जयपुर। राजस्थान में वर्ष 2023 में भाजपा ने विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनावी चेहरा घोषित किया है। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष देश के गृहमंत्री अमित शाह ने जयपुर में जन प्रतिनिधि सम्मेलन को संबोधित करते हुए इस बात का ऐलान किया कि आने वाला चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा ।

राजे के दो बार बीजेपी को दिलाया प्रचंड बहुमत

जबकि इस दौरान उस मंच पर राजस्थान की दो बार मुख्यमंत्री रही वसुंधरा राजे भी मौजूद थी । राजे ने दोनों बार राजस्थान में ऐतिहासिक जीत दर्ज की । राजस्थान में पहली बार वसुंधरा राजे के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की दो तिहाई बहुमत से सरकार 2003 में बनाई। जब भाजपा ने 130 प्लस सीटे जीतकर इतिहास बनाया। हालांकि इससे पूर्व 1998 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी 156 से जीत कर सत्ता में आई थी। लेकिन इससे पूर्व जब भी चुनाव हुए भारतीय जनता पार्टी को कभी भी पूर्ण बहुमत नहीं मिला था ।

स्वर्गीय शेखावत भी पूर्ण बहुमत नहीं दिला सके थे

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता देश के उपराष्ट्रपति और मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय भैरों सिंह शेखावत भी कभी 100 सीटें नहीं जीता सके थे। उनकी सरकारे भी हमेशा जोड़-तोड़ करके ही बनी। लेकिन वसुंधरा राजे के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने एक नया इतिहास रचा और पार्टी अपने बूते पर पूर्ण बहुमत से दो बार सत्ता में आई। इस बार भी भारतीय जनता पार्टी 76 सीटें जीती है । मजबूत विपक्ष है लेकिन विपक्ष में ही कई ग्रुप बने हुए हैं।

अगला चेहरा मोदी का ??

इसके बावजूद गृहमंत्री का यह कहना कि अगला चुनाव पीएम मोदी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा । पीएम मोदी के नेतृत्व में हाल ही में पश्चिम बंगाल का चुनाव भी लड़ा गया था बिहार का चुनाव लड़ा गया था लेकिन वहां पार्टी को हार का सामना करना पड़ा बिहार में जरूर गठबंधन की सरकार बन गई लेकिन चेहरा ज्यादा काम नहीं आया। लेकिन राजस्थान की फितरत ऐसी है कि यहां हर बार सत्ता बदलती है । ऐसे में बीजेपी को लग रहा है कि वसुंधरा राजे को आगे नहीं करके ,सिर्फ कमल के फूल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आगे रखा जाए तो यहां पर भारतीय जनता पार्टी 110 से ज्यादा सीटें जीत सकती है।

बीजेपी में कई मुख्यमंत्री पद के दावेदार

शाह का ये बयान प्रदेश के लोगों को गुमराह करने वाला है ,क्योंकि भारतीय जनता पार्टी में वर्तमान में मुख्यमंत्री पद के कई दावेदार हैं । ऐसी स्थिति में यदि पार्टी राष्ट्रीय नेतृत्व किसी एक नेता के नाम का ऐलान कर देता है ,की इनके नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा तो, इसका विपरीत प्रभाव पड़ सकता है । इसीलिए माना जा रहा है कि वसुंधरा राजे ,सतीश पूनिया, गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन मेघवाल, ओम माथुर, दीया कुमारी ,राज्यवर्धन सिंह राठौड़ एवं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और इन सब की लड़ाई में गुलाब चंद कटारिया भी इस दौड़ में शामिल है। इन सबसे बचने के लिए शाह का ये बयान पार्टी के लिए असरदार साबित होगा।

99 वसुंधरा राजे इन और 100प्लस वसुंधरा आउट

राजनीति के जानकारों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी 2023 के विधानसभा चुनाव में 100 सीटों से ज्यादा सीटों पर चुनाव जीतती है, यदि भाजपा 110 सीट जाती है फिर राष्ट्रीय नेतृत्व वसुंधरा राजे को कभी मुख्यमंत्री नहीं बनने देगा और वह किसी नए नाम पर मोहर लगा देगा जैसा कि हरियाणा, उत्तराखंड, गोवा और हिमाचल प्रदेश में किया गया है। लेकिन यहां पर जनता पार्टी 100 से कम सीट जीतती है, या इसके आसपास सीटें जीतती है। यानी माइनस सौ रहती है तो फिर वसुंधरा को ही प्रदेश की कमान सौंपी जाएगी क्योंकि फिर वही जोड़ जोड़ करके सरकार बना सकेगी।

राजें कर सकेंगी जोड़ तोड़

फिर यहां सरकार बनाने का जिम्मा वसुंधरा राजे के पास रहेगा क्योंकि फिर वसुंधरा राजे अपने समर्थक विधायकों के साथ जोड़-तोड़ करके सरकार बना सकती हैं। इसीलिए पार्टी नेतृत्व नेतृत्व कभी भी, किसी भी नेता को चुनावी चेहरा घोषित नहीं करेगा।

सतीश पूनियां बनें रहेंगे अध्यक्ष

माना जा रहा है कि अब पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां को भी नहीं छेड़ेगी। सतीश पूनिया पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे । संघ भी यही चाहता है कि अभी किसी तरह का बदलाव नहीं होना चाहिए। जो नेता मुख्यमंत्री की लड़ाई में है वह भ्रम जनता में बना रहना चाहिए । पार्टी का चेहरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा ही होना चाहिए । किसी भी एक नाम को आगे करने पर इन नेताओं की आपसी लड़ाई का नुकसान पार्टी को नहीं उठाना पड़ेगा। पार्टी 100 सीटों से ज्यादा जीत कर आती है तो पार्टी फिर किसी को भी मुख्यमंत्री का ताज पहना देगी क्योंकि पार्टी में मोदी के बाद अमित शाह और उनके बाद योगी आदित्यनाथ का नाम आने लगा है। ऐसे में यदि वसुंधरा राजे को पहले से ही मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया जाता है, तो फिर वह भी उस लड़ाई में शामिल हो जाएगी।

मोदी के सामने नई चुनौती ?

इसलिए बीजेपी का राष्ट्रीय नेतृत्व कभी भी मोदी के लिए एक और नया प्रतिद्वंदी राष्ट्रीय स्तर का नेता तैयार नहीं करना चाहेगा। यदि राजस्थान में सौ से ज्यादा सीटें भारतीय जनता पार्टी जीतती है तो ऐसी स्थिति में केंद्रीय नेतृत्व किसी को भी मुख्यमंत्री बना सकता है, जैसा कि दूसरे राज्यों में बनाया गया है। लेकिन 100 से कम सीटों पर जीतने पर वसुंधरा राजे को आगे किया जाएगा । मतलब बीजेपी – 100 – रहती है तो वसुंधरा इन और 100 प्लस आने पर वसुंधरा राजें आउट। फिर पार्टी वसुंधरा राजे को और कोई जिम्मेदारी दे सकती है । यही कारण है कि राजस्थान में वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया गया।

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