जयपुर । राजस्थान हाई कोर्ट जयपुर बार एसोसिएशन कार्यकारिणी ने शुक्रवार को बैठक में न्यायालय की छवि को धूमिल करने, न्यायाधीश की अवमानना करने और लंबित अपराधों को छिपाकर करके बीसीआर में रजिस्ट्रेशन करवाने पर एडवोकेट गोवर्धन सिंह और परमेश्वर लाल पिलानिया की बार एसोसिएशन सदस्यता कर दी गई। एसोसिएशन ने बीसीआर जोधपुर को भी पत्र लिखकर दोनों वकीलों की 2 महीने में जांच कर उनकी सनद निरस्त करने का आग्रह किया है । एसोसिएशन ने आदेश में कहा कि सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए गोवर्धन सिंह ने फर्जी वीडियो में मैसेज वायरल करके वकालत के पेशे की आड़ में खुद के निजी स्वार्थों व राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए ऐसा किया है। अध्यक्ष भुवनेश शर्मा व महासचिव गिर्राज प्रसाद शर्मा ने बताया कि गोवर्धन सिंह व परमेश्वर लाल के खिलाफ करीब डेढ़ सौ वकीलों ने शिकायत में अभ्यावेदन दिया था। इनमें दोनों वकीलों पर न्यायपालिका की गरिमा व वकील समुदाय की छवि को धूमिल करने ,न्यायालय की अवमानना करने एवं दर्जनों अपराधिक केस लंबित होते हुए भी डीसीआर में तथ्य छिपाकर रजिस्ट्रेशन करवाने की जानकारी दी गई थी । साथ ही बताया कि दोनों ने हाईकोर्ट के जमादार को पहले जबरन ₹100 देकर उसका वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल किया । जिससे न्यायपालिका की छवि धूमिल हुई । यदि न्यायिक कर्मचारी ने कोई राशि मांगी थी तो उन्हें हाईकोर्ट प्रशासन को इसकी शिकायत करनी चाहिए थी लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया इतना ही नहीं मामले की सुनवाई के दौरान उन्होंने कोर्ट कक्ष में भी अभद्र भाषा का प्रयोग किया और माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी ने दोनों ही वकीलों के खिलाफ आई शिकायतों व अभ्यावेदन ओं पर कार्यवाही कर उन्हें बार एसोसिएशन की सदस्यता से निष्कासित करते हुए उनकी सदस्यता बर्खास्त कर दी है ।

डीसीपी से अभद्र व्यवहार और सोशल मीडिया पर छवि खराब करने का आरोप

आपको बता दें कि 2020 में सदर थाने में तत्कालीन एसीपी डॉक्टर संध्या यादव से कोरोना काल की ही बदतमीजी और अभद्र व्यवहार के खिलाफ उन्होंने कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया था। इस पर अलग अलग स्तर पर 4 जांच कमेटियों ने जांच की ऒर चारो में गोवर्धन सिंहशुरू की करने से जुड़े मामले में दोनों वकीलों की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट की रोक थी हाईकोर्ट की बुधवार को गिरफ्तारी से रोक हटने के बाद पुलिस ने गोवर्धन सिंह को हाईकोर्ट परिसर के बाहर से गिरफ्तार किया था गोवर्धन सिंह ने डीसीपी डॉक्टर संध्या यादव को लेकर सोशल मीडिया पर भी कई अभद्र टिप्पणियां वायरल की थी और उनके चरित्र हरण किया था साथी उन्हें जातिगत रूप से भी प्रताड़ित किया था इसके आधार पर संध्या ने गोवर्धन सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था जिस पर 4 बार अलग-अलग अधिकारियों की टीमों ने जांच कर आरोपी गोवर्धन सिंह को दोषी माना था ।इस दौरान गोवर्धन सिंह ने राजस्थान हाई कोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे ले लिया था । जैसे ही इससे स्टे हटने के साथ ही पुलिस ने गोवर्धन सिंह को हाई कोर्ट परिसर के बाहर स्थित सड़क से ही गिरफ्तार कर लिया था।

हथियार लाइसेंस भी होगा रद्द

सदर पूर्व महिला एसीपी के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी के मामले में पकड़े गए आरोपी गोवर्धन सिंह का हथियार लाइसेंस भी निरस्त होगा । इसके लिए जयपुर पुलिस ने शुक्रवार को बीकानेर जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर आरोपी का हथियार लाइसेंस रद्द करने के लिए लिखा है। इसके साथ ही आरोपी के ऑफिस से ही जप्त किए गए कंप्यूटर ,सीपीयू ,मोबाइल के दस्तावेज की जांच करने के लिए सीएसटी की टीम का गठन किया गया है । बताया जा रहा है कि गोवर्धन सिंह पर वीडियो वायरल करने के नाम पर और सूचना के अधिकार के तहत सूचनाएं एकत्रित कर लोगों को ब्लैकमेल करने के दर्जनों मामले लंबित है ।ऐसे में आने वाले समय में गोवर्धन सिंह की परेशानियां बढ़ सकती है ।

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