जो विधायक ही बताएगा उसके साथ रहेंगे

अमित शाह राहुल के पास जाने से भी गुरेज नहीं

जयपुर। राजस्थान में बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए सभी 6 विधायकों की सदस्यता खतरे में है। सुप्रीम कोर्ट ने दल बदल कानून के तहत विधायकों से अंतिम जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट के जवाब मांगने से बसपा विधायकों की हवा उड़ गई है और सब की विधायकी खतरे में है। ऐसे विधायकों को बसपा सुप्रीमो मायावती की शरण में भी जाना पड़ सकता है। बसपा विधायक राजेंद्र गुड्डा ,वाजिद अली, संदीप कुमार, लाखन सिंह दिल्ली पहुंच गए हैं ।और वह दिल्ली में राजनीतिक संरक्षण के लिए अब भटकते नजर आ रहे हैं । इन विधायकों का कहना था जरूरत पड़ने पर विधायक अपने मूल पार्टी की मुखिया मायावती से मिल सकते हैं । विधायक राहुल गांधी अमित शाह और अन्य नेताओं से मिल सकते हैं, जबकि दूसरी ओर बसपा विधायक अवाना और दीपेंद्र खेरिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलकर इस मामले में समाधान निकालने की अपील की है। राजेंद्र गुड्डा का कहना है कि इस मामले का समाधान कानूनी पहलू पर जाकर होगा। चारों विधायक सुप्रीम कोर्ट में जवाब पेश करने पर राय ले रहे हैं । वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे गुड्डा का तो यहां तक कहना है कि हम सुप्रीम कोर्ट से मिले इस नोटिस के बाद सदस्यता बचाने के लिए कानूनी उपाय करने दिल्ली जा रहे हैं । हमारे 3 साथी पहले से ही दिल्ली में थे हमारा हमारा अपना घरबचाने के लिए कुछ भी करेंगे। राहुल गांधी समेत सबसे मिलेंगे। वहीं संदीप यादव ने कहा कि हमें सदस्यता बचानी है तो मायावती, अमित शाह, राहुल जो भी सहारा देगा उन सब से मिलेंगे । इनमें से जो भी हमारी सदस्यता बचाएगा हम उसके साथ ही चले जाएंगे । हालांकि इन सबके चले जाने के बाद भी राजस्थान में केवल उसको सरकार को कोई खतरा नहीं है । इन छह विधायकों को हटा भी दिया जाए तो गहलोत सरकार के पास एक 116 विधायकों का समर्थन है जबकि सरकार चलाने के लिए 102 विधायक होना जरूरी है।

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