ज्यादा भ्रष्टाचारियों कार्रवाई की गई । 3 साल उन्होंने हजारों कार्रवाई की،, लेकिन इस दौरान हमें कई बार सरकार से अनुमति नहीं मिलने के कारण बड़ी कार्यवाही नहीं हो पाती थी। कई बार भ्रष्ट अधिकारियों और नेताओं के खिलाफ भी कार्यवाही की लेकिन सरकार की अनुमति नहीं मिलने के कारण उस कार्यवाही का भी कोई उचित हल नहीं निकला ।हमने कई बार इस बात को कहा लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती थी।

एसआईटी की कार्यप्रणाली की तारीफ बीएल सोनी ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करने के साथ ही राजस्थान में पेपर लीक प्रकरण में कार्यवाही कर रही एसआईटी की कार्रवाई को उचित बताया । साथ ही एसआईटी,एसओजी की मौजूदा कार्य प्रणाली को ठीक बताया। उन्होंने कहा कि अब जिस तरह की कार्रवाई चल रही है पेपर लेकर कोई भी गुनहगार बच नहीं सकता ।सब पर कार्रवाई होनी चाहिए हमने भी उसे समय कोशिश की थी लेकिन हमें कार्रवाई करने का मौका नहीं दिया गया। यही कारण था कि गहलोत सरकार के दौरान जमकर संस्थागत भ्रष्टाचार पनपा, जिसका नतीजा जनता ने उन्हें सत्ता से बाहर कर दिया।

बीएल सोनी लगातार पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के खिलाफ बयान बाजी कर रहे थे ।

बीएल सोनी गहलोत सरकार में सबसे ज्यादा मुख्यमंत्री गहलोत के नजदीकी रहे और उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें राजस्थान पुलिस का महानिदेशक बनाया जाएगा वह उसे दौड़ में भी शामिल थे लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उसे समय बीएल सोनी को डीजीपी डीजीपी नहीं बनाया जिसकी टीस सोनी ने उसे समय भी व्यक्त की थी और चुनाव के दौरान भी कई बार उन्होंने इस तरह के बयान दिए थे चुनाव के बाद परिणाम आने के बाद तो वह लगातार गहलोत सरकार के खिलाफ मुखर बयान बाजी कर ही रहे थे जाहिर सी बात है कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि उनकी ईमानदारी पूर्ण तरीके से वफादारी निभाने के बावजूद भी और सबसे बड़ी बात है कि योग्य होने और उसे दायरे में फिट होने के बावजूद भी उन्हें राजस्थान पुलिस का महानिदेशक नहीं बनाया गया ।यही कारण है कि वह लगातार गहलोत के खिलाफ मुखर रहे हैं और अब उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है ।अब वह पुलिस सेवा छोड़ने के बाद भारतीय जनता पार्टी के प्राथमिक सदस्य बन गए हैं। बीएल सोनी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पल पत्तियां जानने का अवसर मिलेगा वहीं उनके संसद के दौरान हुए घोटाले के बारे में बीएल सोनी बीजेपी को मजबूत कर सकेंगे

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