जयपुर। राजस्थान सरकार के दीपावली पर पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के विरोध में राजस्थान उच्च न्यायालय में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंह ने जनहित याचिका दायर की है। सुनीलल कुमार सिंह ने राजस्थान न्यायालय में 30 सितंबर को जनहित याचिका दायर की है । कोर्ट को बताया कि जब टोकियो ओलंपिक के उद्घाटन और समापन समारोह दुबई में पटाखे फोड़े गए। दुनिया भर में 2021 के नए साल का जश्न मनाया गया। प्रदूषण के कारण कोरोनावायरस फैलता हो ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं आई है, जबकि राजस्थान में कई कारखाने हैं और और अन्य उद्योग प्रतिबंधित नहीं है । जबकि पिछले 2 वर्षों में पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और दिवाली पर पटाखा छोड़ने पर रोक लगा दी है। अब जबकि प्रदेश में टीकाकरण के कारण कोरोना महामारी खत्म हो गई है ,तो पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का कोई मतलब नहीं है। सिंह ने बताया कि सिनेमा हॉल, स्कूल ,धार्मिक स्थल खुल गए हैं, तो पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का कोई मतलब नहीं है । जब लोग पटाखों के साथ दिवाली का त्यौहार मनाना चाहते हैं, तो सरकार को इस पर रोक लगाना चाहिए । सिंह ने बताया कि राज्य में टीकाकरण का काम किया है और कोरोनावायरस को नियंत्रित किया है। तीसरी लहर की आशंका पर लोग दीपावली पटाखा छोड़ने से रोकना गलत है। जब सभी राजनीतिक दल अपने उम्मीदवारों की रैली में पटाखों का इस्तेमाल करते हैं ,तब प्रदूषण पैदा नहीं कर रहे होते तो दीपावली पर पटाखा छोड़ने से कोरोना का वाहक कैसे बनेगा? राजस्थान सरकार के पटाखों पर प्रतिबंध लगाना भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत समानता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। अतः राज्य सरकार को निर्देशित कर राजस्थान में पटाखों पर से लगाया गया प्रतिबंध हटाने के निर्देश जारी करें।

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