राजसमंद । एक तरफ टिकट मांगने वालों की मारामारी मची है दूसरी तरफ राजसमंद से कांग्रेस पार्टी में पूर्व विधायक सुदर्शन सिंह रावत को टिकट दिया । सुदर्शन सिंह रावत ने यह कहते हुए टिकट लौटा दिया कि वह विधानसभा चुनाव हार चुके हैं ,ऐसे में वह रणनीतिक रूप से भी और किसी भी तरीके से लोकसभा का चुनाव लड़ने में असक्षम है ।उन्होंने पूर्व में ही पार्टी के नेतृत्व को कह दिया था की टिकट किसी उचित व्यक्ति को दिया जाए, जिसकी चुनाव लड़ने की इच्छा शक्ति हो और जिसने तैयारी की हो । किसी युवा को टिकट दिया जाना चाहिए। सुदर्शन सिंह रावत में बाकायदा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को एक पत्र लिखा है और कहा है कि यह टिकट किसी योग्य और उचित व्यक्ति को दिया जाए जो यहां से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा हो। क्योंकि मैं चुनाव लड़ने में पूरी तरह से असमर्थ हूं ,2 महीने से मैं विदेश में था और जब पार्टी नेतृत्व ने मेरे से इस बारे में जानकारी ली थी तो मैं स्पष्ट मना कर दिया था, ऐसे में कांग्रेस पार्टी को यहां पर नए सिरे से सोचना होगा। सुदर्शन सिंह रावत के चुनाव लड़ने से इनकार करने के बाद अब कांग्रेस पार्टी यहां किसी नए चेहरे की तलाश में जुटे गई है। लेकिन कांग्रेस पार्टी के लिए किरकरी है ।जहां एक तरफ भारतीय जनता पार्टी के चुनाव लड़ने की और भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की दूसरे ही पार्टियों के नेताओं में भी होड़ मची हुई है दूसरी तरफ आजादी से भी पहले की राजनीतिक पार्टी कांग्रेस पार्टी में लोग टिकट मिलने के बाद टिकट लौटा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी में भी कई सीटों पर चुनाव लड़ने वालों की लंबी कतार लगी हुई है। कई लोग टिकट की दौड़ में है नहीं दूसरी तरफ राजसमंद जैसी सीट पर पूर्व के युवा विधायक सुदर्शन सिंह रावत ने खुद ने टिकट मिलने के बाद चुनाव लड़ने से ही इनकार करके कांग्रेस की परेशानी बढ़ा दी है ।जहां उनका मुकाबला भाजपा की महिमा सिंह विश्वेश्वर सिंह से होना था। निश्चित तौर पर कांग्रेस पार्टी के लिए कांग्रेस नेताओं के लिए सोने का विषय है इस समय कांग्रेस पार्टी बड़े ही अलग दूर से गुजर रही है जहां नेताओं में पहले टिकट लेने की कोड मची रहती थी वहां अब टिकट मिलने के बाद भी चुनाव लड़ने से इनकार करना गंभीर मामला है।

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