बांध पुनर्भरण पर नेताओं के वादे खोखले

सीएम गहलोत की बजट घोषणा का इंतजार

पीएम मोदी वसुंधरा राजे भी नहीं उतरी वादे पर खरी

सुमेरपुर (अरविंद कुमार जोशी) जोधपुर संभाग के सबसे बड़े जवाई बांध में पानी की आवक शुरू हो गई है । जवाई बांध के सेई बांध से मंथन गति से पानी की आवक जारी है। बुधवार सुबह तक जवाई बांध का जलस्तर 26.60 फिट हुआ। पिछले 1 सप्ताह से इंद्रदेव की नाराजगी के चलते जवाई बांध में पानी की आवक नहीं हुई थी लेकिन अब इंदर भगवान की मेहरबानी से जवाई बांध में पानी की आवक शुरू हुई है। लेकिन अभी भी जवाई बांध करीब 35 फीट खाली पड़ा है।जवाई बांध की कुल भराव क्षमता 61.25 फिट है ।

जोधपुर संभाग का सबसे बड़ा बांध

जोधपुर संभाग का यह सबसे बड़ा बांध है। इस बार पूरी तरह खाली भी हुआ है। इस कारण पूरे जिले में पानी का संकट गहराया हुआ है। पाली शहर में तो वाटर ट्रेन से पानी की सप्लाई शुरू हुई थी, एवं सुमेरपुर,तखतगढ़ और आसपास के कस्बों में ,आसपास के सैकड़ों गांव में स्थानीय कुओ से ही पानी की सप्लाई करनी पड़ी थी जवाई बांध में पानी की आवक होने के बाद जिले भर में जवाई बांध की पानी की सप्लाई शुरू कर दी गई है इस कारण अब जिले में पीने के पानी की समस्या का समाधान हुआ है जवाई बांध को पुनर्भरण को लेकर राज्य की सबसे बड़ी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों ही समय-समय पर बड़े दावे करती है लेकिन धरातल पर काम नहीं होने से स्थानीय लोगों में नाराजगी है जवाई बांध पर राजनीतिक पार्टियां राजनीतिक रोटियां सेकते हुए दिखाई देती है । जवाई बांध को लेकर स्थानीय राजनेता भी गंभीर दिखाई नहीं दे रहे हैं ।

गहलोत सरकार के बजट पर काम शुरू होने का इंतजार

वर्तमान में गहलोत सरकार ने सेई बांध की चौड़ी करने के लिए बजट में 100 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी थी जिस पर अब काम शुरू हो चुका है। वही इस बजट में मुख्यमंत्री गहलोत ने जवाई बांध पुनर्भरण को लेकर 3000 करोड रुपए की घोषणा भी की है। अब देखना यह है कि इस घोषणा पर कब से काम शुरू होता है या सिर्फ यह चुनावी घोषणा ही रह जाती है।

वसुंधरा का वादा हुआ थोथा साबित

पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने भी जवाई बांध के पुनर्भरण के लिए सुमेरपुर में विशाल चुनावी सभा की थी और इस सभा में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जवाई बांध को पुनर्भरण को लेकर करीब 6000 करोड की घोषणा की थी। वह घोषणा केवल चुनावी घोषणा साबित हुई और उस पर एक पैसे का भी काम नहीं हुआ। जवाई बांध को पुनर्भरण को लेकर पूर्व विधायक मदन राठौड़ ने कहा था जब तक जवाई बांध पर कार्य शुरू नहीं हो जाता है, तब तक माला नहीं पहनेंगे । ऐसी प्रतिज्ञा भी ले ली ,लेकिन यह प्रतिज्ञा भी सिर्फ खानापूर्ति ही दिखाई दे रहीं है I अब फिर से डेढ़ साल बाद राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर नेताओं ने इस पर राजनीति शुरू कर दी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि नेता राजनीतिक रोटियां सेकने में लगे हुए हैं । लेकिन जनता सब समझती है , जानती है किसने धरातल पर, कौन सी पार्टी काम कर रही है। राजनेताओं पर लोगों को भरोसा नहीं है क्योंकि वह इस मामले में गंभीर कम और राजनीति ज्यादा करते दिखाई देते हैं।

पीएम मोदी का वादा भी निकला थोथा

स्थानीय लोगों का कहना है कि जवाई बांध को लेकर पुनर्भरण के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी समेरपुर में चुनावी सभाओं में घोषणा की थी। लेकिन यह घोषणा सिर्फ चुनावी घोषणा ही साबित हुई। जवाई बांध पुनर्भरण को राज्यसभा सांसद ओम माथुर , समेत भाजपा के कई नेता हर कार्यक्रम में इस पर भाषण बाजी करते दिखाई देते हैं। लेकिन इस पर काम नहीं हुआ है। इसी तरह कांग्रेस के बड़े नेता भी कार्यक्रमों में जवाई बांध के पुनर्भरण को लेकर भाषण बाजी करते दिखाई देते हैं। हाल ही में गहलोत सरकार ने भी 3000 करोड़ के बजट की घोषणा की है, पर इस पर अभी तक काम नहीं शुरू हुआ है, ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि जल्दी ही इस पर काम शुरू हो तो जनता का भरोसा लौटे ।

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