16 को मेरी राहुल गांधी से अलग से कोई मुलाकात नहीं हुई

मंत्रिमंडल के पुनर्गठन तक अफवाहों के खेल में मीडिया खुद फंसा

राष्ट्रदूत फर्जी खबरें प्लांट करवा कर खुद की धज्जियां उडवा रहा है

फर्जी प्रसार संख्या से करोड़ों के विज्ञापन उठा रहा है

जयपुर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली में राहुल गांधी से हुई बैठक के दौरान चर्चा को लेकर कुछ समाचार पत्रों में लगातार उनके खिलाफ चल रही बहन बाजी की निंदा की मुख्यमंत्री ने कहा कि समाचार पत्रों का काम झूठी खबरें प्रसारित करना नहीं होता है बल्कि जनता को हकीकत से रूबरू करना होता है लेकिन कुछ समाचार पत्रों टीवी चैनलों में दो झूठ पड़ोस में और गलत दिखाने का एक तरह से अपना जन्मसिद्ध अधिकार ही बना दिया है जयपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने समाचार पत्र में लगातार छप रहे बयानों को लेकर एक समाचार पत्र के खिलाफ जमकर बयानबाजी की।

सवाल- आपके दिल्ली से आने के बाद कई अफवाहें आई थीं राहुल गांधी को लेकर कि मीटिंग हुई?जवाब- अफवाहें तो जब तक मंत्रिमंडल का गठन नहीं होगा, पुनर्गठन नहीं होगा, तब तक अफवाहों के खेल में मीडिया फंस गया है। मीडिया जो है समझ नहीं पा रहा है, वो केवल न्यूज बनाता है कई बार तो। मैं उस दिन, वो कौनसी तारीख थी, 16 तारीख थी, 16 तारीख को मेरी कोई मुलाकात हुई ही नहीं राहुल गांधी जी से, जो हम लोग सुबह मिले थे वर्किंट कमेटी की बैठक में, आई-कैच जरूर हुआ होगा, बाकी मुलाकात कहीं नहीं हुई, शाम को तो सवाल ही पैदा नहीं होता है। मीटिंग हो रही है हमारी एक कमेटी की, जिसमें प्रियंका गांधी जी थीं, केसी वेणुगोपाल जी थे और अजय माकन जी थे और जो स्टोरियां पढ़ी मैंने अखबारों में, मुझे बड़ी शर्म आती है कि मीडिया कहां जा रहा है। अखबार वाले, ये राष्ट्रदूत की बात करूं मैं, इनके मालिक जो पहले थे बुजुर्ग, उनका एक नाम था और राष्ट्रदूत से कई लोग निकले हुए हैं बाद में, आजादी के बाद में भी, पहले भी भूमिका थी इनकी और इस रूप में निकले हुए हैं कि मैं समझता हूं कि बड़े-बड़े पत्रकार बने और वो राष्ट्रदूत जो धज्जियां उड़ा रहा है अपनी, बेइज्जती करवा रहा है पब्लिक के सामने, फर्जी न्यूज प्लांट करवा रहा है, हैडलाइन में आती है न्यूज, पहले मैं कई बार उदाहरण दे चुका हूं आपको, ऐसा माहौल बनाते हैं प्रदेश के अंदर कि प्रदेशवासियों को खुद को लगता है कि उनको शर्म आती है कि ऐसा अखबार भी राजस्थान में है, जो कोई दूर-दूर का वास्ता नहीं है तथ्यों में, तब भी न्यूज लगाते हैं वो लोग। इस प्रकार की जो इनकी हरकतें हैं राष्ट्रदूत की, इनके संपादकों की, इनके मालिकों की, मैं कहना चाहूंगा कि प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को इसका कॉग्निजेंस लेना चाहिए, ध्यान रखना चाहिए कि राजस्थान में ऐसा अखबार भी है, जिसकी कोई प्रसार संख्या नहीं है, फर्जी प्रसार संख्या बता रखी है, करोड़ों रुपए उठा रहे हैं विज्ञापन के नाम पर, बिना शर्म के, कोई प्रसार संख्या नहीं है, मामूली कॉपियां छपती हैं, लाखों बताते हैं और विज्ञापन की रेट उसी ढंग से फिक्स होती है, उठा रहे हैं, मजे कर रहे हैं और फिर ऐसी प्लांटेड न्यूज लगाते हैं, तो जनता देख रही है इन बातों को भी, क्या न्यूज आई है आप समझ सकते हो इन बातों को भी, दो न्यूज मैंने पढ़ी उस दिन, मुझे किसी ने बताई कि ये देखिए किस प्रकार की हरकतें कर सकते हैं, राहुल गांधी किस प्रकार से नाराज हुए मुख्यमंत्री पर, किस प्रकार की उनकी बॉडी लैंग्वेज थी, जैसे वो खुद ही बैठे हुए हों राष्ट्रदूत वाले खुद ही बैठे हुए हों। हां ठीक कह रहे हो, महाभारत में संजय बता रहे थे वैसे ही, दिव्य दृष्टि मिल गई होगी इन लोगों को।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published.