हैरिटेज को मिलेगी पहली मुस्लिम महिला महापौर?

विधायकों ने विरोध किया तो हो जाएगा चुनावों में पत्ता साफ

37 मुस्लिम पार्षदों की ताकत के आगे झुके नेता

मुस्लिम नेताओं का भी बढ़ रहा है दबाव

मुस्लिम पार्षदों ने दी बगावत की चेतावनी

13 हज़ार के लिए 4 लाख 50 हज़ार की नाराजगी पड़ेगी भारी


जयपुर। हैरिटेज नगर निगम महापौर मुनेश गुर्जर की कभी भी छुट्टी हो सकती है। कांग्रेस नेतृत्व ने भी कांग्रेस और निर्दलीय पार्षदों के तीखे तेवरों के बाद इस बात का निर्णय लिया है। इसका सबसे बड़ा कारण जयपुर  हैरिटेज में 37 मुस्लिम पार्षदों का लामबद्द होना है। क्योंकि जयपुर में कांग्रेस का सबसे बड़ा वोट बैंक मुस्लिम ही है। सबसे ज्यादा पार्षद भी कांग्रेस के मुस्लिम ही जीते है।  इसके बावजूद ् कांग्रेस पार्टी ने जयपुर हैरिटेज में ओबीसी महिला के नाम पर मुनेश गुर्जर को महापौर बना दिया। जिसका कांग्रेस के पार्षद पहले दिन से ही विरोध कर रहे है। बहुमत से दूर  निर्दिलीय पार्षदों ने इसलिए कांग्रेस को समर्थन दिया था कि उन्हें चेयरमैनशिप मिलेगी लेकिन वो भी उन्हें नहीं मिली। इसलिए पार्षदों में महापौर के खिलाफ आक्रोश लगातार बढ़ता गया। 

मुस्लिम विधायकों ने ही रोकी थी मुस्लिम महापौर की राह?

राजस्थान के तीन जिलों में महापौर चुने गए। जयपुर, कोटा और जोधपुर में इन तीनों जिलों की बात करें तो इन तीनों ही जिलों में मुस्लिम बहुल है। मुस्लिम समुदाय कांग्रेस का वोट बैंक है। अधिकांश सीटें भी कांग्रेस ने ही जीती थी। इसलिए माना जा रहा था कि किसी न किसी नगर निगम में तो मुस्लिम को महापौर बनाया जाएगा लेकिन कांग्रेस के सीनियर नेताओं ने किसी भी मुस्लिम को महापौर नहीं बनाया। जयपुर , जोधपुर में उपमहापौर का पद देकर शांत कर दिया। लेकिन मुस्लिम समुदाय में इसको लेकर आक्रोश लगातार बढ़ रहा है। वोट हमारा राज तुम्हारा नहीं चलेगा का नारा अंदर – अंदर ही चल रहा है। बताया जा रहा है कि उस समय तो कांग्रेस के विधायकों ने ही मुस्लिम को महापौर बनने से रोक दिया। मुस्लिम विधायकों को डर था कि आज महापौर बना दिए गए तो ये फिर  विधायक का टिकट मांगेगे इसलिए ओबीसी महिला के नाम पर एकमात्र जीतकर आई मुनेश गुर्जर को महापौर बना दिया गया। लेकिन जयपुर में करीब साढ़े चार लाख मुस्लिम मतदाताओं की नाराजगी कांग्रेस के विधायकों के लिए अगले चुनावों में गलफांस बन सकती है। इसलिए अब मुस्लिम समाज की नाराजगी को भांपते हुए कांग्रेस विधायक भी दबे मुंह पार्षदों के विरोध के आधार पर मुस्लिम समाज की ओबीसी महिला को महापौर बनाने के पक्ष में खड़े होने लगे है। क्योंकि यदि किसी भी विधायक ने मुस्लिम महिला को महापौर बनने से राह में रोड़ा अटकाया तो कम से कम जयपुर में उसका जीतना मुश्किल है। भले ही वो प्रताप सिंह खाचरियावास हो, महेश जोशी हो, अमीन कागजी  हो या फिर रफीक खान। इसलिए अब सभी विधायक भी इस बात को भली – भांति समझ गए कि ज्यादा दिन दबाया नहीं जा सकता है। इसलिए मुस्लिम ही नहीं प्रताप सिंह खाचरियावास और महेश जोशी भी  मुस्लिम महिला को महापौर बनने में रोड़ा नहीं अकटाएंगे। क्योंकि 13 हजार गुर्जर मतदाताओं में से जयपुर में सौ फीसदी तो कांग्रेस को मिलते नहीं होंगे। लेकिन मुस्लिम वर्ग के 100 में से 90 फीसदी वोट कांग्रेस को ही मिलते है। इसलिए कांग्रेस पार्टी के नेता कोई रिस्क नहीं उठाना चाहते है। 

देशभर में जाएगा मैसेज

37 कांग्रेसी पार्षदों की नाराजगी को यदि समय रहते कांग्रेस नेतृत्व नहीं समझा और सबने पासा पलटकर बीजेपी का दामन थाम लिया तो  कांग्रेस पार्टी की बड़ी बदनामी होगी। इसलिए कल तक जो विधायक बड़ी- बड़ी बातें कर रहे थे उन्हें भी डर है कि चुनाव लड़ने तो उन्हें भी उन्हीं के बीच जाना होगा। यदि मुस्लिम वर्ग की नाराजगी उनके खिलाफ हो गई तो उनका खुद का चुनाव जीतना मुश्किल हो जाएगा।  इसलिए  विधायकों ने भी अब नाराज पार्षदों की आड़ में मुस्लिम महापौर का समर्थन अंदरखाने करना शुरु कर दिया। मुस्लिम समाज के लोगों का कहना है कि यदि किसी भी विधायक ने मुस्लिम मेयर बनने में रोड़ा अटकाया तो वो भी अगला चुनाव नहीं जीतेगा। क्योंकि उन्हें वोट तो मुस्लिम का चाहिए ही। यदि किसी विधायक के बारे में जानकारी मिलती है तो मुस्लिम समाज उसे सबक सिखाएगा। इसलिए माना जा रहा है कि सभी विधायक भी अब पार्षदों के साथ खड़े होंगे और जयपुर को पहली मुस्लिम महिला मेयर मिलेगी। जयपुर में मुस्लिम महापौर बनने से देशभर के मुस्लिम समुदाय में मैसेज जाएगा। इसलिए कांग्रेस इसे जल्द ही करेगी। वर्तमान में एससी के बाद मुस्लिम वर्ग की कांग्रेस का बड़ा वोट बैंक माना जाता है इसलिए इनकी नाराजगी किसी भी नेता के लिए भारी पड़ सकती है। 

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