जयपुर ।राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में चल रही कांग्रेस सरकार में वैसे तो सभी समाजों की भागीदारी बढ़ी है, लेकिन फिर भी इस बार कांग्रेस ने ब्राह्मण समाज को काफी तवज्जो दी है और लंबे समय बाद गहलोत सरकार में ब्राह्मण समाज का दबदबा बढ़ा है। हालांकि पिछले कुछ सालों से ब्राह्मण समाज कांग्रेस से लगातार दूर हो रहा है । अब ब्राह्मण समाज को भाजपा का मुख्य वोट बैंक माना जाता है । कांग्रेस में 2 से 10 फ़ीसदी ब्राह्मण ही वोट देते हैं ऐसे में जो कांग्रेस का मूल वोट बैंक गहलोत सरकार के इस निर्णय के खिलाफ रोष भी बढ़ रहा है। खासतौर से जब से भाजपा का प्रभाव बढ़ा है तब से ही ब्राह्मण समाज के अधिकांश लोगों का रुझान भाजपा की तरफ बढ़ा है। अयोध्या बाबरी मस्जिद ध्वंस से पूर्व ब्राह्मण समाज का झुकाव कांग्रेस की तरफ ही हुआ करता था। यूपी हो चाहे राजस्थान या मध्य प्रदेश ब्राह्मण समाज के अधिकांश बड़े नेता कांग्रेस में ही होते थे, और ब्राह्मण समाज का वडा वोट बैंक भी कांग्रेस के खाते में ही जाता था। राम मंदिर विवाद के बाद से ब्राह्मण समाज का झुकाव भाजपा की तरफ बढ़ता गया और कांग्रेस से छिटकता गया।
राजस्थान में देखा जाए तो गहलोत सरकार ब्राह्मण समाज पर मेहरबान नजर आई । इसके पीछे ब्राह्मण समाज के विभिन्न संगठनों का लगातार कांग्रेस सरकार पर बढ़ता दबाव भी माना जा सकता है। ब्राह्मण समाज के दर्जनों संगठनों ने पहले दिन से ही कांग्रेस सरकार पर ब्राह्मण समाज को उचित भागीदारी देने की मांग उठाई ।इसका नतीजा है कि गहलोत सरकार को ब्राह्मण समाज को उचित प्रतिनिधित्व देना पड़ा। हालांकि यह कुछ लोगों को अखर रहा है और जो कांग्रेस का मूल वोट बैंक है वह इसका विरोध भी कर रहा है। उनका कहना है कि ब्राह्मण समाज का वोट बैंक कांग्रेस में नाम मात्र का रह गए हैं लेकिन भागीदारी कहीं ज्यादा है ।इसीलिए कांग्रेस पार्टी को हार का सामना भी करना पड़ रहा है ।
राजस्थान में राज्यपाल से लेकर तमाम बड़े पदों पर ब्राह्मण समाज के लोगआसीन है । हालांकि राज्यपाल की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की गई है
लेकिन कांग्रेस सरकार ने विधानसभा अध्यक्ष पद पर डॉ सीपी जोशी ,शिक्षा मंत्री डॉक्टर बी डी कल्ला, जलदाय मंत्री महेश जोशी, आरपीएससी चेयरमैन संजय श्रोत्रिय ,कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष हरिप्रसाद शर्मा, समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष अर्चना शर्मा, खादी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष बृज किशोर शर्मा, राजस्थान सरकार में मुख्य सचिव उषा शर्मा ,राजस्थान पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा, पुलिस विश्वविद्यालय के कुलपति आलोक त्रिपाठी ,70 फीसदी अन्य विश्वविद्यालयों के कुलपति ब्राह्मण समाज से, 3 रेंज आईजी, एक पुलिस कमिश्नर, दो संभागीय आयुक्त, 11 जिलों के एसपी और 7 जिलों के कलेक्टर भी ब्राह्मण समाज से ही है। ऐसे में अन्य समाजों के लोगों में गहलोत सरकार के खिलाफ आक्रोश बढ़ना ही है लगातार मुस्लिम वर्ग, एससी, एसटी, जाट , बिश्नोई, गुर्जर, जैन समाज जिनका 80 फ़ीसदी से ज्यादा वोट कांग्रेस पार्टी को मिलता है उनके संगठन लगातार इस मुद्दे को उठाते रहे हैं सार्वजनिक मंचों से भी यह मुद्दा उठाते हैं सरकार पर आरोप भी लगाते हैं कुछ सचिन पायलट ने भी यह बात सार्वजनिक रूप से कही कि जिसकी जितनी भागीदारी ,उसकी उतनी साझेदारी।