जयपुर। प्रदेश में अगले माह से स्कूलों में नए सत्र की पढ़ाई को लेकर एडमिशन होना प्रारंभ हो जायेंगे, इस प्रक्रिया के तहत आरटीई (राइट टू एजुकेशन) के भी एडमिशन होना प्रारंभ हो जायेंगे। जिसको लेकर संयुक्त अभिभावक संघ ने राज्य के शिक्षा विभाग से मांग की है कि उन सभी निजी स्कूलों की मान्यता रद्द की जाए जिन स्कूलों ने आरटीई प्रक्रिया के तहत हुए एडमिशन के बावजूद पूरे सत्र में बच्चों की पढ़ाई रोकी उन सभी स्कूलों की तत्काल प्रभाव से मान्यता रद्द की जाए। साथ ही शिक्षा विभाग यह भी स्पष्ट करे की विधानसभा चुनाव से पूर्व विभाग की लापरवाही से जिन निजी स्कूलों को एक सत्र का दो बार भुगतान हो गया था, उस भुगतान की क्या स्थिति है।

प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा की निजी स्कूलों की यह मांग बेबुनियाद है की जब तक आरटीई प्रक्रिया का बकाया भुगतान नहीं हो जाता है वह नए सत्र में प्रवेश नही देगे। जबकि विधानसभा चुनाव से पूर्व निजी स्कूलों को एक ही सत्र का आरटीई की भुगतान दो बार हो चुका है जिसके बाद से अब तक ना शिक्षा विभाग कुछ बोल रहा है ना निजी स्कूल कुछ बोल रहे है। निजी स्कूल बकाया भुगतान के लिए लामबंद नही हुए है बल्कि यह लामबंदी प्रत्येक नए सत्र प्रारंभ की है हर सत्र में निजी स्कूल कोई ना कोई बहानेबाजी बनाकर विवाद खड़ा करते है और आरटीई प्रक्रिया को प्रभावित कर लाखों बच्चों की पढ़ाई रोककर उनके और अभिभावकों के भविष्य से खिलवाड़ करते है और विवाद खड़ा करने के बाद न्यायालय की शरण में जाकर बच्चों की पढ़ाई का पूरा सत्र ही खराब कर देते है। शिक्षा विभाग को निजी स्कूलों की मनमानियों पर लगाम लगानी चाहिए और सख्त कदम उठाकर आरटीई प्रक्रिया का पालन करवाना चाहिए साथ ही बच्चों का भविष्य सुरक्षित करना चाहिए।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published.