मंहगाई और बेरोजगारी को लेकर लोग भाजपा से नाराज

पार्टी के नेताओं की आपसी खिंचतान भी जिम्मेदार

आम आदमी को कोई रुचि नहीं

कांग्रेस नेताओं ने खाली कुर्सियों का फोटो किया वायरल

जयपुर। राजधानी जयपुर से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 51 जनआक्रोश रैली के रथ रवाना किए। इस दौरान जेपी नड्ड़ा ने जमकर गहलोत सरकार को कोसा। उन्होंने इस बहाने वसुंधरा राजे को भी याद किया और आरोप लगाया कि राजे की योजनाओं के नाम बदलकर गहलोत सरकार वाह- वाही लूट रहे है। लेकिन नड्डा ये भूल गए या फिर उन्हें स्थानीय भाजपा नेताओं ने बताया नहीं की नाम बदलने की शुरुआत तो दरअसल वसुंधरा राजे ने अपने पहले कार्यकाल में कर दिया था। जब उन्होंने जयपुर स्थित राजीव गांधी शिक्षा संकुल का नाम बदलकर राधा कृष्ण शिक्षा संकुल कर दिया था। इसके बाद तो एक के बाद एक करके लगातार योजनाओं के नाम बदलने की होड लग गई  जो आज तक बदस्तुर जारी है।

जेपी नड्डा ने 51रथों को किया रवाना

लेकिन सबसे खास बात है कि इतन बड़े आयोजन में पोस्टर – बैनरों में भले ही वसुंधरा राजे की फोटो लगा दी गई हो, लेकिन स्थानीय जनता ने इस कार्यक्रम के प्रति कोई जोश नहीं दिखाया।  जिसके चलते यहां आयोजित बैठक के लिए रखी कुर्सियां भी खाली रही । खाली कुर्सियों के फोटो जमकर वायरल हुए। हालांकि नेताओं ने कहा कि ये खाली कुर्सियां नड्डा के आने से पहले की है। लेकिन हकीकत ये है कि कार्यक्रम स्थल भाजपा भीड़ जुटाने में असमर्थ रही। इसका सबसे बड़ा कारण लोगों का इस तरह के कार्यक्रमों के प्रति रुचि नहीं दिखाना भी रहा। माना जा रहा है कि भाजपा की आपसी फूट का ही नतीजा है कि भाजपा के आम कार्यकर्ता ने भी इसमें कोई रुचि नहीं दिखाई। अब भाजपा नेता कोई भी बहाना ढुंढ रहे हो लेकिन हकीकत ये ही है। इससे इंकार नहीं किया जा सकता। इससे कांग्रेस को भी भाजपा पर हल्ला बोलने का मौका मिल गया। लोगों का जन ्रआक्रोश रैली को समर्थन नहीं मिल रहा । ऐसी स्थिति में भाजपा को नए सिरे से विचार करना होगा। हालांकि पिछले चार साल से सतीश पूनियां लगातार मेहनत कर रहे है। लेकिन पूनिया को वसुंधरा राजे खेमा बिल्कुल भी सहयोग नहीं कर रहा है। राजे खेमा पेरलर अपने अलग कार्यक्रम चला रहा है। एसेे में पार्टी को संगठन में बढ़ रहे असंतोष पर काबू करना होगा। कार्यकर्ताओं की नाराजगी को दूर करना होगा। जब राजधानी में आयोजित भाजपा के कार्यक्रम में लोगों की भीड़ नहीं जुट रही तो फिर गांवों में कैसे जुटेगी। इससे साफ है कि भाजपा की जन ्  आक्रोश रैली के प्रति लोगों की खास रुचि नहीं है। क्योंकि जिस रफ्तार से महंगाई बढ़ रही है। इसके लिए लोग सीधे भाजपा को जिम्मेदार मानते है इसलिए जिस आक्रोश की बीजेपी सोच रही है वो असल आक्रोश तो खुद भाजपा के खिलाफ लोगों में बढ़ रहा है। इसलिए लोगों का समर्थन जन ् ्आक्रोश रैली को नहीं मिला।  रैली में बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे लेकिन फिर भी विरोधियों ने खाली खुशियों की फोटो खींचकर वायरल की। सदस्यों का कहना है कि जनता भाजपा के साथ है और आने वाले चुनाव में गहलोत सरकार को उखाड़ फेंकेगी। मंच पर जेपी नड्डा के साथ वसुंधरा राजे सतीश पूनिया समेत अन्य नेता मौजूद रहे।

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