जयपुर। वरिष्ठ समाजसेवी व पूर्व जिला न्यायाधीश उदय चन्द बारूपाल ने 75 वर्ष की आयु में पीएच.डी. की है। यह सभी वरिष्ठजनों के लिए प्रेरणादायी है। बारूपाल ने ‘‘भारत के आदिवासी समुदाय में विधिक साक्षरता और विधिक जागरूकता की कमी का एक विश्लेषणात्मक अध्ययन (राजस्थान के आदिवासियों के विशेष संदर्भ में)’’ विषय पर पीएच. डी. की उपाधि प्राप्त की है। यह शोध कार्य बारूपाल ने प्रोफेसर (डॉ.) अराधना परमार, डीन स्कूल ऑफ लॉ, अपेक्स यूनिवर्सिटी, जयपुर के निर्देशन में किया है। इस प्रकार बारूपाल ने इस उक्ति को चरितार्थ किया है कि पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती है। उल्लेखनीय है कि बारूपाल उदयकौशल फाउण्डेशन के राष्ट्रीय चैयरमेन व समर्पण संस्था के प्रधान मुख्य सलाहकार है। इस शोध से आदिवासी समुदाय शिक्षा और कानून के संबंध में निश्चय ही लाभान्वित होंगे।

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