जनता के दुख दर्द में हाजिर रहते हैं भारद्वाज 

विकास पुरुष के रूप में बनाई पुष्पेंद्र ने पहचान

सांगानेर के लोग भूले अशोक लाहोटी को 

अब लाहोटी को भी उतरना पड़ रहा सड़कों पर

जयपुर । सांगानेर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके पुष्पेंद्र भारद्वाज ने इलाके में जनसेवक के तौर पर पहचान बनाई है । पुष्पेंद्र भारद्वाज भले ही विधानसभा का चुनाव हार गए।  लेकिन हारने के साथ ही वे लोगों के दुख दर्द बांटने में जुड़ गए और पिछले 4 साल में शायद ही कोई ऐसा दिन होगा, जब वह इलाके के लोगों के साथ भागदौड़ नहीं करते हो।   इलाके में सड़क, बिजली की समस्या हो, पृथ्वीराज नगर में पट्टे दिलाने की बात हो, सड़कें बनवाने की बात हो, या सिविर लाइन डलवाने की बात हो, या फिर पेयजल लाइन का जाल बिछाना हो। इन सब कामों में पुष्पेंद्र भारद्वाज ने बढ़ चढ़कर काम किया है। वे नियमित रूप से न्यू सांगानेर रोड स्थित  कार्यालय पर बैठते हैं।

यही नहीं उन्होंने कार्यालय पर नियमित सुनवाई के लिए अपने प्रतिनिधि भी बिठा रखे हैं। जिस दिन पुष्पेंद्र भारद्वाज जयपुर में नहीं होते उस दिन कार्यालय में बैठे हुए लोग सांगानेर के लोगों की समस्याओं को सुनते हैं ।उन्हें नोट करते हैं और फिर उन समस्याओं का निर्धारण निराकरण करने के लिए पुष्पेंद्र भारद्वाज संघर्ष करते हैं । पुष्पेंद्र भारद्वाज हारे हुए प्रत्याशी  है लेकिन वह आज की तारीख में सांगानेर में मौजूदा विधायक अशोक लाहोटी से कई गुना ज्यादा विकास कार्य करवा रहे हैं।  विकास कार्यों की फैहरिस्त सांगानेर विधायक से ज्यादा पुष्पेंद्र भारद्वाज की ज्यादा है।  पुष्पेंद्र भारद्वाज ने एक अलग पहचान बना ली है ।  इलाके के लोग उन्हे नाम से और शक्ल से पहचानते हैं।  सांगानेर इलाके में जहां भी कहीं पुष्पेंद्र भारद्वाज की जरूरत पड़ती है, पहुंच जाते हैं।  लोगों की समस्याओं के साथ संघर्ष करना उनकी आदत बन गया है। 

विकास कार्यों की बौछार

 उनके प्रयास से मानसरोवर में सबसे बड़ा सिटी पार्क बना है। जिसका हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोकार्पण किया। प्रताप नगर ,सांगानेर ,पृथ्वीराज नगर योजना, दर्जनों  कॉलोनियों में पट्टा दिलवाने के लिए भी लगातार संघर्षरत है। सांगानेर में यदि कोई भी काम करवाना है तो लो अब पुष्पेंद्र भारद्वाज के पास ही जाते हैं आप तो भाजपा के लोग भी करने लग गए यदि कॉलोनी में विकास करवाना है तो भारद्वाज के पास जाना पड़ेगा इससे बड़ी बात नहीं हो सकती है जब जब लोग विधायक को छोड़कर हारे हुए प्रतिनिधि के पास जा रहे हैं और पुष्पेंद्र भारद्वाज भी उसी तरह से बिना गैर हाजरी के लोगों के काम कर रहे हैं पुष्पेंद्र की की कार्यशैली और मिलन सारिता को देखकर कोई कह नहीं सकता कि यह बंदा चुनाव हारा हुआ है और इसके बावजूद भी यह लोगों से इतना जुड़ाव रख रहा है पुष्पेंद्र भारद्वाज की लगातार बढ़ती लोकप्रियता ने मौजूदा विधायक की नींद उड़ा दी है।

मुख्यमंत्री गहलोत से नजदीकी 

पुष्पेंद्र भारद्वाज की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी नजदीकी संबंध है। इसलिए सांगानेर इलाके में होने वाले विकास कार्यों के लिए जब भी पुष्पेंद्र भारद्वाज, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास कोई काम लेकर जाते हैं, तो उनके सब काम प्राथमिकता से हो जाते है। सरकारी कर्मचारियों को भरोसा है यदि काम कराना है तो जाना ही होगा पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से भी अच्छे संबंध है पुष्पेंद्र राहुल गांधी की और टीम में रह चुके हैं इसलिए दिल्ली के नेताओं में भी उनकी अलग पहचान है मुख्यमंत्री से नजदीकी उन्हें फायदा मिलता है और वह मुख्यमंत्री से नजदीकी के चलते इलाके के लोगों के काम करवा रहे हैं राहुल गांधी की टीम में शामिल होने का फायदा उन्हें पहली बार में टिकट मिल गया हालांकि चुनाव हार गए लेकिन वे इस बार भाजपा को भी सिखा दे देंगे ऐसा स्थानीय लोग बोलने लगे हैं।

पुष्पेंद्र से डरे लाहोटी 

सांगानेर के विधायक अशोक लाहोटी भाजपा के टिकट पर चुनाव जीत हो गए लेकिन पिछले 4 साल से उनका संघर्ष के नजर नहीं आया ।वह भाजपा कार्यकर्ताओं से भी दूर  रहे और जो स्थानीय भाजपा नेता है ,उनसे भी दूर रहे, इलाके के लोगों से भी उन्होंने ज्यादा संवाद नहीं रखा। प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी में व्याप्त गुटबाजी के चलते भी   ज्यादा सक्रिय नहीं रहे।  लेकिन जैसे-जैसे उन्हें पुष्पेंद्र भारद्वाज के बढ़ते हुए कद  का एहसास हुआ ,अब घर से बाहर निकलनै लगे हैं । अब जनता के बीच जाना शुरू किया है।  अब तो अशोक लाहोटी ने कई मामलों में पुष्पेंद्र भारद्वाज के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया । लेकिन पुष्पेंद्र भारद्वाज के जनहित में किए गए कार्यों के आगे अब अशोक लाहोटी की भाजपा के लोग भी नहीं सुन रहे हैं। अशोक लाहोटी और पुष्पेंद्र भारद्वाज वैसे भी दोनों पूर्व में महाराजा कॉलेज के अध्यक्ष और उसके बाद राजस्थान यूनिवर्सिटी के भी अध्यक्ष रह चुके हैं । दोनों छात्रा राजनीति से आए हैं और दोनों की अच्छी खासी टीम भी है । लेकिन पुष्पेंद्र भारद्वाज ने विधायक नहीं रहते हुए भी पिछले 4 साल में इलाके में घर-घर में पहचान बना ली है। अब उन्हें नकारना मुश्किल होगा।  युवाओं में खासतौर पर पुष्पेंद्र भारद्वाज की अलग पहचान है ।उन्होंने कांग्रेस के साथ-साथ अपनी एक अलग टीम भी खड़ी कर ली है। उनके इलाके में कई ऐसे कार्यक्रमों ने करवा दिए, जो राजनीतिक पार्टी या नहीं करवाती है। इससे उनका राजनीतिक कद बढ़ रहा है और आने वाले समय में अशोक लाहोटी के लिए पुष्पेंद्र भारद्वाज न केवल चुनौती होगे बल्कि उन्हें पटकनी  भी दे सकते हैं।

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